अनाज में बाजरा का उपयोग गेहूं और चावल के बाद सबसे ज्यादा किया जाता है। यह फाइबर तथा पोषक तत्वों से भरपूर है। इस अनाज को मिलेट के अंतर्गत रखा गया है। इस प्रमुख अनाज को एक समय पर गरीबों का अनाज कहा जाता था। स्वास्थ्य के प्रति लोगों की जागरूकता और गेहूं तथा चावल का अत्यधिक ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ग्लाइसेमिक लोड लोगों को बाजरा की तरफ आकर्षित कर रहा है। बाजरे की दलिया , खिचड़ी ,उपमा , चूरमा , रोटी , लस्सी , हलवा खाने के लिए बनाया जाता है।
बाजरा क्या है ?
मिलेट के अंतर्गत कई अनाज सम्मिलित हैं ,जिनमें से बाजरा भी एक है। यह एक ऐसा फसल है जिसे पशु और मनुष्य दोनों के लिए उगाया जाता है। इसकी खेती मुख्य रूप से विकासशील देशों में की जाती है। इसे उगाने के लिए पानी की ज्यादा आवश्यकता नहीं होती। यह सूखे क्षेत्रों में उच्च तापमान में भी आसानी से उगाया जाता है। भारत में इसकी खेती मुख्य रूप से राजस्थान , महाराष्ट्र , गुजरात ,उत्तर प्रदेश , हरियाणा ,आंध्र प्रदेश और पंजाब में होती है। इसे अंग्रेजी में Pearl Millet /पर्ल मिलेट कहते हैं। भारत में उगाये जाने वाले बाजरे की किस्म Pennisetum glaucum है। यह Poaceae family के अंतर्गत आता है। यह फसल बढ़ते समय मक्की
के पौधे की तरह दिखाई देती है।
बाजरा में पाए जाने वाले पोषक तत्व
पोषक तत्व /Nutrients | बाजरा/pearl millet (100 gm ) | गेहूं /wheat (100gm) |
Protein ( g) | 11.8 | 11.6 |
Fat (g) | 4.8 | 2.0 |
Fiber (g) | 2.3 | 2.0 |
Carbohydrate( g) | 67.0 | 71.0 |
Energy (Kcal) | 363.0 | 348.0 |
Calcium ( mg) | 42.0 | 30.0 |
Iron (mg) | 11.0 | 3.5 |
Vitamin B1 (mg) | 0.38 | 0.41 |
Vitamin B2 (mg) | 0.21 | 0.10 |
Vitamin B3 (mg) | 2.80 | 5.10 |
Glycemic Index | 60.0 | 70.0 |
Glycemic load | 40.50 | 52.0 |
ऊपर दिए गए टेबल में हमने देखा 100 gm बाजरा और 100 gm गेहूं में पाए जाने वाले पोषक तत्व | आप देखेंगे कि कई पोषक तत्वों की मात्रा बाजरा में गेहूं से ज्यादा है | इसके अतिरिक्त बाजरा में कॉपर , मैग्निसियम , मैंगनीज , सेलेनियम, पोटैशियम ,फ़ास्फ़रोस , फोलिक एसिड , विटामिन B5 ,विटामिन B6 , विटामिन C , विटामिन E और विटामिन K भी मौजूद है।
बाजरा के फायदे
1.कोलेस्ट्रॉल कम करने में फायदेमंद
बाजरा में उपस्थित फाइबर शरीर की सफाई करने तथा बैड कोलेस्ट्रॉल LDL को कम करने में मदद करता है | इसका सेवन किया जाये तो गुड कोलेस्ट्रॉल HDL का लेवल बढ़ता है |
2.हाई ब्लड प्रेशर कम करता है
दिल को सुरक्षित रखने और हार्ट अटैक के खतरे को कम करने के लिए मैग्निसियम और पोटैशियम दो महत्वपूर्ण खनिज हैं। बाजरा में ये दोनों ही खनिज मौजूद हैं। मैग्निसियम मांसपेशी को आराम देती है तथा पोटैशियम सोडियम के प्रभाव को कम कर रक्त वाहिकाओं / ब्लड वेसल्स में ब्लड का वॉल्यूम मेन्टेन कर के रखता है। जिससे हाई ब्लड प्रेशर में कमी आती है |
