जौ की तासीर Archives - Healthy Sansaar https://healthysansaar.in/tag/जौ-की-तासीर/ SEE THE HEALTH THE WAY OUR ANCESTORS SAW Mon, 14 Jun 2021 06:19:59 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7 https://i0.wp.com/healthysansaar.in/wp-content/uploads/2020/09/cropped-HEALTHY-SANSAAR-LOGO-2.png?fit=32%2C32&ssl=1 जौ की तासीर Archives - Healthy Sansaar https://healthysansaar.in/tag/जौ-की-तासीर/ 32 32 180658306 जौ के फायदे , जौ के पानी के फायदे , जौ के प्रकार / Barley benefits in Hindi https://healthysansaar.in/%e0%a4%9c%e0%a5%8c-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ab%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%a6%e0%a5%87-%e0%a4%9c%e0%a5%8c-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%ab%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%a6%e0%a5%87-barley-benefit/?utm_source=rss&utm_medium=rss&utm_campaign=%25e0%25a4%259c%25e0%25a5%258c-%25e0%25a4%2595%25e0%25a5%2587-%25e0%25a4%25ab%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25af%25e0%25a4%25a6%25e0%25a5%2587-%25e0%25a4%259c%25e0%25a5%258c-%25e0%25a4%25aa%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25a8%25e0%25a5%2580-%25e0%25a4%25ab%25e0%25a4%25be%25e0%25a4%25af%25e0%25a4%25a6%25e0%25a5%2587-barley-benefit https://healthysansaar.in/%e0%a4%9c%e0%a5%8c-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ab%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%a6%e0%a5%87-%e0%a4%9c%e0%a5%8c-%e0%a4%aa%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%ab%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%a6%e0%a5%87-barley-benefit/#respond Sat, 10 Apr 2021 12:41:40 +0000 https://healthysansaar.in/?p=875 बाजरा और ज्वार की तरह जौ भी पुराना अनाज है। गेहूं ,जौ और जई तीनों एक ही फैमिली के सदस्य हैं। तीनों एक जैसे दिखते भी हैं। जिन्होंने गेहूं पिसवा के आटा तैयार किया होगा , उन्होंने गेहूं में जौ और जई भी देखा होगा। जई को ओट के नाम Read more…

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जौ के फायदे

बाजरा और ज्वार की तरह जौ भी पुराना अनाज है। गेहूं ,जौ और जई तीनों एक ही फैमिली के सदस्य हैं। तीनों एक जैसे दिखते भी हैं। जिन्होंने गेहूं पिसवा के आटा तैयार किया होगा , उन्होंने गेहूं में जौ और जई भी देखा होगा। जई को ओट के नाम से ज्यादा लोकप्रियता मिली है। इन तीनों में ओट सबसे पतला , जौ उससे मोटा और गेहूं उससे मोटा अनाज है। यदि आहार में जौ शामिल किया जाये तो जौ के फायदे चौकाने वाले हैं। इस लेख में हमलोग जौ के फायदे , जौ के पानी के फायदे ,जौ के प्रकार और उपयोग का तरीका जानेंगे। 

जौ क्या है ? बार्ली क्या है ? What is Barley in Hindi ? 

जौ गेहूं के परिवार का ही एक सदस्य है। दोनों पोएसी फैमिली के अंतर्गत आते हैं। गेहूं के पौधे के समान ही जौ का पौधा होता है। गेहूं की तरह जौ की भी बालियां होती है। गेहूं की बाली में प्रत्येक गेहूं के अंतिम छोर पर छोटा नुकीला उभार होता है। जबकि जौ के अंतिम छोर पर लम्बी नुकीली उभार होती है। जौ का पौधा गेहूं से ज्यादा सहनशील और मजबूत होता है। जौ रबी फसल है ,सर्दी में इसकी खेती होती है। जौ किसी भी मिट्टी में आसानी से उगाया जा सकता है। जौ के पौधे को पशु के चारे के लिए भी उपयोग किया जाता है। जौ एक ऐसा अनाज है जिसे विश्व भर में उगाया जाता है। रूस ,अमेरिका ,कनाडा ,जर्मनी और भारत में जौ की उपज सर्वाधिक होती है। 

