एमिनो एसिड एक तरह का आर्गेनिक कम्पाउंड है। एमिनो एसिड में अमाइन तथा कार्बोक्सिल दोनों ही ग्रुप होते हैं। इस तरह यह कार्बन ,हाइड्रोजन ,ऑक्सीजन और नाइट्रोजन का बना होता है। 4 amino acids ऐसे भी हैं जिनमें सल्फर भी होते हैं। शरीर में विटामिन और खनिज की तरह एमिनो एसिड की भी आवश्यकता होती है। जैसे प्रोटीन हमारे शरीर का बिल्डिंग ब्लॉक है उसी तरह amino acid प्रोटीन का बिल्डिंग ब्लॉक है। यह हमारे शरीर में स्टोर नहीं होता है ,इसलिए हमे इसे आहार के माध्यम से प्रतिदिन लेने की आवश्यकता होती है। शरीर में प्रोटीन सिंथेसिस के लिए सभी 20 प्रकार के एमिनो एसिड की आवश्यकता होती है।
एमिनो एसिड के प्रकार / Types of Amino acid
1. एसेंशियल एमिनो एसिड – Essential Amino acid
2. नॉन एसेंशियल एमिनो एसिड – Non Essential Amino acid
3. कंडिशनल एमिनो एसिड – Conditional Amino acid
1. एसेंशियल एमिनो एसिड्स –
एसेंशियल एमिनो एसिड्स वे होते हैं जो हमारे शरीर में नहीं बनते , इसके लिए हमे अपने भोजन पर निर्भर रहना होता है। 20 प्रकार के अमीनो एसिड्स में से 9 amino acids एसेंशियल एमीनो एसिड होते हैं। इनमें से 3 branched chain amino acid ( BCAA ) होते हैं। मांसपेशी के विकास में इनका महत्वपूर्ण भूमिका होता है। लिउसीन, आइसोलिउसीन और वैलिन BCAA हैं।
9 एसेंशियल एमीनो एसिड्स हैं –
- लिउसीन
- आइसोलिउसीन
- वैलिन
- फिनाइलअलनीन
- थ्रिओनिन
- ट्रिप्टोफैन
- मेथिओनीन
- लायसीन
- हिस्टीडीन
2. नॉन एसेंशियल एमिनो एसिड्स –
ये हमारे शरीर में भी बनते हैं और भोजन से भी मिलते हैं। इनकी संख्या 11 हैं –
- ग्लूटामिक एसिड
- अलनीन
- ग्लुटामिन
- आर्जिनिन
- एस्पाराजिन
- ग्लैसिन
- टाइरोसीन
- एस्पार्टिक एसिड
- सिस्टीन
- प्रोलीन
- सेरीन
3. कंडिशनल एमिनो एसिड –
ये नॉन एसेंशियल अमीनो एसिड्स ही होते हैं पर कुछ विशेष परिस्थितयों में जैसे कि कोई बिमारी या गंभीर चोट लगने की अवस्था में शरीर इनका निर्माण उतना नहीं कर पाता जितना कि शरीर को जरुरत होती है। ये हैं – आर्जिनिन , सिस्टीन ,टाइरोसीन ,ग्लुटामिन ,सेरिन और प्रोलिन।
इस तरह 20 प्रकार के Amino acid से प्रोटीन बनता है। पाचन के वक्त खाया गया प्रोटीन एमिनो एसिड में टूट जाता है और हमारे ब्लड स्ट्रीम में पहुँच जाता है।
मानव शरीर का 20 % हिस्सा प्रोटीन से बना होता है। शरीर की कई प्रक्रिया में प्रोटीन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कम्पलीट प्रोटीन बनने के लिए सभी 20 प्रकार के एमिनो एसिड की आवश्यकता होती है। शरीर की कोशिकाओं ,मांसपेशियों और उत्तकों का बड़ा हिस्सा अमीनो एसिड से बना होता है। अमीनो एसिड पोषक तत्वों के संरक्षण और उपयोग में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह शरीर के अंगों ,ग्रंथियों और धमनियों के कार्य पर भी प्रभाव डालता है। यह चोट के घाव और उत्तकों को ठीक करने का भी काम करता है। आगे लेख में इसके कार्य विस्तार से पढ़ते हैं।
एमिनो एसिड के कार्य / एमीनो एसिड के फायदे / Benefits of Amino Acids
फैट कम करने में मददगार
शरीर से अतिरिक्त फैट कम करने में यह मदद करता है। यह पेट, कमर और कूल्हे से अतिरिक्त चर्बी कम करता है। लिउसीन , आइसोलिउसीन ,वैलिन और ग्लूटामिक एसिड वजन नियंत्रित करने में ज्यादा फायदेमंद है।
सूजन कम करने में सहायक
