कंगनी /फॉक्सटेल मिलेट या कौनी पॉजिटिव मिलेट में से एक है। गेहूं और चावल की लोकप्रियता ने मिलेट को हमारे भोजन से विलुप्त कर दिया। जो लोग गांव में रहे होंगे उन्होंने कंगनी का स्वाद चखा होगा। 2000 से पहले यह गांव में देखने को मिल जाता था। मैंने भी अपने बचपन में कौनी की खीर और भात खाया है। पर अब मैं भी इसका स्वाद भूल चुकी हूँ। हमलोग इस लेख में कंगनी /फॉक्सटेल मिलेट के पोषक तत्व और इसे खाने से होने वाले फायदे जानेंगे।
कंगनी /फॉक्सटेल मिलेट क्या होता है ? What is foxtail millet ?
कंगनी को अंग्रेजी में Foxtail millet कहते हैं | यह Poaceae family के अंतर्गत आता है | कंगनी प्राचीन फसलों में से एक है | इसकी खेती भारत के अतिरिक्त चीन , अमेरिका ,यूरोप , अफ्रीका और रूस में भी किया जाता है। दक्षिण भारत और छत्तीसगढ़ में इसकी खेती अभी भी की जाती है। कंगनी को भारत में फिर से लोकप्रिय बनाने में डॉक्टर खादर वल्ली का बहुत योगदान है। लोगो में इसके प्रति जागरूकता बढ़ी है। इसकी पौष्टिकता और इससे होने वाले फायदे ने लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। अभी बाजार में इसकी उपलब्धता कम है फिर भी लोग इसे ऑनलाइन मंगवाकर खाना शुरू कर चुके हैं। इसे उगाने के लिए कम पानी की आवश्यकता होती है। इसका पौधा एक मीटर तक लम्बा होता है | कंगनी के दाने छोटे और हलके पीले रंग के होते हैं | उत्पादन कम होने के कारण अभी बाजार में इसकी कीमत 150 रूपए प्रति किलो है |
कंगनी /फॉक्सटेल मिलेट में मौजूद पोषक तत्व / Nutritional content of Foxtail Millet
पोषक तत्व | कंगनी ( 100 gm ) |
कार्बोहायड्रेट | 60 gm |
प्रोटीन | 12.30 gm |
फैट | 4.30 gm |
आयरन | 2.80 gm |
ऊर्जा | 331 kcal |
क्रूड फाइबर | 8 gm |
कैल्शियम | 31 mg |
फॉस्फोरस | 290 mg |
ग्लाइसेमिक इंडेक्स | 52 |
ग्लाइसेमिक लोड | 32 |
कंगनी बीटा कैरोटीन का प्रमुख श्रोत माना जाता है | इसमें अल्कलॉइड, फ्लवोनोइड्स , फेनोलिक्स और टैनिन्स प्लांट कंपाउंड भी होते हैं। कंगनी में मैंगनीज , मैग्निसियम , थाइमिन (विटामिन B 1 ) ,राइबोफ्लाविन ( विटामिन B 2 ), नियासिन (विटामिन B 3 ),पोटासियम ,क्लोरीन और जिंक भी मौजूद होते हैं | कंगनी में कई प्रकार के एमिनो एसिड्स भी होते हैं जैसे कि lysine ,methionine ,tryptophan ,phenylalanine , thereonine ,leucine और valine |
कंगनी /फॉक्सटेल मिलेट खाने से होनेवाले फायदे / Benefits of eating Foxtail Millet
1 .कंगनी /फॉक्सटेल मिलेट के फायदे हड्डी और मांसपेशी के लिए / Foxtail millet for bones and muscles
कंगनी आयरन और कैल्शियम का बेहतरीन श्रोत है। आयरन का शरीर में सही मात्रा में होना आवश्यक है | इससे शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई ठीक तरह से होती है, और ऑक्सीजन की सही आपूर्ति मांसपेशियों के लिए बहुत आवश्यक है। आयरन की कमी होने से केवल एनीमिया रोग ही नहीं होता बल्कि मांसपेशी की elasticity /लचीलापन भी कम हो जाता है | आयरन की कमी से restless leg syndrome ( बैठे-बैठे पैर हिलाने की आदत ) भी हो सकती है , मांसपेशी में ऐंठन भी संभव है | वैज्ञानिकों के अनुसार यह डिसऑर्डर दिमाग के उस हिस्से की कार्यक्षमता को घटा देता है जो हमारी गतिविधियों को नियंत्रित करते हैं |