जौ के फायदे
जौ का पौधा /जौ की बाली

जौ के नाम अन्य भाषाओं में  / Names of Barley 

जौ का बोटैनिकल नाम –  Hordeum sativum 

जौ का अंग्रेजी नाम     –   Barley 

संस्कृत में जौ का नाम  – यव 

पंजाबी में जौ का नाम –  नाई , जवा 

तमिल में जौ का नाम  – बारलियारिशि

तेलुगु में जौ का नाम – बारलिबियम / यवक 

गुजराती में जौ का नाम – जौ

उर्दू में जौ का नाम  –  जव

मलयालम में जौ का नाम – जवेगमबु

माराठी में जौ का नाम  – जवा 

जौ की तासीर कैसी होती है ?

जौ की तासीर ठंढी होती है। यह कफ और पित्त दोष को शांत करता है। जौ का पानी और जौ का सत्तू ज्यादा ठंढा होता है। गर्मी में इनका सेवन ज्यादा किया जाता है। जौ की रोटी , जौ का दलिया ,जौ का फ्लेक्स ,पर्ल बार्ली ,जौ का सूप का सेवन हर मौसम में किया जाता है। 

जौ के उपयोग के तरीके , जौ का प्रकार / Types of Barley in Hindi 

जौ का उपयोग करने के लिए इसे अलग अलग रूप में तैयार किया जाता है। यहाँ हम देखते हैं कि जौ को किन – किन तरीकों से अपने आहार में शामिल किया जा सकता है। एक तरह से कहा जा सकता है कि यह जौ के अनेक प्रकार हैं जो बाजार में उपलब्ध हैं। 

साबुत जौ / Unhulled Barley 

इसमें जौ के ऊपरी पतली परत को हटाया जाता है। इसमें इसका अघुलनशील फाइबर / crude fiber अर्थात भूसा /husk साथ में लगा रहता है। इस साबुत जौ से ही जौ का पानी और जौ का सत्तू तैयार किया जाता है। 

चोकर युक्त बार्ली / Hulled Barley 

इसमें जौ का ऊपरी परत अर्थात भूस / husk हटा दिया जाता है। जौ के ऊपरी परत ब्रैन को जौ के साथ ही रहने दिया जाता है। यह जौ के फायदे उठाने का सबसे बढ़िया और पौष्टिक प्रकार है। 

पर्ल बार्ली / Dehulled Barley 

यह जौ का सबसे खूबसूरत रूप कहा जा सकता है। इसमें भूसी और ब्रैन दोनों को हटा दिया जाता है। यह सफ़ेद रंग का होता है। इसे पकने में कम समय लगता है। इसे 6 – 7 घंटे भिगोकर सलाद ,सूप और स्मूदी में डाला जाता है। 

दलिया / Broken Barley 

यह गेहूं के दलिया जैसा ही होता है पर सफ़ेद रंग का होता है। यह दानेदार होता है।यह चोकर युक्त बार्ली को मोटे टुकड़े में तोड़कर तैयार किया जाता है।  इससे उपमा ,बिरयानी ,खीर ,खिचड़ी बनायी जाती है। 

जौ चिवड़ा / Barley Flakes 

साबुत जौ को भिगोकर रखने के बाद इसे चपटा करके और इसके भूसी को अलग कर जौ फ्लेक्स तैयार किया जाता है। ओट की तरह इससे भी कोई भी डिश जल्दी तैयार हो जाती है। इसका फ्लेक्स ओट से मोटा और रेशेदार होता है। 

जौ का आटा / Barley Flour 

चोकर युक्त बार्ली को पीसकर आटा तैयार किया जाता है। इससे रोटी ,पूरी ,हलवा ,बिस्कुट ,ब्रेड आदि तैयार किया जाता है। 

जौ का सत्तू / बार्ली सत्तू 

साबुत जौ को भिगोकर 4 -5 घंटे रखते हैं। उसे 2 -3 घंटे रूम टेम्परेचर पर सूखा कर रोस्ट करते हैं। रोस्ट करने के दौरान सभी जौ अच्छे से तड़कने चाहिए ,नहीं तो यह कच्चा रह जाता है। उसके बाद इसे मिक्सी ,जाता या मिल में पीसकर सत्तू तैयार किया जाता है। 

