हाई ब्लड प्रेशर डाइट के विषय में जानने से पहले हमलोग यह जानते हैं कि हाई बीपी के कितने मरीज़ हमारे आस पास हैं। इससे हम इसकी गंभीरता को समझ पाएंगे। विश्व की जनसँख्या का 26 % अर्थात 972 मिलियन लोग हाई बीपी से पीड़ित हैं। 2017 के सर्वेक्षण के अनुसार 8 भारतीय में से एक भारतीय हाई बीपी का रोगी है। भारत में करीब 207 मिलियन लोग हाई बीपी से पीड़ित हैं। समय से पहले होने वाली मृत्यु का सबसे बड़ा कारण हाई ब्लड प्रेशर है। इसके लक्षण कभी – कभी सामने नहीं आते और यह मृत्यु का कारण बन जाता है। असंतुलित भोजन , घंटो बैठकर काम करना ,कम शारीरिक गतिविधि ,ख़राब स्लीपिंग साइकिल ,मोबाइल और wifi से निकलने वाले रेडिएशन ,स्ट्रेस ,प्रोसेस्ड फ़ूड ,ज्यादा नमक और चीनी के सेवन के कारण कम उम्र में लोग हाई बीपी के रोगी बन रहे हैं। इसलिए बहुत जरुरी है लोग हाई ब्लड प्रेशर डाइट को समझे और अपने खान – पान में परिवर्तन करें।
हाई ब्लड प्रेशर डाइट / Diet for high blood pressure
एक बार यह समझ आ जाये कि हमे क्या खाना चाहिए जिससे ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहे तो कोई भी अपना हाई ब्लड प्रेशर डाइट चार्ट बना सकता है। हाई ब्लड प्रेशर डाइट में पोटैशियम की मात्रा 4700 mg और सोडियम 2000 mg के करीब रखना होता है। पोटैशियम की इस मात्रा को प्राप्त करने के लिए प्रचुर मात्रा में कच्ची हरी सब्जी और फल खाना आवश्यक होता है। हाई ब्लड प्रेशर में शामिल किये जाने वाले खाद्य पदार्थ निम्नलिखित हैं –
हर्बल चाय / Herbal tea
ऐसे बहुत से पत्ते हमारे आस पास हैं जो उच्च रक्त चाप को सामन्य लेवल पर लाने में सहायता करते हैं। जामुन के पत्ते ,नीम के पत्ते ,अमरुद के पत्ते ,आम के पत्ते ,पीपल के पत्ते ,बेल के पत्ते ,सहजन के पत्ते / मोरिंगा लीफ ,करि पत्ता ,तुलसी पत्ता इत्यादि में से कोई भी एक प्रकार के 3 – 4 पत्ते उबालकर चाय बनायीं जा सकती है। यह हर्बल चाय उच्च रक्तचाप में कमी करने के साथ साथ शुगर का लेवल भी कम करता है। शुगर का लेवल कम होने से इन्सुलिन का लेवल भी कम होता है। ज्यादा शुगर इन्सुलिन के उत्पादन को ट्रिगर करता है। रक्त वाहिकाओं में इन्सुलिन का लेवल बढ़ने से धमनी की वाल /भित्ति मोटी होने लगती है क्योंकि इन्सुलिन ग्रोथ हॉर्मोन है। जिससे धमनी सख्त हो जाती है। फलस्वरूप ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है। इसलिए इन पत्तो की चाय पीने से शुगर और ब्लड प्रेशर दोनों कण्ट्रोल होता है।
हर्बल चाय के प्रकार और उनके फायदे
मेथी दाना / Fenugreek seeds
10 ग्राम मेथी दाना एक गिलास पानी में भिगोकर रखा जाए और सुबह इसका पानी भी पिया जाये तथा मेथी दाना भी चबा कर खाया जाये तो उच्च रक्तचाप में कमी आती है। इसमें आयरन ,कैल्शियम ,मैग्नीशियम ,फाइबर और पोटैशियम की भी अच्छी मात्रा उपलब्ध है। इससे आयरन की कमी भी पूरी होती है और हड्डी भी मजबूत होते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल का लेवल भी कम करता है और शुगर लेवल भी मेन्टेन करता है।
लहसुन / Garlic
