जानें डायबिटीज में अनाज कौन से खाने चाहिए। डायबिटीज में अनाज का चयन करते समय अनाज का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ,ग्लाइसेमिक लोड और फाइबर की मात्रा देखना आवश्यक होता है। यहाँ मै उन अनाज के विषय में बताउंगी जिन्हें खाने से शुगर लेवल धीरे बढ़ता है , कम बढ़ता है और पैंक्रियास भी स्वस्थ होता है। इनके सेवन से इन्सुलिन के प्रति कोशिकाओं की संवेदनशीलता भी बढ़ती है। इन्सुलिन संवेदनशीलता ( insulin sensitivity ) का बढ़ना डायबिटीज में अच्छा होता है। डायबिटीज में अनाज का चयन करते समय गेहूं, चावल ,रागी , मक्की , राजगीरा का चयन गलत होगा क्योंकि इन सभी अनाजों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ग्लाइसेमिक लोड बहुत ज्यादा है। 

और पढ़ें : ग्लाइसेमिक लोड और ग्लाइसेमिक इंडेक्स क्या है ? प्रतिदिन खाये जाने वाले फ़ूड आइटम का ग्लाइसेमिक लोड जानें। 

डायबिटीज में अनाज कौन से खाने चाहिए ? / Cereals for diabetes 

1 . बाजरा ( Pearl Millet ) –  डायबिटीज में अनाज / Whole grains for diabetes 

बाजरा मोटा अनाज है ,यह मिलेट के अंतर्गत आता है। डायबिटीज में अनाज का चयन करते समय बाजरा को कभी नहीं भूलें। यह पोषक तत्वों का भंडार है। बाजरा प्रोटीन ,कैल्शियम और आयरन का धनी है। कई पोषक तत्व गेहूं से भी ज्यादा बाजरा में हैं। बाजरा में फाइबर की मात्रा गेहूं से अच्छी है और यह ग्लूटेन मुक्त है। ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ग्लाइसेमिक लोड बाजरे का गेहूं से कम है। 

बाजरे का GI – 60गेहूं का GI – 70 
बाजरे का GL – 40 गेहूं का GL – 52 

साबुत अनाज से जो भोजन तैयार किया जाता है वह ज्यादा पौष्टिक होता है। बाजरा भात ,खिचड़ी ,दलिया ,फर्मेन्टेड बाजरा पॉर्रिज का सेवन डायबिटीज में बेहतर परिणाम देता है। डायबिटीज के साथ साथ यह हार्ट को भी स्वस्थ रखता है। इसे पकाने से पहले 6 से 8 घंटे भिगोकर रखना चाहिए। 

और पढ़ें : बाजरा के फायदे डिटेल में 

2 . ज्वार ( Sorghum ) – डायबिटीज में अनाज / Cereals for diabetes 

ज्वार को इंडियन मिलेट के नाम से भी जाना जाता है। डायबिटीज में अनाज की लिस्ट तैयार करते समय ज्वार को भी शामिल करना चाहिए। इसकी पौष्टिकता गेहूं के समान ही है लेकिन इसमें ग्लूटेन नहीं है। 

ज्वार का GI – 60 गेहूं का GI – 70 
ज्वार का GL – 43 गेहूं का GL – 52 

ज्वार का ग्लाइसेमिक इंडेक्स तथा ग्लाइसेमिक लोड गेहूं से कम है। इस कारण इसे खाने के बाद शुगर का लेवल तेज़ी से नहीं बढ़ता और कम बढ़ता है। ज्वार खाने से पूरे दिन का GL नियंत्रण में रखना आसान हो जाता है। इसके सेवन से हार्ट स्वस्थ रहता है और मूड भी अच्छा होता है। ज्वार के चोकर में एक प्रकार का एंजाइम पाया जाता है जो शरीर के द्वारा स्टार्च के अवशोषण को कम कर देता है। इससे शरीर में इन्सुलिन और ग्लूकोज का लेवल संतुलित रहता है। 