जौ का सूप / Barley Soup  

जौ का सूप तैयार करने के लिए पर्ल बार्ली ,चोकर युक्त बार्ली या आटा का प्रयोग किया जाता है। इसमें बार्ली को सब्जी के साथ अच्छी तरह पकाया जाता है। सूप बनाने के लिए बार्ली को भिगोकर उपयोग में लाने से यह ज्यादा पौष्टिक होता है। कॉर्न फ्लोर की तरह जौ के आटे को पानी में घोलकर भी सूप तैयार किया जाता है। 

जौ का पानी / Barley water 

यह औषधि की तरह कार्य करता है। इसके लिए साबुत जौ कुट को पानी में 8 से 10 घंटे भिगोकर रखते हैं। सुबह खाली पेट इस पानी को छान कर सेंधा नमक या मिश्री या देसी खाण्ड या गुड़ या शहद के साथ पीते हैं।यह बहुत ठंढा होता है इसलिए जिनकी कफ प्रकृति होती है या सर्दी के मौसम में जौ के पानी को उबालकर और छानकर गुनगुना पीते हैं। 

  10 . जौ के जवारे का रस / Barley Grass Juice  

    व्हीटग्रास जूस की तरह ही इसे भी तैयार किया जाता है। यह भी औषधि की तरह कार्य करता है।  

जौ के पौष्टिक तत्व / जौ के पोषक तत्व / Nutritional Value of Barley in Hindi 

यहाँ 100 ग्राम चोकर युक्त बार्ली और 100 ग्राम पर्ल बार्ली के पोषक  तत्वों को बताया जा रहा है | 

पोषक तत्व चोकर युक्त बार्ली / Hulled Barley ( 100 gm )पर्ल बार्ली / Pearl Barley ( 100 gm )
ऊर्जा / energy (kcal)354352
प्रोटीन / protein (gm)12.59.9
फैट / fat (gm)2.31.2
कार्बोहाइड्रेट/carbs (gm)73.577.7
फाइबर / fiber (gm)17.315.6
कैल्शियम /calcium (mg)3329
आयरन / iron (mg)3.62.5
मैग्नीशियम / magnesium (mg) 13379
फास्फोरस / phosphorus (mg)264221
पोटासियम / potassium (mg)452280
सोडियम / sodium (mg)129
मैंगनीज / manganese (mg)1.91.32
सेलेनियम / selenium (mcg)37.737.7
फोलेट / folate (mcg)1923

बार्ली में विटामिन B1, B3 , B6 तथा अन्य विटामिन B भी मौजूद हैं | इसमें कोलिन की भी मौजूदगी है | इसमें बीटा ग्लूकॉन है जो इसे बहुत खास बना देता है। इन पोषक तत्वों के कारण जौ के फायदे अनंत है। हालांकि इसमें ग्लूटेन भी उपस्थित है। 

जौ के फायदे , जौ के पानी के फायदे / Benefits of Barley in Hindi  

जौ के फायदे लेने हैं तो इसे किसी भी रूप में अपने आहार में शामिल करें ,फायदा होगा। 

1. जौ के फायदे हार्ट के लिए 

जौ को साबुत रूप में लिया जाये जैसे चोकर युक्त जौ और उसका दलिया तो यह ह्रदय स्वास्थ्य के लिए ज्यादा बेहतर होता है। इसमें मौजूद फाइबर LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करता है तथा पोटैशियम की अच्छी मात्रा उच्च रक्त चाप को कम करता है। जौ में मौजूद बीटा ग्लूकॉन के कारण अम्ल पित्त /bile acid जो लिवर में कोलेस्ट्रॉल से बनता है ,मल के साथ बाहर निकल जाता है। इस तरह अम्लपित्त बनाने के लिए  ज्यादा कोलेस्ट्रॉल का उपयोग लिवर द्वारा किया जाता है। इससे कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होने लगता है। साथ ही जौ के सेवन से ट्राइग्लिसराइड का स्तर भी कम होता है और गुड कोलेस्ट्रॉल HDL का स्तर बढ़ता है। यह धमनियों में फैट जमने और प्लाक बनने से भी रोकता है। 