लहसुन का हाई ब्लड प्रेशर में सकारात्मक प्रभाव देखा गया है। लहसुन में कई प्रकार के कंपाउंड्स होते हैं ,जैसे – allicin , alliin , diallyl sulfide ,s-allyl cysteine . Allicin वोलेटाइल और अनस्टेबल होता है तथा पकाने पर यह नष्ट हो जाता है। उच्च रक्तचाप में कच्चा लहसुन एक से दो छोटी कलियाँ छीलकर ,बारीक़ स्लाइसेस में काटकर,काटने के 10 मिनट बाद खायी जाये तो यह बहुत असरकारी होता है। यह ब्लड थिनर का भी काम करता है और यह रक्त वाहिकाओं को फैलाने का कार्य करता है ,जिससे हाई ब्लड प्रेशर में कमी आती है। कच्चा लहसुन ज्यादा खाने से RBC की संख्या में कमी आती है। पका हुआ लहसुन ज्यादा मात्रा में खाया जाए तो एसिड रिफ्लक्स , बर्पिंग और पेट में भारीपन करता है। 3 – 4 ग्राम लहसुन सुरक्षित माना जाता है।
ओटमील / Oat
ओट भी हाई ब्लड प्रेशर डाइट में शामिल किया जाना चाहिए। इसमें मौजूद फाइबर ,मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स उच्च रक्तचाप कम करने में मदद करते हैं। विभिन्न शोध के बाद वैज्ञानिकों ने इस बात की पुष्टि की है कि जो प्रतिदिन 5 ग्राम ओट का सेवन करते हैं ,उनके सिस्टोलिक प्रेशर में 7.7 mmHg तथा डायास्टोलिक प्रेशर में 5.5 mmHg की कमी पायी गयी है। इसलिए हाई ब्लड प्रेशर में ओट भी शामिल करें।
हरी पत्तेदार सब्जी तथा कच्ची सब्जी / Leafy vegetable and raw vegetable
National Center for Biotechnology Information के शोध के अनुसार हरी पत्तेदार सब्जी में एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। यह संयुक्त रूप से ह्रदय स्वास्थ्य के लिए बेहतर साबित होते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां ,खीरा ,टमाटर ,गाजर में फाइबर भरपूर होते हैं। इनमें पोटैशियम की उच्च मात्रा होती है। इनके सेवन से नाइट्रिक ऑक्साइड की मात्रा शरीर में बढ़ती है। रक्तवाहिकाओं में मौजूद कोलेस्ट्रॉल में कमी आती है ,प्लाक में भी कमी आती है और नए प्लाक भी नहीं बन पाते। रक्त वाहिकाओं में तनाव कम होता है तथा रक्तवाहिकाएं फैलती हैं। फलस्वरूप उच्च रक्तचाप में कमी आती है। इनके सेवन से इन्सुलिन सेंसिटिविटी भी बढ़ती है ,जिससे इन्सुलिन की आवश्यकता कम हो जाती है। इन्सुलिन के कम रहने से ब्लड वेसल सख्त होने से बचते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियों में शामिल हैं –
पत्ता गोभी
फूल गोभी तथा इसके पत्ते
ब्रॉकली
चुकंदर तथा इसके पत्ते
शलजम
मूली तथा इसके पत्ते
सरसों के पत्ते
पालक
चौलाई के पत्ते
चुकंदर / Beetroot
हाई ब्लड प्रेशर डाइट में चुकंदर और चुकंदर के पत्ते अवश्य शामिल करना चाहिए। चुकंदर में नाइट्रेट की अच्छी मात्रा होती है। जिसे हमारा शरीर नाइट्रिक ऑक्साइड में कन्वर्ट कर देता है। साथ ही इसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स भी हैं जो नाइट्रिक ऑक्साइड के लाइफ स्पैन को बढ़ाते हैं। नाइट्रिक ऑक्साइड ब्लड वेसल के तनाव को कम कर ब्लड वेसल को फैलाने का काम करता है। इससे रक्त संचार अच्छा होता है और ब्लड प्रेशर में कमी आती है। इसके लिए टेस्ट भी किये गए जिसमें पाया गया कि चुकंदर खाने वालों के सिस्टोलिक प्रेशर में 4 से 5 mmHg की कमी आयी।
हाई ब्लू प्रेशर डाइट में शामिल करें ड्राई फ्रूट्स / Dry fruits