3.डायबिटीज में फायदेमंद है बाजरा
बाजरा का ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ग्लाइसेमिक लोड गेहूं की अपेक्षा कम है। साथ ही इसमें फाइबर की मात्रा अच्छी होती है | इसके सेवन से ब्लड में ग्लूकोज का लेवल बहुत अधिक नहीं बढ़ता तथा बार – बार भूख भी नहीं लगती | इसमें मैग्निसियम की मात्रा भी अच्छी है जो इन्सुलिन सेंस्टिविटी को बढाती है जिससे इन्सुलिन की प्रतिक्रिया ग्लूकोज के प्रति सही रहती है | इस तरह इसका नियमित सेवन डायबिटीज के प्रभाव को कम करता है |
4.कैंसर में भी फायदेमंद है बाजरा
कैंसर से बचाव के लिए फाइबर युक्त भोजन आवश्यक है | कैंसर के लिए जिम्मेदार होता है फ्री रेडिकल्स | फ्री रेडिकल्स ज्यादा होने पर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ जाता है | इसे कम करने के लिए एंटीऑक्सिडेंट्स की आवश्यकता होती है | बाजरा एंटीऑक्सिडेंट्स समृद्ध अनाज है | इसमें कॉर्सेटिन , सेलेनियम और विटामिन B 5 होते हैं जो कैंसर सेल के वृद्धि को रोकने का काम करते हैं |
5.एनीमिया दूर करने में फायदेमंद है बाजरा
बाजरा आयरन का बहुत बढ़िया श्रोत है। इसमें आयरन के बेहतर अवशोषण के लिए फोलिक एसिड और विटामिन C भी मौजूद है। इसमें कॉपर की भी अच्छी मात्रा है जो लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में मदद करता है। इस तरह ब्लड में हीमोग्लोबिन की मात्रा अच्छी रहती है और एनीमिया रोग दूर हो जाता है |
6.पाचन शक्ति बढाने में फायदेमंद
बाजरा फाइबर से भरपूर है जो हमारे पाचन प्रणाली को स्वस्थ रखने में मदद करता है | इससे कब्ज ,गैस , पेट फूलना और ऐंठन जैसी समस्या समाप्त हो जाती है। पाचन तंत्र स्वस्थ रहने से पोषक तत्व आंत के द्वारा अच्छे से अब्सॉर्ब किये जाते हैं। इसमें मौजूद अघुलनशील /क्रूड फाइबर कब्ज से बचाता है। यह मेटाबोलिज्म को भी सही करने का काम करता है | मेटाबोलिज्म सही होने से किडनी ,लिवर और इम्यून सिस्टम भी बेहतर स्थिति में रहते हैं |
7.बाजरा ग्लूटिन फ्री अनाज है
जिन लोगों को व्हीट एलेर्जी होती है ,उन्हें ग्लूटिन नहीं पचता। गेहूं से बनी चीज़े खाने से पेट दर्द की समस्या उन्हें होती है। बाजरा उनके लिए बहुत अच्छा विकल्प है। ग्लूटिन फ्री होने के कारण ऐसे लोग बाजरे का सेवन कर उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त कर सकते हैं |
8.वजन कम करने में फायदेमंद
बाजरा फाइबर युक्त होता है | इसे पचने में समय लगता है | इसे खाने के बाद बार-बार भूख नहीं लगती और हम एक्स्ट्रा कैलोरी लेने से बच जाते हैं। जिससे वजन कम होने लगता है।
9.अस्थमा में भी फायदेमंद है बाजरा
रिसर्च में पाया गया है कि जिन लोगों को बचपन से अस्थमा थी , वे बाजरा खाना शुरू किये तो अस्थमा के अटैक में 15 % की कमी आयी | यह अस्थमा को विकसित होने से भी रोकता है |
10.पित्त में पथरी बनने से रोकता है बाजरा
