शुगर को नियंत्रण में रखने के लिए डायबिटीज में भोजन कितनी बार करनी चाहिए। यह प्रश्न हर डायबिटीज पेशेंट के मन में रहता है। अक्सर डॉक्टर सलाह देते हैं कि डायबिटीज में भोजन 6 बार करनी चाहिए। अपने भोजन को 6 छोटे भाग में बांटकर लेना अच्छा होता है। लेकिन एक शोध में यह भी सामने आया कि डायबिटिक पेशेंट तीन बार भोजन करते हैं तो उनका इन्सुलिन फंक्शन ज्यादा अच्छा रहता है। इस लेख में हम दोनों तरह के मील प्लान के विषय में जानेंगे।
1 . इजरायल की तेल अवीव यूनिवर्सिटी की शोध के अनुसार
डायबिटीज एक्सपर्ट डायबिटीज में भोजन को 6 भाग में बांटकर लेने की सलाह देते हैं। उनके अनुसार टाइप – 2 डायबिटीज में रोगी को एक नियमित अंतराल पर भोजन लेना चाहिए। एक दिन में भोजन को 6 भाग में बांटकर लेने से शुगर का लेवल बहुत ऊपर या बहुत नीचे नहीं जा पाता।
लेकिन इजरायल की तेल अवीव यूनिवर्सिटी की शोध के अनुसार डायबिटीज में भोजन को 6 भाग में बांटकर लेना गलत है। इससे मरीज को कई तरह की परेशानी हो सकती है। यह उन मरीजों के लिए ज्यादा खतरनाक है जो शुगर को नियंत्रण में रखने के लिए इन्सुलिन लेते हैं। जो डायबिटिक पेशेंट इन्सुलिन ले रहे हैं और दिन में 6 मील लेते हैं उनको और गहन चिकित्सा की जरुरत पड़ती है। आगे पढ़ते हैं कि उनके अनुसार डायबिटीज में भोजन कितनी बार करनी चाहिए।
शोधकर्ताओं के अनुसार यदि भोजन शरीर की जैविक घड़ी (biological clock ) के अनुसार की जाये तब शरीर अपने कार्य को बेहतर ढंग से संचालित करता है। ऐसे में व्यक्ति के इन्सुलिन की जरुरत में कमी आ सकती है। जैविक घड़ी के अनुसार व्यक्ति को दिन में तीन बार भोजन करनी चाहिए। इससे वजन कम होगा और रक्त में शर्करा का स्तर भी ठीक होगा।
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प्रोफेसर डैनिएला जैकुबोविच ( Prof Daniela Jakubowicz ) का कहना है कि डायबिटीज रोगियों के लिए पारम्परिक आहार को 6 छोटे हिस्सों में बांटा जाता है। लेकिन यह आहार का तरीका ग्लूकोज लेवल को नियंत्रण में रखने में प्रभावशाली नहीं है। इस मील प्लान से डायबिटीज पेशेंट को अधिक इलाज और अधिक इन्सुलिन की जरुरत पड़ती है। जितनी बार वो खाते हैं ,इन्सुलिन लेते हैं। इन्सुलिन ज्यादा लेने से वजन बढ़ता है और ब्लड ग्लूकोज लेवल में भी बढ़ोतरी होती है। उन्होंने एक अध्ययन किया और दिखाया कि किस तरह डायबिटीज में भोजन 3 बार ली जाए तो ज्यादा फायदा होता है।
उनके शोध के अनुसार स्टार्च से भरपूर आहार दिन की शुरुआत में लेनी चाहिए। इससे ग्लूकोज का स्तर संतुलन में रहता है और ग्लाइसेमिक नियंत्रण भी बेहतर होता है।
Prof.Daniela Jakubowicz
“We believe that through this regimen , it will be possible for people with diabetes to significantly reduce or even stop the injections of Insulin and most antidiabetic medications , to achieve excellent control of glucose level .”