हाई ब्लड प्रेशर डाइट में ड्राई फ्रूट्स बहुत जरूरी है। इसमें हाई बीपी को कम करने के लिए पोटैशियम ,मैग्नीशियम ,एंटीऑक्सीडेंट्स और हैल्दी फैट होते हैं। सभी ड्राई फ्रूट्स में से सबसे बेहतर हाई ब्लड प्रेशर में सादा पिस्ता और अखरोट माना जाता है। इन दोनों ड्राई फ्रूट्स में ओमेगा – 3 होते हैं जो बढे हुए ब्लड प्रेशर को सामान्य स्तर पर लाने में सहायता करते हैं।
ड्राई फ्रूट्स ( 28 ग्राम / one ounce ) | Potassium |
अखरोट | 125 मिलीग्राम |
पिस्ता | 286 मिलीग्राम |
बादाम | 208 मिलीग्राम |
मूंगफली | 183 मिलीग्राम |
काजू | 160 मिलीग्राम |
किशमिश | 209 मिलीग्राम |
डार्क चॉकलेट /Dark Chocolate
डार्क चॉकलेट खाने से उच्च रक्तचाप में कमी आती है। डार्क चॉकलेट में फ्लवोनोइड्स होते हैं जो एक बहुत बढ़िया एंटीऑक्सीडेंट है। इसलिए लंच या डिनर के बाद डार्क चॉकलेट का छोटा टुकड़ा कभी – कभी खाया जा सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर डाइट का महत्वपूर्ण भाग है फल / Fruit
फलों में कुदरती तौर पर पोटैशियम ,मैग्नीशियम ,आयरन ,अन्य मिनरल्स तथा एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं। इनके सेवन से शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड का भी लेवल बढ़ता है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम होता है। कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होता है क्योंकि फल फाइबर के अच्छे श्रोत होते हैं। हाई ब्लड प्रेशर डाइट में विशेषकर साइट्रस फ्रूट ज्यादा अच्छे होते हैं। निम्बू , मौसम्बी ,संतरा , केला ,अनार ,अमरुद ,तरबूज तथा नारियल पानी ज्यादा अच्छे होते हैं। एक बार में ज्यादा फल खाने से अच्छा है दो बार फल खाये। एक सुबह नाश्ते में दूसरा शाम में। एक बार के लिए 150 ग्राम से 200 ग्राम तक फल पर्याप्त होता है। कुछ लोगों में फ्रुक्टोज इनटॉलेरेंस भी हो सकता है। कुछ में यह ट्राइग्लिसराइड बढ़ने का भी कारण हो सकता है। इसलिए सिमित मात्रा में ही फल खाये।
फ्रूट्स ( 100 gm ) | पोटैशियम |
केला | 358 mg |
नारियल पानी | 250 mg |
अनार | 236 mg |
संतरा | 181 mg |
तरबूज | 112 mg |
अमरुद | 417 mg |
सेब | 107 mg |
व्यक्ति को प्रतिदिन 4700 मिलीग्राम पोटैशियम की आवश्यकता होती है। इस लेवल तक पहुँचने के लिए आवश्यक है पोटैशियम युक्त फलों का सेवन करें। केला और अमरुद पोटैशियम के बहुत अच्छे श्रोत हैं। केला हर मौसम में उपलब्ध होता है।
हाई ब्लड प्रेशर डाइट में आवश्यक ओमेगा – 3 युक्त खाद्य पदार्थ / Food items with omega -3
ओमेगा – 3 फैटी एसिड ह्रदय स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। शोध में देखा गया कि ओमेगा – 3 के सेवन से सिस्टोलिक और डायास्टोलिक प्रेशर दोनों में कमी आयी। ओमेगा – 3 के मुख्य श्रोत हैं फैटी फिश ,अखरोट ,अलसी के बीज ,चिया सीड ,अंडा। जो शाकाहारी हैं उन्हें अलसी के बीज भूनकर और पीसकर खाना चाहिए ,अखरोट तथा चिया सीड रात को पानी में भिंगोकर सुबह खाना चाहिए।
फ़ूड आइटम ( 28 gm ) | ओमेगा – 3 |
चिया सीड | 5000 mg |
अलसी के बीज | 6000 mg |
अखरोट | 2500 mg |
एक अंडा | 125 mg |
