अश्वगंधा एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है | इसे औषधि के तौर पर हजारों वर्षों से इस्तेमाल किया जाता जा रहा है | चरक संहिता में  भी इसका जिक्र  है | इसका लैटिन नाम Withania somnifera है | इसे winter cherry भी कहते हैं | इसकी जड़ और पत्तियों से अश्व के मूत्र जैसी गंध आती है | इस कारण इसे अश्वगंधा का नाम दिया गया |आयुर्वेद के अनुसार इसके सेवन से अश्व जैसी ताकत और यौन शक्ति मिलती है |

भारत में यह राजस्थान , हरियाणा , उत्तर प्रदेश , गुजरात , महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में मुख्य रूप से उपजाए जाते हैं |मध्यप्रदेश में इसकी खेती करीब 5000 acre में की जाती है |

अश्वगंधा को एडाप्टोजेन प्लांट कहते हैं | एडाप्टोजेन प्लांट अर्थात स्ट्रेस रिलीफ प्लांट | इसकी तासीर खुश्क और गर्म होती है | इसका सेवन शरीर में पित्त को बढ़ाता है तथा कफ और वात दोष को कम करता है | 

अश्वगंधा के अद्भुत फायदे ,नुकसान तथा उपयोग
अश्वगंधा की जड़

अश्वगंधा के अद्भुत फायदे 

1. अश्वगंधा के फायदे पुरुषों के लिए  Ashwagandha for men 

पुरुष बाँझपन दूर करने के लिए   

पुरुष बाँझपन का मुख्य कारण स्पर्म की संख्या , संरचना और उनकी गतिशीलता में कमी होती है | अश्वगंधा में उपस्थित एमिनो एसिड ,आवश्यक लवण , एंटीऑक्सिडेंट्स , विटामिन A ,C और E स्पर्म की गुणवत्ता को सुधारने में मदद करते हैं | एक अध्ययन में पाया गया कि तीन महीने तक ashwagandha root extract का सेवन करने से स्पर्म की गुणवत्ता में improvement हुई | स्पर्म की संख्या , वीर्य की मात्रा तथा स्पर्म की गतिशीलता में 50% से अधिक की वृद्धि देखी गयी | 

पुरुषों को बेहतर सेक्स ड्राइव के लिए 

प्राचीन समय से ही काम उत्तेजना को बढ़ाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता रहा है | कामसूत्र में भी इसका उल्लेख है | जब पुरुष अश्वगंधा लेना शुरू करते हैं तो उनके शरीर में nitric oxide की वृद्धि होती है | परिणामस्वरूप bloodvessels द्वारा ब्लड का प्रवाह reproductive organ तक सुचारु रूप से होता है | इससे सेक्स ड्राइव तथा संतुष्टि दोनों में वृद्धि होती है | अध्ययन से यह भी पता चला है कि इससे erectile डिस्फ़ंक्शन का दोष भी दूर होता है |  

पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन को बढ़ाने के लिए 

पुरुषों में 30 वर्ष की आयु के बाद टेस्टोस्टेरोन का स्तर स्वाभाविक रूप से कम होने लगता है | टेस्टोस्टेरोन की कमी से पुरुषों में बाल गिरना , मसल्स की कमी , डिप्रेशन , बोन मास की कमी , ब्रैस्ट का बढ़ जाना ,  यादाश्त तथा फोकस का ख़राब होना , स्पर्म का कम होना जैसे लक्षण दिखने लगते हैं | एक अध्ययन के अनुसार जब तीन महीने तक 300 mg ashwagandha root extract दिन में दो बार दिया गया तो उनके टेस्टस्टेरॉन हारमोन में वृद्धि देखी गयी |  

तनाव को दूर करने के लिए 

अश्वगंधा का सेवन एड्रेनल ग्लैंड को मजबूत बनाता है | एड्रेनल ग्लैंड से कोर्टिसोल हारमोन निकलता है | यह हारमोन  तनाव के लिए उत्तरदायी होता है | एक स्टडी के अनुसार जब 300mg ashwagandha root extract दिन में दो बार 60 दिन तक दिया गया तब 25% तक कार्टिसोल हारमोन में कमी आयी | फलस्वरूप तनाव में भी कमी आ गयी | जब तनाव अधिक होता है तो BP बढ़ जाता है | जिससे धमनियों में रक्त का प्रवाह बाधित होता है | रक्त रिप्रोडक्टिव ऑर्गन तक पहुँच नहीं पाता और इससे नपुंसकता (इम्पोटेंसी )बढ़ती है | 