फॉक्सटेल में मौजूद फॉस्फोरस और कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बना कर रखते हैं। यह हड्डियों में होने वाले हर प्रकार के इन्फ्लेमेशन को ठीक करते हैं। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। अपने आहार में कंगनी को शामिल कर आर्थराइटिस ,स्पॉन्डिलाइटिस जैसे हड्डियों की बीमारी को आसानी से दूर किया जा सकता है | अंकुरित कंगनी /कौनी ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को दूर करता है तथा यह इस बीमारी को ठीक करने की क्षमता भी रखता है |
2 . कंगन /फॉक्सटेल मिलेट नर्वस सिस्टम के लिए सुपर फ़ूड / Super food for nervous system
कंगनी /फॉक्सटेल मिलेट के अनेक फ़ायदों में से सबसे महत्वपूर्ण है नर्वस सिस्टम को स्वस्थ बनाकर रखना। नर्वस डिसऑर्डर से सम्बंधित कई तरह की परेशानी होती है, जैसे – बच्चों में बुखार के दौरान फिट आना , पूरे शरीर में चींटी चलने जैसा महसूस होना अर्थात tingling sensation , पैरों में बहुत अधिक जलन महसूस होना विशेषकर रात में , छोटे शिशु का 8 महीने तक अपने सिर को संतुलित नहीं रख पाना। इसके साथ ही कुछ खतरनाक बीमारी भी हैं जैसे अल्ज़ाइमर्स , पार्किसंस और बेल्स पाल्सी | इन सभी बीमारियों को अपने से दूर रखने का बहुत आसान उपाय है ,कंगनी को अपने आहार में शामिल करें |
अल्ज़हाइमर्स डिजीज में विटामिन B 1 दिया जाता है | 100 ग्राम कंगनी में 0.59 mg विटामिन B 1 मौजूद है | इसे मोराल विटामिन भी कहा जाता है | इससे याददाश्त शक्ति और एकाग्रता में भी वृद्धि होती है | Vitamin B 1 neurotransmitter , acetylcholine के निर्माण में मदद करता है | Acetylcholine मांसपेशियों को नर्वस /तंत्रिका का सन्देश पहुंचाने का कार्य करता है | शरीर में acetylcholine /एसीटाइलकोलीन की कमी होने से dementia /डिमेंशिया की शिकायत हो सकती है | कंगनी / फॉक्सटेल मिलेट खाया जाये तो इस तरह की परिस्थिति उत्पन्न नहीं होती | फॉक्सटेल आयरन का भी अच्छा श्रोत है तथा उचित दिमागी कार्यक्षमता के लिए आयरन का उचित मात्रा में होना महत्वपूर्ण है। यह दिमाग तक ऑक्सीजन पहुंचाने का कार्य करता है | रक्त में मौजूद ऑक्सीजन का 20 %इस कार्य में खर्च होता है |
3 . कंगनी / फॉक्सटेल डायबिटीज में फायदेमंद / Benefits of Foxtail Millet in diabetes
ब्लड में ग्लूकोज के लेवल को नियंत्रित करने में फाइबर का अहम रोल होता है | फाइबर ब्लड में ग्लूकोज को धीरे – धीरे रिलीज़ करने में मदद करता है | कंगनी एक फाइबर युक्त अनाज है | इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स 52 है और ग्लाइसेमिक लोड 32 है | इसका मतलब 100 ग्राम कंगनी खाने से शरीर को 32 GL प्राप्त होगा जबकि 100 ग्राम गेहूं से 52 GL मिलता है | इस तरह हम कह सकते हैं कि डायबिटीज में ग्लूकोज को नियंत्रित करने के लिए अपने आहार में फॉक्सटेल मिलेट को शामिल करें |
4 . कंगनी रक्त में कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करता है / Benefits of foxtail millet in lowering blood cholesterol
कंगनी/फॉक्सटेल मिलेट में लेसिथिन और मेथिओनीन नामक एमिनो एसिड होते हैं। यह लिवर से अतिरिक्त फैट को बाहर निकालने का काम करते हैं जिससे रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हो जाता है। कंगनी में मौजूद थ्रेओनीन एमिनो एसिड लिवर में फैट बनने की प्रक्रिया को कम करने का कार्य करता है। इससे भी रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम हो जाता है।
5 . पाचन में मदद करता है /Foxtail helps in good digestion