पढ़ें : ओमेगा 3 के फायदे और नुकसान
बीज / Seeds
बीज पोषण का भण्डार होते हैं। ये बीज हेल्दी फैट ,फाइबर ,प्रोटीन ,विटामिन्स ,एसेंशियल एमिनो एसिड तथा मिनरल्स से भरपूर होते है। सूरजमुखी के बीज ,कद्दू के बीज ,अलसी के बीज ,चिया के बीज तथा तरबूज के बीज ब्लड प्रेशर कम करने में अपना योगदान देते हैं। अलसी के बीज और चिया सीड के बगैर हाई ब्लड प्रेशर डाइट अधूरा है। अलसी के बीज को भूनकर और पीसकर खाया जाना चाहिए जबकि अन्य सभी बीजों को भिगोकर खाना ज्यादा अच्छा होता है।
पढ़ें : 6 प्रकार के बीज और उनके फायदे
दही / Curd
उच्च रक्तचाप में दही का सेवन भी अच्छा बताया जाता है। गाय के दूध से बना दही ,जिसमें मलाई नहीं हो ,उस दही का सेवन उच्च रक्तचाप में उपयुक्त होता है। उच्च रक्तचाप के रोगी को लंच के आधे घंटे बाद गाय के दही से बना छाछ पीना चाहिए। इसमें मौजूद प्रोबायोटिक्स ह्रदय स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। प्रोबायोटिक्स भोजन से कोलेस्ट्रॉल के अब्सॉर्प्शन में कमी लाता है। जिससे भोजन में मौजूद अतिरिक्त फैट शरीर से बाहर निकल जाता है।
हाई ब्लड प्रेशर डाइट में क्या नहीं खाना चाहिए / Food Items avoiding in high blood pressure
चाय और कॉफ़ी
बेकरी आइटम
प्रोसेस्ड फ़ूड
डब्बा बंद चीजें
पैक्ड ड्रिंक्स ,जूस ,सूप
अचार ,केचप ,सॉस ,पापड़
चिप्स
मैदा से बानी चीजें – पिज़्ज़ा ,बर्गर ,केक ,कुकीज़ ,बिस्कुट
शराब ,सिगरेट
नमकीन ड्राई फ्रूट्स
अधिक नमक ,चीनी
मलाईयुक्त दूध और दही
हाई ब्लड प्रेशर डाइट चार्ट / High Blood Pressure Diet Chart
सुबह -7 बजे | लहसुन का एक जवा या रात का भिगोया हुआ दो चम्मच मेथीदाना। आधे घंटे बाद भिगोये हुए ड्राई फ्रूट्स – 4 अखरोट की गिरी ,6 बादाम की गिरी ,10 दाना पिस्ता। एक टेबल स्पून भिगोया हुआ चिया सीड। चिया सीड को अलग भिगोये। |
8 – 9 बजे | एक केला या एक अमरुद या एक सेब या कोई भी मौसमी फल ( 150 ग्राम ) ,आधे घंटे बाद एक रोटी या एक कटोरी ओट या एक कटोरी पॉजिटिव मिलेट या एक कटोरी दलिया और एक कटोरी सब्जी। या एक गेहूं का ब्रेड पीनट बटर के साथ और 2 अंडा। |
1 – 2 बजे | खीरा ( 200 ग्राम ) या मूली ,शलजम ,गाजर और चुकंदर ( 100 ग्राम ) 15 मिनट बाद 2 रोटी या एक कटोरी चावल ,एक छोटी कटोरी दाल ,एक बड़ी कटोरी हरी सब्जी ,दाल और सब्जी में गाय का घी मिलाकर खाएं |
4 – 5 बजे | हर्बल टी ,आधे घंटे बाद कोई भी फल 150 ग्राम या एक छोटी कटोरी स्प्राउट्स जिसमें आधा चम्मच जैतून का तेल मिलाएं और चुटकी भर सेंधा नमक। |
8 -9 बजे | एक बड़ा टमाटर सलाद में या स्टीम्ड चुकंदर और गाजर 100 ग्राम तक। एक या दो रोटी एक बड़ी कटोरी हरी सब्जी ,एक चम्मच भूनकर पीसा हुआ अलसी का बीज चटनी की तरह लें। डिनर के एक घंटे बाद एक गिलास पानी अवश्य पिएं क्योंकि अलसी खाया है। |
- जिन्हें छाछ पीना है वे लंच के आधे घंटे बाद पी सकते हैं
- जो दूध पीना चाहते हैं वो गाय का दूध बिना चीनी और बिना मलाई का , एक कप दूध सोने से पहले ले सकते हैं
- जो दूध वाली चाय पीना चाहते हैं वे ड्राई फ्रूट्स खाने के आधे घंटे पहले पी सकते हैं।
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