करेला के फायदे से हम सभी अवगत हैं ,इसलिए इसके कड़वे स्वाद के बावजूद इसे हम सब्जियों में महत्वपूर्ण स्थान देते हैं। बचपन में हम करेला खाना पसंद नहीं करते ,लेकिन जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ती है ,इसका स्वाद भी पसंद आने लगता है। इसकी गुणों से भी हमारी पहचान हो जाती है। करेला खून साफ करता है ,रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और डायबिटीज में यह बहुत फायदेमंद है। इतना तो हम सभी जानते हैं। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि करेले के पोषक तत्व और करेला के फायदे तथा नुकसान क्या है।
करेला क्या है ? What is Bitter Gourd or Bitter Melon ?
करेला एक बेल है ,जिसके फल को सब्जी के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। इसका स्वाद कड़वा होता है। इसका रंग हलके हरे रंग से गहरे हरे रंग के बीच होता है। करेला को इंग्लिश में Bitter Gourd और Bitter Melon कहते हैं। करेला का बोटैनिकल नाम Momordica charantia है। यह कुकुरबिटेसी फैमिली का सदस्य है। इसे अन्य भाषाओं में करैला ,करईला ,करेली ,करेना ,कालरा ,काकरल ,करंट आदि नामों से भी जाना जाता है। यह अफ्रीका ,कैरेबियन ,भारत और मध्य पूर्वी देशों में बहुत लोकप्रिय है।
करेला में मौजूद पोषक तत्व / Nutritional Content of Bitter Gourd
पोषक तत्व | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
ऊर्जा | 17 kcal |
कार्बोहाइड्रेट | 3.70 gm |
प्रोटीन | 1 gm |
टोटल फैट | 0.17 gm |
कोलेस्ट्रॉल | 0 mg |
डाइटरी फाइबर | 2.80 gm |
थायमिन ( विटामिन B1 ) | 0.04 gm |
फोलेट ( विटामिन B9 ) | 72 mcg |
नियासिन ( विटामिन B3 ) | 0.4 mg |
पैंटोथेनिक एसिड | 0.212 mg |
पायरीडॉक्सीन ( विटामिन B6 ) | 0.043 mg |
राइबोफ्लेविन ( विटामिन B2 ) | 0.040 mg |
विटामिन A | 471 IU |
विटामिन C | 84 mg |
सोडियम | 5 mg |
पोटैशियम | 296 mg |
कैल्शियम | 19 mg |
कॉपर | 0.034 mg |
आयरन | 0.43 mg |
मैग्नीशियम | 17 mg |
मैंगनीज | 0.089 mg |
जिंक | 0.80 mg |
इसके अतिरिक्त इसमें बीटा कैरोटीन ,एल्फा कैरोटीन ,लिउटीन तथा जी जैंथिन भी होते हैं। यह लिनोलेनिक एसिड ( ओमेगा 6 फैटी एसिड ) और ओलिक एसिड ( ओमेगा 9 फैटी एसिड ) का भी अच्छा श्रोत है। करेले में एंटी इंफ्लेमेटरी ,एंटी फंगल ,एंटी वायरल ,एंटी बैक्टीरियल ,एंटी एलर्जिक और एंटी पैरासिटिक गुण भी होते हैं। यह गर्मी में मिलनेवाला सब्जी है। इसकी तासीर ठंढी होती है।
करेला के फायदे संक्षेप में
- करेला रक्त साफ करता है
- यह डायबिटीज में बहुत फायदेमंद होता है
- यह पेट के लिए भी बहुत अच्छा होता है ,कब्ज और बवासीर से छुटकारा दिलाता है
- मुंह के छाले को ठीक करता है
- माताओं में यह दूध की सप्लाई को बढ़ाता है
- पेट के कीड़े को खत्म कर पेट की सफाई करता है।
करेला के फायदे / karela ke fayde in Hindi / Benefits of Karela in Hindi
करेला के फायदे डायबिटीज में / Benefits of Karela in diabetes
करेला में ऐसे कई बायोएक्टिव कम्पाउण्ड मौजूद है जो इसे डायबिटीज के लिए उपयुक्त बनाते हैं। इसे अध्ययन के द्वारा साबित किया जा चूका है। इसके एंटी डायबिटिक प्रभाव को पूरा विश्व स्वीकार करता है। इसके सपोर्ट में कई रिसर्च पेपर प्रकाशित हो चुके हैं। करेला में चेरान्टिन सब्सटांस होता है , जो एंटीडायबिटिक गुण को दर्शाता है। यहाँ तक कि इसका प्रभाव डायबिटीज में लिए जाने वाले दवा tolbutamide से भी ज्यादा है। इसके अतिरिक्त इसमें अन्य कम्पाउण्डस हैं जैसे -पॉलीपेप्टाइड ,vicine , glycosides ,saponins इत्यादि। यह पैंक्रियास में बीटा कोशिकाओं को regenerate करता है। यह इन्सुलिन के उत्पादन को बढ़ाता है। यह इन्सुलिन रेसिस्टेन्स भी कम करता है। इसे टाइप -1 और टाइप – 2 दोनों तरह के डायबिटीज में फायदेमंद बताया जाता है। फिर भी इसे मेडिसिन मानकर इस पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। डॉक्टर की सलाह लेकर उचित दवा लेनी चाहिए और करेला भी डाइट में शामिल करना चाहिए। जिन्हें प्रीडायबिटीज है ,वे इसका नियमित सेवन कर डायबिटीज के जोखिम से बच सकते है।
