डायबिटीज में अलसी बीज खाना अच्छा बताया जाता है। इस लेख में हम जानेंगे कि डायबिटीज में अलसी बीज खाने से क्या फायदा होता है ? हमे कितना अलसी बीज खाना चाहिए और इसे किस प्रकार खाना चाहिए ? अलसी बीज कम मात्रा में छोटे बच्चों को भी खिलाया जा सकता है। यह एक औषधीय बीज है और इसका स्वाद भी लोगों को काफी पसंद आता है। जिन्होंने भी अलसी बीज का वह स्वाद चखा है जो लकड़ी के ओखली में भूना हुआ अलसी / तीसी को कूटकर मिलता है ,वे इसके स्वाद के लिए इसे खाते हैं। मैं भी उन्ही में से एक हूँ। बचपन से इसके स्वाद के कारण इसे खाती थी ,अब ज्ञान हुआ कि अलसी ने मुझे स्वस्थ रखा है और अनेक बिमारियों से बचाया है। इस लेख में हम विशेषकर अलसी के उन फायदों के बारे में जानेंगे जो डायबिटीज में अलसी बीज खाने से प्राप्त होते हैं।
अलसी बीज क्या होता है ? What is Flaxseed ?
अलसी की खेती इसके फाइबर / रेशे और इसके बीज के लिए की जाती है। इसका पौधा झाड़ीनुमा 30 इंच तक करीबन होता है। इसमें नीले रंग के फूल आते हैं और छोटे – छोटे लट्टू के सामान फल होते हैं। इन्ही फलों के पकने पर इस एक फल से 6 से 8 बीज प्राप्त होते हैं। यह सर्दी के मौसम में उगता है। सरसों और तीसी को एक जैसी जलवायु की आवश्यकता होती है। अलसी के रेशों से डोरी ,रस्सी ,टांट और मोटे कपड़े बनाये जाते हैं। अलसी के बीज को भूनकर खाया जाता है। अलसी के तेल को खाने में भी प्रयोग किया जाता और इससे वार्निश ,पेंट ,साबुन ,रंग आदि भी बनाये जाते हैं। भारत में तीसी की खेती बिहार ,छत्तीसगढ़ ,उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश ,झारखण्ड ,उड़ीसा और असम में मुख्य रूप से की जाती है।अलसी को तीसी के नाम से भी जाना जाता है। अलसी को अंग्रेजी में Flaxseed और Linseed कहा जाता है।इसका बोटैनिकल नाम Linum usitatissimum है। यह Linaceae फैमिली का सदस्य है।
अलसी बीज का औषधीय गुण / Medicinal Properties of Flaxseed
- एंटीफंगल ( फंगल संक्रमण को ख़त्म करने वाला )
- एंटीऑक्सीडेंट्स ( फ्री रेडिकल्स कम करने वाला )
- एंटी डायबिटिक (ब्लड शुगर कम करनेवाला )
- एंटी कैंसर ( कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकनेवाला )
- एंटीह्यपरटेंसिव ( बढे हुए ब्लड प्रेशर को कम करनेवाला )
- एंटी थ्रोम्बिक ( रक्त के थक्का जमने की प्रक्रिया को धीमा करनेवाला )
- कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करनेवाला
अलसी में मौजूद पोषक तत्व / Nutritional Value of Flaxseed
पोषक तत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
ऊर्जा | 534 kcal |
प्रोटीन | 18.29 gram |
फैट | 42.16 gram |
कार्बोहायड्रेट | 22.88 gram |
टोटल डाइटरी फाइबर | 27.30 gram |
कैल्शियम | 255 mg |
आयरन | 5.73 mg |
मैग्नीशियम | 392 mg |
फॉस्फोरस | 642 mg |
पोटैशियम | 813 mg |
जिंक | 4.34 mg |
सोडियम | 30 mg |
कॉपर | 1.22 mg |
मैंगनीज | 2.482 mg |
सेलेनियम | 25.4 mcg |
थायमिन | 1.644 mg |
राइबोफ्लेविन | 0. 161 mg |
नियासिन | 3.08 mg |
विटामिन B6 | 0.473 mg |
फोलेट | 87 mcg |
विटामिन E | 0.31 mg |