2. जौ के फायदे वजन घटाने में 

जौ फाइबर युक्त अनाज है | इससे बने भोजन दलिया अथवा रोटी खाने से भूख जल्दी नहीं लगती। इसमें मौजूद घुलनशील फाइबर बीटा ग्लूकॉन ,रेसिस्टेंट स्टार्च तथा डाइटरी फाइबर संयुक्त रूप से वजन कम करने में मदद करते हैं। 

3. जौ के फायदे डायबिटीज में 

जौ एक फाइबर युक्त अनाज है। इसे अपने आहार का हिस्सा आरम्भ से ही बना लिया जाये तो डायबिटीज की स्थिति पैदा ही नहीं होगी। जो प्री डायबिटिक हैं अर्थात जिनका इन्सुलिन रेजिस्टेंस ज्यादा है ,वे जौ को आहार में शामिल करते हैं तो उन्हें डायबिटीज होने की सम्भावना कम हो जाती है।  जिन्हें डायबिटीज है वे जौ खाते हैं तो धीरे धीरे उनका डायबिटीज रिवर्स होने लगता है। इसका कारण है इसमें मौजूद फाइबर जिस कारण इसका ग्लाइसेमिक लोड केवल 24 है। जौ खाने के बाद शुगर का स्तर रक्त में कम बढ़ता है और धीरे धीरे बढ़ता है। गेहूं का ग्लाइसेमिक इंडेक्स जहाँ 70 है वहीँ जौ का केवल 28 और गेहूं का ग्लाइसेमिक लोड 52 है जबकि जौ का केवल 24 |  जिन्हें गेहूं की रोटी पसंद है वे जौ की रोटी भी चाव से खा सकते हैं। इसमें मौजूद रेसिस्टेंट स्टार्च के कारण इन्सुलिन की सेंसिटिविटी बढ़ती है परिणामस्वरूप रक्त में शुगर का स्तर कम होने लगता है। 

4. जौ के फायदे पेट सम्बन्धी समस्या में रामबाण की तरह 

जौ में मौजूद डाइटरी फाइबर आंत को स्वस्थ रखने का काम करता है। इसमें लैक्सेटिव गुण होता है जिससे कब्ज की समस्या ठीक हो जाती है। जौ में मौजूद रेसिस्टेंट स्टार्च के कारण आंत में मौजूद बैक्टीरिया ब्यूटिरिक एसिड /butyrate का निर्माण करते हैं। यह फैटी एसिड आंत में ऐसा वातावरण तैयार करता है जो गुड बैक्टीरिया के विकास में मददगार साबित होता है। इससे आंत और कोलोन दोनों स्वस्थ होते हैं। जौ के सेवन से IBS , अल्सरेटिव कोलाइटिस ,कोलोन कैंसर ,पाइल्स तथा आंत के अल्सर जैसी समस्या का समाधान होता है। ब्यूटिरिक एसिड को गट फ्यूल कहा जा सकता है क्योंकि यह गट की लाइनिंग का निर्माण करता है। इससे लीकी गट की समस्या भी ठीक हो जाती है। जौ का पानी गर्मी में आंत को ठंढा रखने के साथ इसे स्वस्थ रखने का भी काम करता है। 

5. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में फायदेमंद है जौ 

जौ की रोटी ,दलिया ,रबड़ी ,जौ का सूप ,जौ का पानी ,जौ के जवारे के रस आदि का सेवन किया जाये तो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। जौ में माइक्रो और मैक्रो दोनों पोषक तत्व भरपूर हैं। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयरन ,जिंक, सेलेनियम , विटामिन बी काम्प्लेक्स ,विटामिन C ,फोलेट ,एमीनो एसिड इत्यादि की आवश्यकता होती है। जौ में ये सभी चीज़ें मौजूद हैं। इसमें कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट्स भी उपस्थित हैं। वीट ग्रास जूस की तरह बार्ली ग्रास जूस भी संजीवनी की तरह कार्य करता है।  

6. जौ के फायदे सर्दी जुकाम तथा बुखार में 

सर्दी जुकाम में जौ फायदेमंद है। इसके लिए साबुत जौ का दरदरा पिसा हुआ दलिया 2 चम्मच एक गिलास पानी में 6 – 7 घंटे के लिए भिगो देते हैं। इसमें एक इंच अदरक का टुकड़ा डालकर 5 मिनट के लिए उबाल लेते हैं। इसे छानकर शहद के साथ या गुड़ के साथ पिया जाता है। इससे सर्दी जुकाम में आराम मिलता है और बुखार हो तो बुखार भी ठीक हो जाता है।  

