ज्वार की कई प्रजातियाँ हैं ,जिनमें से अधिकतर पशु के चारे के लिए उगाई जाती है।ज्वार की एक प्रजाति खाने के काम भी आती है जिसका नाम सोरघम / इंडियन मिलेट है। इसका वानस्पतिक नाम Sorghum bicolor है। इसकी खेती सबसे पहले अफ्रीका में की गयी थी पर अब इसकी खेती कई देशों में की जाती है। ज्वार के फायदे को देखते हुए आजकल फिर से यह भारतीय रसोई का हिस्सा बनाया जाने लगा है। मुख्य रूप से ज्वार की रोटी और ज्वार का सिरप बनाकर लोग ज्वार के फायदे उठाते हैं। इसका उपयोग शराब बनाने में भी किया जाता है। इसके अनगिनत स्वास्थ्य लाभ के कारण लोग ज्वार की रोटी खाना पसंद करने लगे हैं।
ज्वार में पाए जाने वाले पोषक तत्व / Nutrients in Sorghum
पोषक तत्व / Nutrients | ज्वार ( 100 ग्राम ) | गेहूं ( 100 ग्राम ) |
प्रोटीन g | 10.4 | 11.6 |
फैट g | 2.2 | 2.0 |
क्रूड फाइबर g | 2.0 | 2.0 |
कार्ब्स g | 70 | 71 |
ऊर्जा kcal | 349 | 348 |
डाइटरी फाइबर g | 6gm | 12 gm |
कैल्शियम mg | 25.0 | 30.0 |
आयरन mg | 5.4 | 3.5 |
विटामिन B 1 mg | 0.38 | 0.41 |
विटामिन B 2 mg | 0.15 | 0.10 |
विटामिन B 3 mg | 4.30 | 5.10 |
ग्लाइसेमिक इंडेक्स /GI | 60 | 70 |
ग्लाइसेमिक लोड / GL | 43 | 52 |
टेबल में हमने देखा कि ज्वार और गेहूं के पोषक तत्व करीब – करीब एक जैसे हैं। लेकिन ग्लूटिन मुक्त और फाइबर युक्त होने के कारण ज्वार ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक हो जाता है। गेहूं का फाइबर ऊपरी परत ब्रैन में होता है जो आटा तैयार करने के दौरान बहुत कम बच पाता है।
ज्वार के फायदे /Benefits of Sorghum
1.ज्वार के फायदे ह्रदय स्वास्थ्य के लिए
ज्वार में मौजूद फाइबर इसे ह्रदय स्वास्थ्य के लिए बेहतर बना देता है।इसके सेवन से फाइबर के कारण शरीर से खतरनाक कोलेस्ट्रॉल LDL हटता है , धमनियाँ सख्त होने से बचती हैं। जिससे दिल का दौड़ा पड़ने का खतरा कम जाता है।
2.सीलिएक रोग में फायदेमंद
जिन लोगों को सीलिएक डिजीज होती है वो ग्लूटिन नहीं पचा पाते हैं। ज्वार ग्लूटिन मुक्त, फाइबर युक्त अनाज है | यह विभिन्न खनिज ,विटामिन्स और प्रोटीन का बेहतरीन श्रोत है | यदि आप सेलिएक रोग से पीड़ित हैं तो ज्वार आपके लिए बढ़िया अनाज है। इसके अनाज को उबालकर दलिया , भात और खिचड़ी भी बनाई जा सकती है। इसकी बहुत ही स्वादिष्ट रोटी बनती है |
3.हड्डियों को मजबूत बनाने में ज्वार के फायदे
हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कैल्शियम , मैग्निसियम और फॉस्फोरस की जरुरत होती है। ज्वार में ये तीनों ही तत्व मौजूद हैं। ज्वार खाने से हड्डियाँ मजबूत होती हैं तथा ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया का खतरा भी कम जाता है।
4.ज्वार के फायदे कैंसर में
ज्वार के चोकर में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं। यह कैंसर की सम्भावना को कम करते हैं। विशेषकर ओएसोफैगल कैंसर के विकास को रोक देते हैं। साथ ही इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स फ्री रेडिकल्स को भी कम करते हैं।
5.ज्वार के फायदे वजन कम करने में
ज्वार फाइबर का अच्छा श्रोत है जो भूख को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसे खाने के बाद भूख जल्दी नहीं लगती जिससे हम अतिरिक्त कैलोरी लेने से बच जाते हैं। वजन बढ़ने का कारण जरुरत से ज्यादा कैलोरी लेना ही है |
6.पूरे दिन ऊर्जावान बना कर रखता है
ज्वार में विटामिन B 3 अर्थात नियासिन होता है जो भोजन को पचाकर पोषक तत्वों को ऊर्जा में बदलने का कार्य करता है | यह पूरे दिन शरीर में ऊर्जा के स्तर को बनाये रखता है |