शोधकर्ताओं ने टाइप – 2 डायबिटीज से पीड़ित 28 लोगों पर अध्ययन किया। एक समूह को दिन में 6 बार भोजन दिया गया और दूसरे समूह को दिन में 3 बार। तीन बार भोजन करने वाले समूह को कहा गया कि वे सुबह के आहार में ज्यादा कार्ब्स ,मीठा और फल लें। दिन में पर्याप्त भोजन करें और शाम के भोजन में कार्ब्स ,फल तथा मीठी चीज़ें नहीं लें। इस शोध से पहले प्रतिभागी के वजन ,भूख ,शुगर लेवल इत्यादि की जाँच की गयी। फिर दो हफ्ते बाद और 12 हफ्ते के बाद भी जाँच की गयी।
शोधकर्ताओं ने पाया कि डायबिटीज में भोजन जो 6 बार ले रहे थे उनके वजन में कमी नहीं आयी और उनके शुगर लेवल में भी सुधार नहीं आया। जबकि जो प्रतिभागी डायबिटीज में भोजन 3 बार ले रहे थे उनका वजन कम हुआ और शुगर लेवल में काफी सुधार आया। जो प्रतिभागी इन्सुलिन पर थे उनका इन्सुलिन डोज बहुत कम हो चुका था। यहाँ तक कि कुछ लोगों को अब इन्सुलिन लेने की जरुरत नहीं थी। साथ ही उनके biological clock gene के expression में भी सुधार आया था। इससे यह पता चलता है कि डायबिटीज में भोजन 3 बार किया जाये तो केवल डायबिटीज में ही नहीं बल्कि ह्रदय रोग ,समय से पहले एजिंग और कैंसर में भी फायदा होता है। क्योंकि ये सभी रोग बायोलॉजिकल क्लॉक जींस द्वारा रेगुलेटेड होते हैं।
2. डायबिटीज एंड मेटाबोलिज्म जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार –
इस शोध के अनुसार डायबिटीज में भोजन एक दिन में 6 बार करनी चाहिए। यह नतीजा 47 वयस्कों पर किये गए एक अध्ययन के आधार पर सामने आया। इन 47 लोगों को जो डायबिटीज या प्रीडायबिटीज के मरीज थे ,तीन समूहों में बांटा गया। दो समूहों में प्रीडायबिटिक और तीसरे समूह में डायबिटिक रोगी थे। सभी समूह के लोगों को 12 सप्ताह तक एक दिन में 3 से लेकर 6 बार भोजन करना था। उन्हें उच्च कैलोरी वाले भोजन लेने थे। 12 सप्ताह के बाद उनके डाइट प्लान में बदलाव किया गया। 24 सप्ताह के बाद यह देखा गया कि जो लोगो थोड़ी थोड़ी अंतराल पर कम कम भोजन कर रहे थे ,उनका शुगर लेवल आसानी से कण्ट्रोल हो रहा था।
दिन में 6 बार कम – कम भोजन करने के फायदे और नुकसान
इस तरह से भोजन किया जाये तो ब्लड शुगर का लेवल स्थिर रहता है। ऐसे भोजन करने से ब्लड शुगर का लेवल अचानक से नहीं बढ़ता। वजन कम नहीं होता और ऊर्जा पूरे दिन बनी रहती है। लेकिन डायबिटीज में जिनका वजन बढ़ा हुआ हो उनका वजन इस डाइट प्लान से कम नहीं होता। जो पेशेंट इन्सुलिन ले रहे हैं उनके लिए भी यह अच्छा विकल्प नहीं है। बार – बार इन्सुलिन लेने से शरीर में इन्सुलिन की मात्रा बढ़ा जाएगी और मोटापा भी बढ़ने लगेगा।
Conclusion ( निष्कर्ष )
यदि डायबिटिक पेशेंट इन्सुलिन ले रहे हैं और उनका वजन भी बढ़ा हुआ है तो उन्हें दिन में तीन बार ही भोजन करना चाहिए। भोजन में कार्ब्स की मात्रा सबसे ज्यादा सुबह लें तथा रात के भोजन में कार्ब्स नहीं के बराबर लें। इससे व्यक्ति का बायोलॉजिकल क्लॉक प्रभावित नहीं होता है तथा इससे कम इन्सुलिन की जरुरत पड़ती है।
यदि व्यक्ति टाइप – 2 डायबिटीज का पेशेंट है और वजन भी कम हो रहा है तो उन्हें 6 छोटे छोटे मील पूरे दिन में लेने चाहिए। इससे वजन कम नहीं होता और शुगर को नियंत्रण में रखना आसान होता है। इस मील प्लान में कार्ब्स को कम मात्रा में और छोटे – छोटे भागों में बांटकर लेनी होती है।
4 Comments
Sanjiv Sharma · July 2, 2021 at 10:23 am
Author of the article is keen to go deep in the problem and to provide valuable information👍
suss1978 · July 4, 2021 at 5:21 am
Thanks 😊
Shivam yadav · September 7, 2021 at 11:39 am
सर् मेरी उम्र 25 की है और मुझे शुगर का प्रोब्लम ओर मेरा शुगर400 ओर500 रहता है और में भोजन तीन बार करता हु तो भी शुगर में आराम नहीं है लेकिन में इन्सुलिन नहीं लेता में Ayurvedic दवा ले रहा हु दो महीने से शुगर में आराम नहीं है सर् आप कुछ सहायता करे आप की अति कृपा होंगी
suss1978 · September 7, 2021 at 1:22 pm
Mai koi doctor nhi hoo,par apne knowledge ke basis par mai aapko yahi suggest karungi ki aap apna insulin bhi check karwayein. Aapki age jyada nhi hai isliye insulin test bhut jaruri hai. Jo anaj humlog khaate hain unhise sabse jyada sugar blood mein badhta hai. Aap apni diet mein kheera,tomato,fruit include kijiye, dryfruits khaiye, jamun ke leaf ki chai lijiye. Meri jitni blog diabetes par hai utna knowledge bhi aapke liye sufficient hoga. Aapko padhkar samajhna chahiye. Please sabse pahle insulin test karaiye. Body insulin bana raha hai ya nhi.