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करेला लिवर को स्वस्थ रखने में फायदेमंद / Karela benefits for liver
चूहों पर किये गए स्टडी में पाया गया है कि यह लिवर को स्वस्थ रखने का काम करता है। इसका प्रभाव फैटी लिवर में भी देखा गया है। यह लिवर में फैट जमने से भी रोकता है। इसके सेवन से लिवर में एंजाइम ज्यादा बनता है। इस कारण इसे रात में नहीं खाना चाहिए। रात में करेले का सेवन लिवर की समस्या बढ़ा सकता है। अलकोहल के कारण हुए फैटी लिवर और सूजन में यह बहुत असरकारी है। इसके सेवन से ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम होता है तथा सूजन भी कम होता है।
करेला कोलेस्ट्रॉल कम करने में फायदेमंद / Karela lowers cholesterol
करेला में फाइबर की अच्छी मात्रा है तथा इसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स और बायोटिक कम्पाउण्डस भी है जो कोलेस्ट्रॉल कम करने में उपयोगी होता है। इसके सेवन से लिपिड मेटाबोलिज्म में भी बढ़ोतरी होती है। चूहों पर किये गए अध्ययन में चूहों को करेले के अर्क का सप्लीमेंट दिया गया। इससे उनके कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड में कमी पायी गयी।
करेला के फायदे कब्ज और बवासीर में / Karela benefits in Piles
करेला में फाइबर की अच्छी मात्रा है तथा इसमें भोजन पचाने का भी गुण होता है। यह मल को नरम बनाकर मल त्यागना आसान बना देता है। इसमें करेले के पत्ते का रस भी उपयोगी होता है। करेले की जड़ को घिसकर मस्सों पर लेप करने से बवासीर में लाभ मिलता है। करेले के पत्ते के रस ( 10 – 15 ml ) में शहद मिलाकर पिलाने से जलोदर रोग में लाभ मिलता है। जलोदर रोग में पेट में पानी भर जाता है और पेट फूल जाता है।
करेला के फायदे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में / Karela benefits for improving immune system
करेला में विटामिन C तथा विटामिन A की अच्छी मात्रा मौजूद है ,साथ ही इसमें कई आवश्यक मिनरल्स और प्लांट कंपाउंड्स हैं जो हमारे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करते हैं। जरुरी नहीं है इसके लिए प्रतिदिन करेले की सब्जी ही खायी जाये। करेले के टुकड़े को पानी में उबालकर उसका चाय भी पिया जा सकता है। इसी तरह इसके पत्ते को भी उबालकर चाय पिया जा सकता है।
करेला आंत के कीड़े को ख़त्म करने में उपयोगी / Karela for intestinal worm
करेले में अन्थेलमिंटिक कम्पाउंड पाए जाते हैं , जो आंत में पनप रहे हानिकारक कीड़ों को नष्ट करते हैं। यह उन्हें नष्ट करने के साथ – साथ उन विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का भी काम करते हैं। इसके लिए 10 – 15 ml पत्ते का रस सुबह सुबह एक सप्ताह तक पीना चाहिए। करेले के बीज को पीसकर 2 – 3 gm चूर्ण खाने से भी लाभ मिलता है।
करेला के फायदे वजन कम करने में / Karela benefits in weight loss
करेले में एंटी ऑक्सीडेंट्स , फाइटो नुट्रिएंट्स और फाइबर होते हैं ,जो वजन घटाने में सहायक हैं। इसमें कैलोरी बहुत ही कम और कोलेस्ट्रॉल बिलकुल नहीं होता। यह कार्बोहाइड्रेट के मेटाबोलिज्म को बढ़ाकर शरीर में एकत्रित फैट की मात्रा को कम करता है। न्युट्रिशन जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक इसके बीज का तेल शरीर में फैट के जमने की प्रक्रिया को कम कर देता है।