विटामिन K | 4.3 mcg |
लिपिड
ओमेगा 3 फैटी एसिड – 22.8 ग्राम
ओमेगा 6 फैटी एसिड – 5.9 ग्राम
सैचुरेटेड फैटी एसिड – 3.663 ग्राम
डायबिटीज में अलसी बीज खाने के फायदे / Benefits of Flaxseed in Hindi
1. डायबिटीज में अलसी बीज शुगर लेवल कम करे
अलसी बीज में घुलनशील और अघुलनशील दोनों प्रकार के फाइबर मौजूद होते हैं। इसका ग्लाइसेमिक लोड और ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है। घुलनशील फाइबर भोजन पचाने की प्रक्रिया को धीमा कर ब्लड में शुगर को धीरे – धीरे रिलीज़ करने में मदद करता है। अलसी में मौजूद म्यूसिलेज गम और अल्फा लिनोलेनिक एसिड ब्लड शुगर को नियंत्रित करने का काम करते हैं। इस तरह अलसी का सेवन ब्लड में शुगर का लेवल कम कर देता है।
2. डायबिटीज में कब्ज से राहत दिलाये अलसी बीज
डायबिटीज में अक्सर रोगी को कब्ज की शिकायत हो जाती है। अलसी में मौजूद म्यूसिलेज गम प्रीबायोटिक होता है ,यह आंत को स्वस्थ रखने में मदद करता है। अलसी खाने के बाद सही मात्रा में पानी पी जाए तो इसमें मौजूद फाइबर फूल कर मल की मात्रा को बढ़ाते हैं और बाउल ट्रांजिट टाइम कम करते हैं। बॉवेल ट्रांजिट टाइम का अर्थ है भोजन को पचाने से लेकर मल के रूप में बाहर निकालने तक का टाइम।
3. डायबिटीज में अलसी बीज का सेवन रखे कैंसर से दूर
डायबिटीज में कैंसर होने की सम्भावना 20 % से 50 % तक बढ़ जाती है। यहाँ तक कि नए शोध में पाया गया कि डायबिटीज में सबसे ज्यादा प्रयोग में लाया जानेवाला दवा मेटफोर्मिन में कैंसर को बढ़ाने वाले ड्रग है। जबकि कई शोध में माना जाता था कि मेटफोर्मिन से कैंसर की सम्भावना कम हो जाती है। अलसी बीज में मौजूद SDG lignan एंटीऑक्सीडेंट और फाइटोएस्ट्रोजन्स दोनों है। इसमें एंटी कैंसर गुण होते हैं। अलसी बीज में SDG Lignan की उपस्थिति अन्य खाद्य पदार्थों से प्राप्त होनेवाले लिगनन से 800 गुणा ज्यादा है। यह कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोक देते हैं। यह ब्रेस्ट कैंसर ,यूट्रस कैंसर ,कोलोन कैंसर ,प्रोस्टेट कैंसर से बचाव करते हैं। अलसी में कई फाइटोकेमिकल्स हैं जैसे फेनोलिक एसिड ,सिनमिक एसिड ,फ्लवोनोइड्स ,लिगनिंस आदि एंटीऑक्सीडेंट्स हैं जो स्वस्थ कोशिकाओं की वृद्धि तथा उनकी लाइफ स्पेन को बढ़ाते हैं।
4. डायबिटीज में अलसी बीज का सेवन करे उच्च रक्तचाप में कमी
डायबिटीज में शुगर लेवल के बढ़ने के साथ ही इन्सुलिन का लेवल भी बढ़ने लगता है। बढ़ा हुआ इन्सुलिन धमनी को सख्त करने का कार्य करता है। जिससे रक्तचाप में वृद्धि होने लगती है। अलसी बीज पोटैशियम ,मैग्नीशियम तथा ओमेगा 3 का बढ़िया श्रोत है। ये सभी उच्च रक्तचाप में कमी लाते हैं। पोटैशियम की सही मात्रा धमनी को लचीला बनाती है तथा ओमेगा 3 धमनी में प्लाक नहीं बनने देता और इंफ्लमैशन भी कम करता है।
पढ़ें : ओमेगा 3 के फायदे ,श्रोत और नुकसान
5. डायबिटीज में अलसी बीज ट्राइग्लिसराइड ,कोलेस्ट्रॉल और इंफ्लामेशन कम करे