और पढ़ें : ज्वार के फायदे डिटेल में 

3. जौ ( Barley ) – डायबिटीज में अनाज / Whole grains for diabetes 

जौ  प्रोटीन , कार्बोहाइड्रेट के साथ-साथ कैल्शियम ,आयरन ,मैग्नीशियम और फास्फोरस जैसे मिनरल्स से भरपूर है। इसमें एंटी डायबिटिक गुण भी पाए जाते हैं | जौ में मौजूद सॉल्युबल फाइबर बीटा – ग्लुकेन एंटी डायबिटिक गुण को दर्शाता है। इसमें अन्य प्लांट कंपाउंड्स भी हैं जो इसे डायबिटीज के लिए बेहतर अनाज बनाते हैं। जौ का फर्मेन्टेड दलिया फाइबर और विटामिन B12 का बेहतर श्रोत होता है। जौ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ग्लाइसेमिक लोड गेहूं से बहुत  कम होता है। 

जौ का GI – 28 गेहूं का GI – 70 
जौ का GL – 24 गेहूं का GL – 52 

हालांकि इसमें भी ग्लूटेन है ,फिर भी जौ का सेवन डायबिटीज में अच्छा माना जाता है। जौ की रोटी गेहूं की रोटी जैसी ही बनती है। जौ का दलिया , साबुत जौ की खिचड़ी , भात ,सूप भी पकाया जा सकता है। इसे भी पकाने से पहले भिगोकर रखना चाहिए। 

4. फॉक्सटेल मिलेट ( Foxtail Millet ) – डायबिटीज में खाया जाने वाला अनाज / Cereals for diabetes 

फॉक्सटेल मिलेट को हिंदी में कंगनी कहा जाता है। यह एक पॉजिटिव मिलेट है।

 पॉजिटिव मिलेट क्या होता है ? जानें 

कंगनी भारत की प्राचीन फसलों में से एक है। जब तक कंगनी जैसे छोटे अनाज ( जो पॉजिटिव मिलेट के अंतर्गत आते हैं ) हमारे आहार में शामिल थे तब तक डायबिटीज का खतरा नहीं था। कंगनी गेहूं और चावल से अधिक पौष्टिक होता है। इसमें मौजूद घुलनशील और अघुलनशील फाइबर डायबिटीज को हमसे दूर रखता है। यदि डायबिटिक पेशेंट इसे अपने आहार में शामिल करते हैं तो उनका डायबिटीज धीरे धीरे रिवर्स होने लगता है। कंगनी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ग्लाइसेमिक लोड गेहूं ,चावल ,मक्की ,रागी से काफी कम है। इसे नर्वस सिस्टम का सुपर फ़ूड कहा जाता है। यह ऑस्टियोपोरोसिस को भी हमसे दूर रखता है। 

और पढ़ें : फॉक्सटेल मिलेट के फायदे 

कंगनी का GI – 52 गेहूं का GI – 70 
कंगनी का GL – 32 गेहूं का GL – 52 

5. बार्नयार्ड मिलेट  ( Barnyard Millet ) – Whole grains for diabetes 

डायबिटीज में बारनयार्ड

बार्नयार्ड मिलेट को हिंदी में सांवा और सनवा के नाम से जाना जाता है। यह एक पॉजिटिव मिलेट है। यह भी पुराना अनाज है ,जिसकी लोकप्रियता कम हो गयी है। यह प्रोटीन कंटेंट में दूसरे अनाज से बेहतर है। इसमें आयरन की मात्रा अन्य अनाज की तुलना में बहुत ज्यादा है। 100 ग्राम बार्नयार्ड से 16 से 18 mg आयरन मिल जाता है। इसमें फाइटेट की मात्रा दूसरे अनाजों से कम है ,जिस कारण आयरन का अवशोषण शरीर के द्वारा अधिक मात्रा में हो पाता है। एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर बार्नयार्ड औषधीय गुण प्रदर्शित करता है। इसमें कार्ब्स और फाइबर का अनुपात बहुत कम है। यह अनुपात जितना कम होता है ,डायबिटीज के लिए उतना ही अच्छा होता है। 

बार्नयार्ड का GI – 50 गेहूं का GI – 70 

बार्नयार्ड का GL – 32.5 गेहूं का GL – 52 

बार्नयार्ड का GI और GL इसे डायबिटीज के लिए उपयुक्त अनाज बना देता है। इसके सेवन से डायबिटिक पेशेंट के लिपिड प्रोफाइल में भी सुधार आता है। 