पित्ताशय की पथरी को रोकने में अघुलनशील फाइबर बहुत ही उपयोगी होता है | यदि भोजन में फाइबर की उच्च मात्रा हो तो पित्त में पथरी बनने का खतरा कम रहता है क्योंकि आंत में भोजन को एक अवस्था से दूसरे अवस्था तक पहुँचने में समय लगता है। इससे पित्त के श्राव में भी कमी आती है। इस तरह पथरी बनने का खतरा कम जाता है |
11.बाजरा के फायदे त्वचा के लिए
बाजरा में L -लाइसिन और L प्रोलिन एमिनो एसिड पाए जाते हैं जो कोलेजन निर्माण में मदद करते हैं। यह त्वचा में लचीलापन बरकरार रखता है और झुर्रिया कम करता है |
बाजरा का सेवन किया जाये तो इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स स्ट्रेस कम कर त्वचा की कोशिकाओं को फिर से जीवंत करके त्वचा के उचित स्वास्थ्य को बनाये रखते हैं | इसमें सेलेनियम ,विटामिन E और विटामिन C होते हैं जो सूर्य किरणों से त्वचा की रक्षा करते हैं | यह त्वचा को कैंसर से भी बचाते हैं |
12.बाजरा का सेवन बेहतर नींद के लिए
इसमें मौजूद ट्रीप्टोफेन शरीर में सेरोटोनिन के स्तर को बढ़ाता है | सेरोटोनिन तनाव को कम करने में मदद करता है | इस तरह बाजरा का सेवन अच्छी नींद का कारण भी बनता है |
13.बाजरा के फायदे बालों के लिए
बाजरा पोषक तत्वों से परिपूर्ण है | यह मेटाबोलिज्म को बेहतर बनाकर रखता है तथा पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है | फलस्वरूप पोषक तत्वों का अवशोषण ढंग से हो पाता है | इसमें मौजूद पोषक तत्व बालों को झड़ने से रोकते हैं , एग्जिमा और रूसी जैसी परेशानी को भी कम करते हैं |
उपयोग कैसे करे
बाजरा गर्म होता है। इसलिए सर्दियों में इसे ज्यादा पसंद किया जाता है। बाजरे की खिचड़ी और बाजरे की रोटी लोग ज्यादा पसंद करते हैं। यह बहुत पौष्टिक होता है ,इसलिए गर्मी में भी इस अनाज का सेवन करें। गर्मी में बाजरे की रोटी के जगह बाजरे की भात और खिचड़ी बनायी जा सकती है। इसके लिए बाजरे की ऊपरी परत हटाने के बाद,इसे 6 – 8 घंटे के लिए भिंगो दें।जिस पानी में बाजरा भिंगोये ,उसी पानी में इसे पकाये।एक कप बाजरा पकाने के लिए 9 से 10 कप पानी की आवश्यकता होती है। कुकर के जगह खुले बर्तन का या मिट्टी के बर्तन का प्रयोग करे।
नुकसान
- बाजरा गरम होता है। गर्मी में इसे पकाने में सावधानी नहीं रखी गयी तो पेट की समस्या शुरू हो जाती है।गर्मी के दिनों में 6 – 8 घंटे पानी में भिंगोने के बाद ही इस अनाज का प्रयोग करें ।
- बाजरा में गोईट्रोजेनिक पदार्थ भी होते हैं ,जो शरीर में आयोडीन के अवशोषण को रोकते हैं। जिससे घेघा या अन्य थाइरोइड सम्बन्धी समस्या हो सकती है। इसे पकाने के बाद इसका गोईट्रोजेनिक प्रभाव कम होने के जगह बढ़ जाते हैं। इसलिए इसका सेवन प्रतिदिन नहीं करें।
2 Comments
Sanjiv Sharma · December 31, 2020 at 9:35 am
Article is a guiding path for diabetic’s. Thanks a lot for the publisher. Happy New Year.
suss1978 · December 31, 2020 at 5:18 pm
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