करेला सूजन कम करने में फायदेमंद / Karela benefits in inflammation
करेले में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं ,इसलिए इसके सेवन से शरीर में हुए सूजन में कमी आती है। जोड़ों के दर्द में राहत के लिए करेले के पत्ते को पीसकर लेप लगाया जाता है। साथ ही तिल के तेल में करेले के बीज का तेल मिलाकर मालिश करने से दर्द में राहत मिलता है।
करेला बुखार में फायदेमंद / Benefits of Karela in fever
बुखार में करेले की उबली हुई सब्जी खाना ,करेले की चाय या करेला के पत्ते की चाय पीना लाभदायक होता है। इसमें एंटी वायरल ,एंटीबैक्टीरियल ,एंटी फंगल ,एंटी पैरासिटिक गुण होते हैं। बुखार का कारण इनमें से कुछ भी हो सकता है। करेले का सेवन इन माइक्रोब्स को नष्ट कर बुखार ठीक करता है। इसमें अनेक विटामिन्स और मिनरल्स भी होते है जो कमजोरी को दूर करने में मदद करते हैं।
करेला त्वचा के लिए फायदेमंद / karela benefits for skin
करेला का नियमित सेवन किया जाये तो त्वचा स्वस्थ रहता है। करेला में रक्त तथा लिवर को शुद्ध करने का गुण होता है। इससे फोड़े फुंसी ठीक होते हैं तथा त्वचा में चमक आती है। इसमें विटामिन C तथा विटामिन A के साथ साथ अन्य शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स है जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को कम कर देते हैं ,झुरिर्यों को रोकने में मदद करते हैं तथा सूर्य की अल्ट्रा वायलेट किरणों से भी बचाते हैं।
करेला के फायदे आँखों के लिए / Karela benefits for eye
करेला में आँखों के लिए आवश्यक तत्व विटामिन A तथा बिटा कैरोटीन होता है। इसमें ओमेगा 6 फैटी एसिड्स भी होते हैं ,लिउटीन तथा जी ज़ैंथीन भी होते हैं। यह सभी आँखों को स्वस्थ रखने , सूजन कम करने ,मैक्यूलर डिजनरेशन कम करने तथा मोतियाबिंद के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं। यह आँखों को ड्राई होने से भी बचाता है। इसके लिए करेला के बीज को भी खाना चाहिए।
करेला दूध पिलाने वाली माताओं के लिए उपयोगी
करेला में पोषक तत्वों की भरपूरता है। इसमें ऐसे भी गुण होते हैं जो माताओं के स्तन में दूध की सप्लाई को बढ़ाते हैं। इसके लिए करेला की सब्जी खानी चाहिए या करेला के पत्तों को उबालकर उसका पानी पीना चाहिए।
करेला मुंह के छाले और तलवे की जलन में फायदेमंद
करेला के पत्ते को पीसकर इसका लेप तलवे पर लगाने से तलवे का जलन शांत होता है। छालों पर यह लेप लगाने से छाले ठीक होते हैं और फोड़े फुंसी पर यह लेप लगाने से फोड़े फुंसी ठीक होते हैं। इसके पत्तों में एंटी इंफ्लेमेटरी तथा एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं और यह ठंढा भी होता है। इस कारण यह इन समस्याओं में लाभकारी है।
करेला के नुकसान / Side effect of karela
- करेला के अधिक सेवन से पेट सम्बन्धी समस्या उत्पन्न हो सकती है
- स्तनपान कराने वाली माताओं को भी करेला अल्प मात्रा में ही खाना चाहिए
- जो डायबिटीज की दवा ले रहे हैं उन्हें अपने शुगर लेवल की जाँच करते रहना चाहिए क्योंकि करेले में भी शुगर लेवल कम करने का गुण है। यह इन्सुलिन का लेवल भी बढ़ाता है। संभव है ब्लड में शुगर लेवल आवश्यकता से कम हो जाये।
- गर्भवती महिलाओं को कम मात्रा में करेला खाना चाहिए। इसमें कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो गर्भपात का कारण बन सकते हैं। इस पर शोध हुआ है और इसकी पुष्टि भी की गयी है। पुराने समय में करेले के बीज का प्रयोग गर्भ गिराने के लिए किया जाता था।
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