और पढ़ें : बार्नयार्ड मिलेट के फायदे  

6. कोदो मिलेट ( Kodo Millet ) – Whole grains for diabetes 

डायबिटीज में कोदो मिलेट

कोदो मिलेट को केद्रव और कोदरा के नाम से भी जाना जाता है। यह भी एक पॉजिटिव मिलेट है। यह लाल रंग का राई की तरह दिखने वाला अनाज है। यह कफ और पित्त दोष को शांत करता है। यह ब्लड purifier की तरह काम करता है। यह डायबिटीज में खाया जाने वाले एक अच्छा अनाज  है। इसके सेवन से पैंक्रियास तथा अन्य अंदरूनी अंग स्वस्थ होते हैं।  जिन्हें इन्सुलिन की कमी होती है ,उन्हें कोदो मिलेट का सेवन करना चाहिए। यह सीरम में इन्सुलिन का लेवल बढ़ाता है जिससे फास्टिंग ग्लूकोज लेवल कम हो जाता है। कोदो मिलेट को पकाने से पहले 6 – 8 घंटे के लिए पानी में रखना चाहिए। इससे इसका फाइबर नरम हो जाता है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ग्लाइसेमिक लोड गेहूं से कम है। इसे खाने से रक्त में ग्लूकोज धीरे – धीरे बढ़ता है। 

 कोदो का GI – 42 गेहूं का GI – 70 

कोदो का GL – 27 गेहूं का GL – 52 

और पढ़ें ; कोदो मिलेट के फायदे 

7 . लिटिल मिलेट ( Little Millet ) – Cereals for diabetes 

डायबिटीज

लिटिल मिलेट को हिंदी में सामा और कुटकी के नाम से जाना जाता है। यह एक पॉजिटिव मिलेट है। इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा होती है। यह डायबिटीज में अनाज की लिस्ट में शामिल किया जाने वाला बढ़िया अनाज है। लिटिल मिलेट में प्रोटीन , आयरन और फास्फोरस की अच्छी मात्रा मौजूद है। इसमें कई एसेंशियल एमीनो एसिड्स भी हैं। यह हार्मोन सम्बंधित  सभी समस्याओं को ठीक करता है। इसके सेवन से नपुंसकता और बांझपन की समस्या की सम्भावना कम हो जाती है।  इसमें फाइबर की अच्छी मात्रा मौजूद है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स और ग्लाइसेमिक लोड गेहूं से कम है।  यह रक्त में शुगर लेवल कंट्रोल  करने के साथ ही अग्न्याशय को स्वस्थ और एक्टिव बना कर रखता है।

लिटिल मिलेट का GI – 50 गेहूं का GI – 70 

लिटिल मिलेट का GL – 27 गेहूं का GL – 52 

और पढ़ें : लिटिल मिलेट के फायदे 

8. ब्रॉउनटॉप मिलेट ( Browntop Millet ) – डायबिटीज में खाया जाने वाला अनाज / Cereals for diabetes 

डायबिटीज में अनाज

ब्रॉउनटॉप को हरी कंगनी और छोटी कंगनी के नाम से भी जाना जाता है। यह एक पॉजिटिव मिलेट है |  इसमें फाइबर ,प्रोटीन और मिनरल्स की अच्छी मात्रा मौजूद है। इसमें मौजूद फाइबर कब्ज की समस्या को ठीक करते हैं। यह ह्रदय रोग से भी बचाता है। इसमें मौजूद एमीनो एसिड ह्रदय की मांसपेशी को मजबूत बनाता है। फाइबर कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकता है। फाइबर के कारण शुगर भी रक्त में धीरे – धीरे रिलीज़ होता है। 100 ग्राम हरी कंगनी का GL – 34 होता है , जो गेहूं की तुलना में काफी कम है। इसका नियमित सेवन pancreas के लिए भी अच्छा होता है। 

और पढ़ें : ब्रॉउनटॉप मिलेट के फायदे   

डायबिटीज में अनाज जो खाये जाने चाहिए , की लिस्ट में उन सभी अनाजों को शामिल किया गया है ,जिनका सेवन डायबिटीज रिवर्स करने में सकारात्मक परिणाम दिखाता है। इसके साथ अपने आहार में फल और कच्ची सब्जी को शामिल करें। 


2 Comments

DEVEN BADANI · July 8, 2022 at 6:25 pm

Pl. Send me all food items GI / GL as possible as much items,
We also know about other usefull information about diabetes.

Narendra Rawat-Banda (u.p.) · November 15, 2022 at 1:40 am

good informetion.

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