7. जौ कफ और पित्त को शांत करता है 

कफ और पित्त के बढ़ने के कारण कई तरह की बीमारी हो जाती है। जौ इन सभी बीमारी को ठीक करने में मदद करता है।  जौ की तासीर ठंढी है इसलिए पित्त के बढ़ने से होने वाली समस्या में यह सकारात्मक परिणाम दिखाता है। अलसर ,मुंह में छाले ,शरीर में गर्मी हो गई हो तो जौ का पानी लेना अति उत्तम होता है। कफ बढ़ने की समस्या में जौ का सूप तथा काढ़ा लेना होता है। 

8. जौ घाव भरने में मददगार 

जौ में घाव भरने का गुण होता है। डायबिटिक रोगी को किसी भी तरह का घाव हो जाये तो जल्दी नहीं भरता। कभी कभी यह गैंग्रीन का भी रूप ले लेता है। ऐसी स्थिति में जौ का सेवन करना चाहिए ,इससे घाव जल्दी ठीक हो जाते हैं। ऑपरेशन के बाद घाव भरने के लिए जौ का सूप और दलिया बहुत अच्छा आहार है। 

9. हड्डियों के लिए जौ फायदेमंद  

जौ में मौजूद फास्फोरस ,कैल्शियम ,कॉपर ,मैग्नीशियम और जिंक हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करते है। बोन डेंसिटी को बनाये रखने और हड्डी के विकास के लिए जिंक की आवश्यकता होती है। मजबूत कंकाल तंत्र के लिए केवल कैल्शियम ही नहीं बल्कि मैग्नीशियम ,फास्फोरस और कॉपर की भी आवश्यकता होती है। जौ दांतो को भी मजबूत बनाता है। जौ के नियमित सेवन से हड्डियां पोरस नहीं होती जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा नहीं रहता। 

10. जौ के फायदे गर्भावस्था में 

जौ को 6 -7 घंटे के लिए भिगो कर पकाया जाये तो यह गर्भवती महिला के लिए बहुत अच्छा आहार होता है। गर्भावस्था के दौरान जरूरी है कि भोजन में कैल्शियम , आयरन , फोलिक एसिड और विटामिन बी कॉम्प्लेक्स हो। जौ में यह सभी पोषक तत्व मौजूद है। जौ के सेवन से भ्रूण का विकास सही होता है। गर्भवती महिला का रक्तचाप सही रहता है और  जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा कम जाता है | इसकी तासीर ठंढी होती है | मौसम के अनुसार जौ का पानी या जौ का सूप दिया जा सकता है | जौ की रोटी ,दलिया ,खिचड़ी ,खीर , रबड़ी किसी भी मौसम में खायी  जा सकती है। 

11. जौ के फायदे यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन ( UTI ) में 

जौ की तासीर ठंढी होती है तथा इसमें एंटी बैक्टीरियल प्रभाव देखने को मिलता है। यह इंफ्लामेशन को भी कम करता है। इसलिए UTI में इसका सेवन करना अच्छा परिणाम देता है। पेशाब में जलन की समस्या हो तो जौ का पानी पीना सही रहता है। 

12. जौ ,पानी पीने की तीव्र इच्छा को कम करता है 

कई बार हम कुछ गरम खा लेते हैं ,या कोई दवा ले रहे हों या तबीयत ठीक नहीं हो तो मुंह सूखने की समस्या हो जाती है। डायबिटीज में भी यह समस्या रहती है। पानी पीने के बावजूद प्यास नहीं बुझती। ऐसे में जौ का सत्तू और जौ का पानी अच्छा काम करता है। पित्त दोष के बिगड़ने से भी यह परेशानी हो सकती है। जौ पित्त दोष शांत करता है तथा शरीर को ठंढक प्रदान करता है। 