BCAA ( leucine , isoleucine and valine ) में सूजन कम करने के गुण होते हैं। यह मांसपेशियों और जोड़ो की सूजन कम करने में में मदद करता है। इस कारण यह गठिया , डायबिटीज और लिवर सम्बन्धी समस्याओं में होनेवाली सूजन से हमारा बचाव करता है।
मांसपेशियों को नुकसान से बचाता है एमिनो एसिड
जब हम अधिक शारीरिक कार्य करते हैं तो मांसपेशियों में खिंचाव आता है और मांसपेशियां टूटती भी हैं। यदि शरीर में पर्याप्त मात्रा में अमीनो एसिड होते हैं तो मांसपेशियों में होनेवाला यह नुकसान जल्दी ठीक हो जाता है।
एमिनो एसिड मूड अच्छा रखता है
मूड अच्छा रखने के लिए डोपामाइन ,टायरोसिन ,एपिनेफ्रीन जैसे न्यूरोट्रांस्मीटर्स तथा सेरोटोनिन हॉर्मोन की जरुरत होती है। फिनाइलअलनीन अमीनो एसिड न्यूरोट्रांस्मीटर्स के लिए अग्रदूत का कार्य करता है। ट्रिप्टोफैन अमीनो एसिड सेरोटोनिन हार्मोन के उत्पादन के लिए आवश्यक होता है। सेरोटोनिन हमारे भूख ,नींद और मूड को नियंत्रित करता है।
थकावट दूर करने में सहायक
शारीरिक कार्य करने से शरीर में ग्लाइकोजन कम होने लगता है। ग्लाइकोजन ऊर्जा का श्रोत होता है। इसके कम होने से हमे थकावट महसूस होती है। एमिनो एसिड युक्त आहार लेने से ग्लाइकोजन का स्तर बढ़ता है। यदि शरीर में पर्याप्त अमिनो एसिड हो तो शरीर धीमी गति से ग्लाइकोजन इस्तेमाल करता है तथा अधिक कार्य करने के बावजूद हमें थकान महसूस नहीं होती।
मजबूत मांसपेशियों का निर्माण
पर्याप्त एमीनो एसिड लेने वालों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। वर्कआऊट करनेवाले लोगों को अपने मांसपेशी के विकास के लिए ब्रांच्ड चेन अमीनो एसिड लिउसीन,आइसोलिउसीन और वैलिन की आवश्यकता होती है। उन्हें अपने प्रोटीन के माध्यम से इन अमीनो एसिड की पर्याप्त मात्रा लेना आवश्यक हो जाता है। यही कारण है कि जिम जाने वाले लोग BCAA युक्त प्रोटीन पाउडर लेते हैं। अंडा तथा चिकन में भी ये तीनो अमीनो एसिड मौजूद है। एनिमल प्रोटीन एसेंशियल अमीनो एसिड का मुख्य श्रोत होता है।
एमिनो एसिड उपचार में सहायक
हमारे शरीर का बिल्डिं ब्लॉक प्रोटीन होता है। प्रोटीन कोशिकाओं ,उत्तकों ,मांसपेशियों ,नाखूनों , बालों आदि के बनने के लिए महत्वपूर्ण होता है। जब तक सही मात्रा में एमिनो एसिड शरीर में नहीं होगा ,तब तक उत्तम गुणवत्ता वाले प्रोटीन भी नहीं बनेगा। वह प्रोटीन उत्तम होता है जिसमें सभी एसेंशियल अमीनो एसिड मौजूद होते हैं। यदि प्रोटीन उत्तम गुण वाला है तो शरीर की चोट ,घाव तथा बीमारी जल्दी ठीक हो जाती है। किसी भी सर्जरी तथा बीमारी के बाद शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए पर्याप्त अमीनो एसिड की आवश्यकता होती है।
एमिनो एसिड हीमोग्लोबिन के बनने के लिए आवश्यक
हीमोग्लोबिन भी एक प्रोटीन है और इसके बनने के लिए हिस्टीडीन ,वैलिन ,लाइसिन ,लिउसीन और फिनाइलअलानिन अमीनो एसिड की आवश्यकता होती है।
एमिनो एसिड की कमी के लक्षण
- फोकस कम होने लगता है। टायरोसिन अमीनो एसिड की कमी होने से डोपामाइन और एपीनेफ्रीन जैसे न्यूरोट्रांस्मिटर्स की कमी हो जाती है। फलस्वरूप किसी भी चीज पर फोकस करना मुश्किल हो जाता है।
- अधिक काम की वजह से थकावट होना आम बात है पर प्रतिदिन ऐसा महसूस होने लगे तो यह अमीनो एसिड की कमी के कारण संभव है
- बिमारी के बाद रिकवरी जल्दी नहीं होना
- मांसपेशियों में कमजोरी आने लगती है। अधिक शारीरिक कार्य करने से मांसपेशी के टिश्यू टूटते हैं। पर्याप्त अमीनो एसिड नहीं होने से यह उतनी तेज़ी से बन नहीं पाते ,जिससे मांसपेशी कमजोर होने लगती है