कंगनी/फॉक्सटेल मिलेट को 6 से 8 घंटे तक भिंगोने के बाद बनाया जाये तो यह सुपाच्य होता है। इसे खिचड़ी की तरह पकाकर गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को भी दिया जा सकता है। यह आसानी से पचने वाला भोजन है। पेट दर्द में इसका सेवन किया जाये तो पेट दर्द ठीक हो जाता है। यह कब्ज और डायरिया में भी बहुत फायदेमंद है। मूत्रविसर्जन /urinating के दौरान होनेवाले जलन में कंगनी का सेवन किया जाये तो यह समस्या ठीक हो जाती है। डॉक्टर खादर वल्ली द्वारा बताये गए तरीके से जब अम्बालि का सेवन किया जाता है ,(जिसे फर्मेन्टेड मिलेट कहते है) तो यह चमात्कारिक तरीके से फायदा दिखाता है। इससे आंत में अच्छे बैक्टीरिया का विकास होता है और पाचन तंत्र स्वस्थ बन जाता है।
6 . वजन कम करने में फायदेमंद / foxtail millet helps in weight loss
कंगनी को आहार में शामिल करने से इसमें मौजूद फाइबर वजन कम करने में सहयोग करता है। इसे खाने के बाद भूख जल्दी नहीं लगती ,जिससे एक्स्ट्रा कैलोरी लेने से बच जाते हैं। साथ ही इसमें मौजूद एमिनो एसिड चर्बी के बनने में रुकावट पैदा करता है। इस तरह कमर के आस पास चर्बी इकट्ठा नहीं हो पाती।
7 . कैंसर से बचाव / Benefits of foxtail in cancer
कंगनी में मौजूद प्लांट कंपाउंड्स और एंटी ऑक्सीडेंट्स कैंसर रोग से बचाते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल्स के दुष्प्रभाव से कोशिकाओं की रक्षा करते हैं। फलस्वरूप कैंसर सेल विकसित नहीं हो पाता। इसमें मौजूद बीटा कैरोटीन भी कैंसर से शरीर की रक्षा करता है।इसमें मौजूद विटामिन्स और मिनरल्स इम्युनिटी को भी मजबूत बनाते हैं |
कंगनी /फॉक्सटेल मिलेट के नुकसान / Side effects or Disadvantages of eating foxtail millet in Hindi
1 . कंगनी को पकाने से पहले 4 से 6 घंटे तक भिंगो कर नहीं रखा गया तो यह पेट की समस्या उत्पन्न कर सकता है।
2 . इसे प्रतिदिन खाया जाये तो थाइरोइड सम्बन्धी बीमारी की सम्भावना रहती है। इसमें गोईट्रोजेनिक पदार्थ पाए जाते हैं। यह पदार्थ आयोडीन के अवशोषण को रोकते हैं। इसलिए इसे सप्ताह में 3 – 4 दिन ही खाये। दो तरह के पॉजिटिव मिलेट मिलाकर नहीं खाये। पाचन के बाद प्रत्येक मिलेट केमिकली अलग तरह से टूटता है |
3 . यदि कम पानी का प्रयोग करके कंगनी पकाया गया हो तो पानी ज्यादा पीना चाहिए , नहीं तो पेट में गर्मी या कब्ज की समस्या हो सकती है |
कंगनी /फॉक्सटेल मिलेट का अम्बलि बनाने की रेसिपी
1 . एक कप कंगनी को पानी से धोकर 10 कप पानी के साथ 6 से 8 घंटे के लिए भिंगोकर रख दें।
2 . मिट्टी के बर्तन में इस कंगनी और इसी पानी को डालकर धीमी आंच /मध्यम फ्लेम पर पकाएं |
3 . 50 मिनट के करीब इसे पकाने में समय लगता है। अब बर्तन के मुंह को खादी या सूती कपड़े से बाँधकर 5 – 6 घंटे के लिए रख दें। गर्मी में 5 घंटे में यह फरमेंट हो जाता है , सर्दी में इसे रात भर भी बाँधकर रख सकते हैं | पकाते समय इसमें नमक या चीनी नहीं मिलाना है। खाने के समय इसमें आप नमक मिलाये। इसे दोबारा गरम भी नहीं करना है।
4 . हमारा अम्बली खाने के लिए तैयार है , इसे अचार ,सब्जी ,दही के साथ खा सकते हैं।
निष्कर्ष / Conclusion
कंगनी /फॉक्सटेल मिलेट को सुपर ग्रेन कहा जा सकता है | इसे सप्ताह में 2 -3 दिन अपने आहार में शामिल कर हम उत्तम स्वास्थ्य को प्राप्त कर सकते हैं | यह जितना फायदेमंद हमारे लिए है उतना ही किसान और हमारी धरती के लिए भी है। इसे उगाने में बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है ,साथ ही इसमें पेस्टिसाइड की भी जरुरत नहीं होती |
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1 Comment
MINAXI · October 27, 2021 at 6:42 pm
Nice information about foxtail millets