13. जौ के फायदे आर्थराइटिस में 

आर्थराइटिस की समस्या में जौ का सेवन उत्तम  है। यूरिक एसिड के बढ़ने से आर्थराइटिस की समस्या होती है। जौ में पोटेशियम की अधिकता है। इस कारण इसके सेवन से यूरिक एसिड का लेवल कम होता है। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी है ,जो आर्थराइटिस मे होने वाली सूजन को कम करता है। जौ का पानी और जौ के जवारे का रस इसमें ज्यादा उपयोगी है। जौ का सत्तू निम्बू के रस के साथ लिया जाये तो यह भी बहुत अच्छा परिणाम दिखाता है। 

14. लिवर तथा गॉल ब्लैडर के लिए फायदेमंद है,जौ 

लिवर तथा गॉल ब्लैडर की समस्या में जौ का सत्तू ,जौ का पानी ,जौ के जवारे का रस बहुत उपयोगी होता है। यह लिवर से अतिरिक्त फैट कम करता है। जौ ड्राई होता है इसलिए यह शरीर से अतिरिक्त फैट निकालने में सक्षम है। लिवर स्वस्थ रहने से पित्ताशय में पथरी बनने की सम्भावना कम हो जाती है। यह पथरी को गला देता है। इसमें जौ का पानी और जौ का सूप ज्यादा उपयोगी होता है। 

15. गर्मी में जौ के फ़ायदे 

गर्मी में शरीर को ठंढा रखना और डिहाइड्रेशन से बचाना बहुत जरूरी होता है। जौ की तासीर ठंढी होती है तथा यह पित्त को शांत करता है। यह गर्मी में मुंह सूखने से भी बचाता है। गर्मी में जौ का सत्तू और जौ का पानी पीने का प्रचलन बहुत पुराना है। हमारे पूर्वज भी गर्मी में लू से अपने आप को जौ के सेवन से ही बचाते थे। मैंने अपनी दादी माँ को घर में ही जौ का सत्तू तैयार करते देखा है। गर्मी में जौ की रबड़ी छाछ के साथ खायी जाये ,जौ का पानी पिया जाये और जौ का सत्तू का सेवन किया जाये तो शरीर स्वस्थ रहता है तथा लू भी नहीं लगती। 

16. कैंसर में फायदेमंद है जौ  

आजकल मिलावटी खाना , फ़ास्ट फ़ूड का सेवन ,अत्यधिक दूध दही तथा रिफाइंड तेल आदि के सेवन से शरीर में फ्री रेडिकल्स की अधिकता हो जाती है | इससे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ जाता है | इसे नियंत्रण करने के लिए एंटी ऑक्सिडन्ट कीआवश्यकता होती है | जौ में मौजूद कई विटामिन्स और प्लांट कंपाउंड्स एंटी ऑक्सिडेंट्स का काम  करते हैं। इसमें एंटी कार्सिनोजेनिक तत्व है जो कैंसर कोशिकाओं को ख़त्म करता है। इसके लिए बार्ली ग्रास जूस का सेवन किया जाता है। इसमें मौजूद क्लोरोफिल तथा अन्य प्लांट कंपाउंड्स कैंसर को ठीक करने में अपना योगदान देते हैं। 

17. जौ के फायदे एनीमिया रोग में 

एनीमिया में जरूरी है कि शरीर में आयरन की कमी पूरी की जाये। इसके साथ ही फोलिक एसिड ,विटामिन C और कॉपर भी शरीर में पर्याप्त हो। इन सब की उपस्थिति में ही हीमोग्लोबिन बन पाता है। जौ में यह सभी तत्व मौजूद है। जौ में विटामिन B6 भी अच्छी मात्रा में है ,यह रेड ब्लड सेल बनाने के लिए आवश्यक है। RBC की संख्या का सही होना भी हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए जरूरी है। इस तरह जौ का सेवन एनीमिया रोग को दूर करता है।

18. यौन समस्यों का निदान करता है जौ  

यौन स्वास्थ्य के ख़राब होने का कारण मोटापा , डायबिटीज , एनीमिया , रक्तचाप का सही नहीं होना ,शरीर में पोषक तत्वों की कमी इत्यादि का होना होता है। जौ का सेवन इन समस्याओं का निदान करने में मदद करता है ,रक्त संचार ठीक करता है , मन को स्थिर बनाता है ,परिणामस्वरूप यौन समस्याएं दूर होने लगती हैं। यह स्तम्भन दोष / इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या को भी ठीक करता है। 