- हीमोग्लोबिन का कम होना तथा इम्यून सिस्टम का कमजोर होना
- हमेशा कुछ न कुछ खाते रहने की इच्छा होना क्योंकि भूख की इच्छा को कण्ट्रोल करनेवाले न्यूरोट्रांस्मीटर्स अमीनो एसिड से बने होते हैं। एमिनो एसिड की कमी होने से अनहैल्दी फ़ूड , मीठा तथा कार्ब्स की तरफ ज्यादा ध्यान जाता है और खाने की तीव्र इच्छा होती है।
- शरीर में स्टैमिना की कमी होना तथा बहुत ज्यादा नींद आना
- बालों का भूरा होना ,बहुत ज्यादा झड़ना ,बालों का पतला होना तथा नाखून का कमजोर होना
- वजन में अचानक कमी आने लगना
- पेट का अपसेट रहना तथा डायरिया का लक्षण दिखना
- त्वचा पर झाइयाँ होना तथा त्वचा में ढीलापन आना
- जल्दी बुढ़ापा आना अर्थात एजिंग का तेज़ होना।
अधिक एमिनो एसिड के साइड इफेक्ट्स
- पेट अफर जाता है और अपसेट होने लगता है। पेट में दर्द भी होता है साथ उलटी और दस्त की भी सम्भावना होती है।
- शरीर में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ने लगता है तथा गठिया रोग होने का चांस बढ़ जाता है
- किडनी पर बहुत अधिक दबाव पड़ता है
- ब्लड प्रेशर में असमान्य तौर पर कमी आ जाती है
- खाने की आदत प्रभावित होती है
- लिवर भी प्रभावित होता है तथा प्रोटीन मेटाबोलिज्म पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे शरीर में टॉक्सिसिटी बढ़ती है। बहुत अधिक अमीनो एसिड लिवर सिरोसिस का भी कारण बनता है
एमिनो एसिड के श्रोत / Sources of Amino Acid
एमिनो एसिड प्रोटीन का बिल्डिंग ब्लॉक होता है। इसलिए जिस खाद्य पदार्थ से हमें प्रोटीन मिलता है उनसे हमें एमिनो एसिड भी मिलता है। लेकिन सभी खाद्य पदार्थों में सभी अमीनो एसिड नहीं होते। हमारा शरीर भी प्रोटीन का संश्लेषण करता है और भोजन से भी प्रोटीन मिलते हैं। जिन खाद्य पदार्थों से ज्यादा प्रोटीन मिलता है उनसे अमीनो एसिड भी ज्यादा मिलता है।
जैसे सोयाबीन प्रोटीन का उत्तम श्रोत है तो इसमें अमीनो एसिड भी ज्यादा होता है। सभी सब्जियां ,फल ,अनाज ,दालें ,दूध तथा अंडा ,मछली ,चिकन आदि में अमीनो एसिड होते हैं। सब्जी और फलों से कम मात्रा में अमीनो एसिड मिलता है जबकि बीन्स ,सीड्स ,अनाज ,दाल ,अंडा ,चिकन ,मछली ,मीट से ज्यादा मात्रा में एमिनो एसिड मिलते हैं।
दूध में भी सभी एसेंशियल अमीनो एसिड मौजूद हैं। सोयाबीन और क्विनवा में सभी एसेंशियल अमीनो एसिड हैं और प्रचुर मात्रा में हैं। अंडा में भी सभी एसेंशियल एमिनो एसिड मौजूद हैं। कद्दू के बीज ,सूरजमुखी के बीज ,अलसी बीज ,चिया ,तिल आदि में एसेंशियल एमिनो एसिड की अच्छी मात्रा मौजूद होती है।
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एसेंशियल अमीनो एसिड की प्रतिदिन लिये जाने वाले मात्रा / Recommended Daily intake of Essential Amino Acid
Essential Amino Acids | Per Kg need | 70 kg person |
Histidine / हिस्टीडीन | 10 mg | 700 mg |
Isoleucine /आइसोलिउसीन | 20 mg | 1400 mg |
Leucine / लिउसीन | 39 mg | 2730 mg |
Lysine / लायसीन | 30 mg | 2100 mg |
Methionine +cysteine / मेथिओनीन + सिस्टीन | 15 mg | 1050 mg |
Phenylalanine+Tyrosine / फिनाइलअलनीन + टाइरोसीन | 25 mg | 1750 mg |
Threonine / थ्रिओनिन | 15 mg | 1050 mg |
Tryptophan / ट्रिप्टोफैन | 4 mg | 280 mg |
Valine / वैलिन | 26 mg | 1820 mg |
1 Comment
Sunil Srivastava · August 13, 2022 at 10:08 am
Very well explained topic.