डायबिटिक रोगी में अक्सर ह्रदय सम्बंधित समस्या देखी जाती है। ऐसे में अलसी बीज का सेवन किया जाए तो ट्राइग्लिसराइड ,कोलेस्ट्रॉल और इंफ्लामेशन में कमी आती है। एथेरोस्क्लेरोसिस ( धमनियों में प्लाक बनना ) एक इंफ्लामेटोरी समस्या है। अलसी में मौजूद ओमेगा 3 ( ALA ) इस डिसऑर्डर को होने से रोक देता है। अलसी में मौजूद फाइबर रक्त में कोलेस्ट्रॉल की कमी करता है। इसके सेवन से HDL कोलेस्ट्रॉल में भी बढ़त होती है। इस तरह अलसी बीज ह्रदय स्वस्थ रखने में सहायक होता है।
6. डायबिटीज में अलसी बीज का सेवन रखे प्रजनन तंत्र स्वस्थ
डायबिटिक रोगी में प्रजनन तंत्र सम्बन्धी अस्वस्थता देखी जाती है। ऐसे में अलसी बीज का सेवन फायदेमंद साबित होता है। यह पुरुष और महिलाएं दोनों के प्रजनन तंत्र स्वस्थ रखने में मदद करती है। जो महिलाएं नियमित अलसी बीज खाती हैं और प्रेगनेंसी में भी खाती हैं उनके संतान में प्रजनन तंत्र ( reproductive system ) ज्यादा स्वस्थ होते हैं।
7. अलसी बीज आंखों के लिए भी फायदेमंद
डायबिटिक में चूँकि आँखों से सम्बंधित समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में अलसी बीज का सेवन बहुत अच्छा बताया जाता है। अलसी बीज में मौजूद ओमेगा 3 आँखों को स्वस्थ रखने में मददगार साबित होता है। यह मैकुलर डिजनरेशन के खतरे को भी कम करता है।
अलसी बीज प्रतिदिन कितनी मात्रा में खायी जाये ?
अलसी बीज का सेवन 10 ग्राम तक प्रतिदिन अर्थात दो चम्मच भूनकर पिसा हुआ पाउडर खाना सुरक्षित होता है। प्रतिदिन महलाओं को 1.1 ग्राम तथा पुरुषों को 1.6 ग्राम ओमेगा 3 की आवश्यकता होती है। 10 ग्राम अलसी बीज से 2.2 ग्राम ओमेगा 3 मिलता है। लेकिन भूनने के कारण ओमेगा 3 की मात्रा कम हो जाती है। इसलिए 10 ग्राम सुरक्षित बताया जाता है। लेकिन यदि 2 से 3 अखरोट प्रतिदिन खा रहे हैं तो अलसी बीज की मात्रा और कम करनी पड़ेगी ,करीब 7 ग्राम तक। यदि चिया के बीज खा रहे हैं तो अलसी की मात्रा और कम करनी चाहिए करीब 4 से 5 ग्राम अर्थात एक टीस्पून। जो मछली खाते हैं उन्हें अलसी बीज उस दिन नहीं खाना चाहिए जिस दिन मछली खाते हैं।
अलसी बीज के नुकसान
अलसी बीज ज्यादा खाने से कई प्रकार के नुकसान हो सकते है। यदि जरुरत से ज्यादा मात्रा में अलसी बीज खायी जाये तो शुगर लेवल बढ़ने लगता है। कारण है ओमेगा 3 की ज्यादा मात्रा का शरीर में पहुंचना। इसलिए सही मात्रा में ही अलसी खाये। ज्यादा खाने से कब्ज की शिकायत भी हो जाती है। इसकी तासीर गर्म होती है ,इसलिए गर्मी में कम अलसी बीज खाये और पानी की मात्रा का ध्यान रखें। अलसी खा रहे हैं तो ज्यादा पानी पियें। इसमें कई टॉक्सिक पदार्थ भी होते हैं जैसे कि – साइनाइड। यह ऑक्सीडाइज भी जल्दी होता है। इसलिए कच्ची अलसी खाने की सलाह नहीं दी जाती। अलसी को भूनकर और पीसकर ही खाये। एक बार में ज्यादा अलसी बीज के पाउडर तैयार नहीं करे। पाउडर बनाने के बाद इसे एयर टाइट कंटेनर में रखें।
अलसी बीज को भूनकर और पीसकर सेवन करना सर्वोत्तम है। कच्ची अलसी बीज में साइनाइड के अंश होते हैं जो भूनने से टूट जाते हैं और उनका साइड इफ़ेक्ट नहीं होता।
1 Comment
Bk Kandhari lal · November 6, 2022 at 2:06 am
Mada ji ap bahut badia gian de rahi ho bho bhi free me .
Ap ka dil ki gehraeon se bahut bahut dhaneabad