जौ के पानी के फायदे / Benefits of Barley Water 

जौ के फायदे
साबुत जौ /unhulled barley
  • घबराहट ,बेचैनी और ह्रदय संबंधी समस्या में जौ का पानी लेने से फायदा होता है। इसके लिए सुबह खाली पेट एक गिलास जौ का पानी पिया जाता है। 
  • मोतियाबिंद की शिकायत हो तो जौ का पानी धागे वाली मिश्री के चूर्ण के साथ लिया जाता है | 
  • उच्च रक्तचाप को भी यह कम करता है। यह नसों को साफ करता है तथा कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी कम करता है। 
  • सर्दी – जुकाम में जौ के पानी को अदरक डालकर उबालने तथा इसमें शहद मिलाकर पीने से जुकाम ठीक होता है। इसे सुबह और शाम दो बार पिया जाता है। 
  • जौ के पानी के फायदे पीलिया रोग में भी देखा गया है। इसके लिए इसमें स्वादानुसार देसी गुड़ मिलाकर पीना होता है।
  • कैंसर में जौ का पानी तथा जौ के जवारे का रस पीना होता है। इसमें कुछ मिलाये बिना ही पीना होता है। 
  • अस्थमा की शिकायत होने पर जौ के पानी को हल्दी के साथ उबालकर तथा शहद मिलाकर पिया जाता है। इसका भाप लेने से भी फायदा होता है। 
  • जौ का पानी पेट की गर्मी शांत करता है तथा मुंह सूखने की समस्या भी ठीक करता है। यह लू लगने से भी बचाता है। 
  • जौ का पानी पीने से डायबिटीज में बहुत फायदा होता है। यह इन्सुलिन सहनशीलता को बढ़ाता है तथा शुगर लेवल कम करता है। 
  • हाइपर एसिडिटी की समस्या में जौ का पानी फायदेमंद है। 
  • जौ के पानी के फायदे रोग – प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी है। यह बुखार भी ठीक करता है। पहले लोग बीमार होते थे तो पथ्य के रूप में बार्ली आटा उबालकर दिया जाता था। यह औषधि की तरह काम करता है। आजकल मेडिकल स्टोर पर जौ का पानी मिलता है। 

 जौ का पानी ठंढा होता है ,इसलिए जिनकी प्रकृति कफ की है ,वे जौ को उबालकर तब उसका पानी अलग करें और गुनगुना पिएं। 

जौ का पानी कैसे बनाएं ? How to prepare Barley Water 

साबुत जौ अर्थात भूसी के साथ जौ / unhulled barley को धोकर 7 – 8 घंटे के लिए भिगो दें। 

इसे धूप में अच्छी तरह सूखाकर दरदरा पीस लें। इसे एयर टाइट डब्बे में स्टोर कर लें। 

2 चम्मच यह दरदरा पीसा हुआ जौ कूट एक गिलास पानी में डालकर रात भर रहने दें। 

सुबह इस पानी को छान कर अलग कर लें। इस तरह जौ का पानी तैयार हो गया। सर्दी के मौसम में या जिनकी कफ प्रकृति है वे इसे 5 मिनट के लिए उबालकर तब छान कर पानी अलग करें। इस पानी में शहद ,गुड़ ,मिश्री ,सेंधा नमक तथा देसी खांड जरुरत अनुसार मिलाया जा सकता है |

 जौ के इस्तेमाल में सावधानी 

  • जौ में ग्लूटेन मौजूद है ,इसलिए जिन लोगों को व्हीट एलर्जी है या celiac disease है ,वे जौ का प्रयोग नहीं करें। 
  • जौ में फाइबर की उच्च मात्रा है ,इसलिए इसे ज्यादा मात्रा में नहीं खाये। 
  • जौ के फायदे लेने हैं तो साबुत जौ का सेवन करें। पर्ल बार्ली और जौ फलेक्स का उपयोग कम करें। 
  • जिनका पाचन शक्ति कमजोर है ,वे जौ के पानी का प्रयोग करें। जौ की रोटी के जगह वे जौ का दलिया और जौ का सूप या जौ की रबड़ी खाये। 

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