7.मूड को बेहतर बनाने में ज्वार के फायदे
ज्वार में विटामिन B 6 भी होता है,यह शरीर में GABA ( Gama amino butyric acid ) को रिलीज़ करने के लिए जरूरी है। GABA के बढ़ने से मूड में सुधार , एकाग्रता ,तनाव में कमी और डिप्रेशन के खतरे में कमी आती है |
8.शरीर में प्रोटीन की पूर्ति करता है
ज्वार के फायदे देखा जाये तो इसमें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन मौजूद है |100 ग्राम ज्वार में 10.5 ग्राम प्रोटीन होता है। इससे मसल्स बनाने और कोशिकाओं के बनने का कार्य होता है |
9.ज्वार के फायदे एनीमिया रोग दूर करने में
ज्वार में कॉपर और आयरन की मात्रा अच्छी पायी जाती है। कॉपर शरीर में आयरन के अब्सॉर्प्शन में मदद करता है | इसमें विटामिन B कॉम्प्लेक्स की भी मौजूदगी है। फलस्वरूप लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में वृद्धि होती है | इससे रक्त का परिसंचरण /blood circulation भी बढ़ता है।यह शरीर में खून की कमी को पूरा करता है तथा कोशिकाओं को भी स्वस्थ बनाकर रखता है। इससे बालों के विकास में भी मदद मिलती है।
10.ज्वार के फायदे मधुमेह के लिए
ज्वार को मधुमेह के रोगियों के लिए बेहतर अनाज माना जाता है। इसका कारण है इसमें मौजूद फाइबर। ज्वार के चोकर में एक प्रकार का एंजाइम पाया जाता है,जो शरीर के द्वारा स्टार्च के अवशोषण को कम कर देता है | जिससे शरीर में इन्सुलिन और ग्लूकोज का लेवल बैलेंस रहता है।इससे न ही केवल ग्लूकोज के लेवल में एकदम से गिरावट आती है और न ही वृद्धि होती है। इसका GI और GL भी गेहूं और चावल से कम है। फाइबर होने के कारण यह भूख भी जल्दी नहीं लगने देता है | इससे पूरे दिन का GL नियंत्रण में रखना आसान हो जाता है |
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ज्वार के नुकसान / Side effects of Sorghum
- यदि किसी को इससे एलर्जी हो तो इसके साइड इफेक्ट्स दिख सकते हैं।
- यदि इसका सेवन अधिक मात्रा में की जाये तो कुछ खनिज की अधिकता शरीर में हो सकती है ,क्योंकि ज्वार में कई खनिज उच्च मात्रा में पाए जाते हैं |
- यदि अधिक मात्रा में ज्वार का सेवन किया जाये तो थाइरोइड से सम्बंधित बीमारी होने की आशंका रहती है | इसलिए इसे हर मील में शामिल नहीं करें।
ज्वार की रोटी कैसे बनायें ?
अधिकतर लोग ज्वार की रोटी बना कर खाना पसंद करते हैं | यह बहुत स्वादिष्ट बनती है | ज्वार की रोटी बनाने में कुछ बातें ध्यान देनेवाली हैं, जिससे ज्वार की रोटी गेहूं की रोटी की तरह पतली और फूली- फूली बनेगी |
- रोटी बनाने के लिए जितना ज्वार का आटा लें उसी अनुपात में पानी भी लें। यदि एक कटोरी आटा लेते हैं तो उसी कटोरी से पानी भी लें।
- पानी उबलने के लिए रख दें | जब पानी उबलने लगे तो गैस कम कर दें और उसमें आटा मिलाकर अच्छे से मिला लें। उसके बाद गैस बंद कर दें। 5 मिनट के लिए ढक कर इसे थोड़ा ठंढा होने दें।
- 5 मिनट बाद इस आटे को परात या थाली में निकालकर गूंदे | ठंडे पानी के हाथ से गूंदने पर यह आसानी से गूंद जायेगा | अब इस आटे के छोटे -छोटे पेड़े बना लें। इस पेड़े से चकले पर बेलन की मदद से रोटी बेल लें। हलके हाथों से रोटी बेलें , गोल गोल पतली रोटी बन जाएगी |
- गरम तवे पर रख कर मध्यम फ्लेम पर रोटी पकाएं | तवे पर रोटी रखने के10 सेकंड बाद रोटी के ऊपरी परत पर पानी लगाएं। इससे रोटी में दरार नहीं आएगा। जब वह पानी सूख जाये तो रोटी पलट दें। दूसरी साइड भी जब रोटी अच्छे से पक जाए तो फिर से पलट कर रोटी को कपड़े की मदद से फुलाएं | एक – दो बार के अभ्यास से अच्छी ,पतली और फूली – फूली रोटी बनने लगेगी |
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