सेक्स हारमोन बढ़ाने के लिए 

एक अध्ययन में पाया गया कि इसके सेवन से टेस्टोस्टेरोन और लिउटीनीज़िंग हारमोन में काफी वृद्धि होती है | इसके सेवन से follicle stimulating hormone और prolactin के लेवल को कम किया जा सकता है |इन हारमोन के ज्यादा होने का अर्थ है स्पर्म का कम बनाना | ashwagandha प्लाज्मा मेटाबॉलिट्स और सेक्स हारमोन के बीच संतुलन को बढ़ावा देता है | 

पुरुषों की सहनशक्ति बढ़ाने के लिए 

Cardio respiratory endurance का अर्थ है किसी भी गतिविधि को करने के लिए बेहतर सहनशक्ति | इसके लिए मांसपेशियों को काफी ऊर्जा की आवश्यकता होती है | अश्वगंधा का सेवन दैनिक जीवन में कार्य करने की क्षमता को बढ़ाता है | यह sexual endurance को भी बढ़ाने में मदद करता है | 

स्पर्म की क्षति को रोकने के लिए  

इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स स्पर्म की क्षति होने से रोकते हैं | यह स्पर्म सेल में फैट के लेयर्स के ऑक्सीडेशन को रोकता है जिससे स्पर्म डैमेज नहीं हो पता | 

इस तरह अश्वगंधा का सेवन पुरुषों को सेक्स सम्बन्धी सभी समस्याओं से मुक्ति दिलाता है | इसे सेक्स टॉनिक भी कहा जा सकता है |

2. अश्वगंधा के फायदे महिलाओं के लिए   Ashwagandha for women  

महिलाओं में फर्टिलिटी के लिए फायदेमंद 

महिलाओं में इनफर्टिलिटी का अर्थ है गर्भ धारण नहीं करना तथा बार-बार गर्भ का गिर जाना | इसका मुख्य कारण है हारमोन इम्बैलेंस | जिससे अंडाशय में एग या तो बनता ही नहीं है या जो एग बनते  हैं वो स्वस्थ नहीं होते | अश्वगंधा में मौजूद तत्व , एमिनो एसिड, पेप्टाइड्स तथा लिपिड्स एंडोक्राइन सिस्टम को सुधारते हैं  | यह थाइरोइड ग्लैंड और एड्रेनल ग्लैंड की एक्टिविटी को सामान्य करने में मदद करता है | Follicle stimulating hormone और luteinizing hormone के बीच सामंजस्य बैठाने में यह अहम भूमिका निभाता है | इसमें आयरन की मात्रा अच्छी होती है | इसके सेवन से  खून की कमी पूरी होती है | कभी कभी खून की कमी के कारण भी महिलायें गर्भ धारण नहीं कर पाती | 

PCOS में फायदेमंद   

PCOS का अर्थ है polycystic ovarian syndrome. PCOS के कारण महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता , फर्टिलिटी तथा उनके अपीयरेंस में बदलाव दीखता है | हारमोन इम्बैलेंस के कारण अंडाशय में सिस्ट बन जाते हैं | माँस , रक्त और चरबी जब कफ के साथ मिलकर गोलाकार गाँठ की आकृति ले लेते हैं तो उसे सिस्ट कहा जाता है | वात और कफ दोष के बिगड़ने से सिस्ट बनता है | 

अश्वगंधा हारमोन को संतुलित करता है तथा थाइरोइड के कार्य को सुधारता है | यह एड्रेनल फंक्शन को सपोर्ट करता है तथा कोर्टीसोल  हारमोन के स्तर को सामान्य बना कर रखता है | इससे बॉडी में इन्सुलिन का लेवल भी मेन्टेन रहता है | इसके जड़ में tryptophan होता है | यह सेरोटोनिन का मुख्य तत्व है | सेरोटोनिन को मूड लिफ्टिंग हारमोन भी कहते हैं | यह मासिक धर्म को नियमित करता है तथा मेंस्ट्रूअल   पेन को भी कम करता है | 

मेनोपॉज के समय फायदेमंद 

मेनोपॉज़ के दौरान हारमोन असंतुलित होता है | इस कारण महिलाओं में उत्तेजना ,बेचैनी ,अनिद्रा, एंग्जायटी जैसी अनेक परेशानियां शुरू हो जाती है | इस परिस्थिति में अश्वगंधा लेना फायदेमंद रहता है | यह एंडोक्राइन सिस्टम पर कार्य करता है तथा हारमोन के श्राव को सामान्य करता है | 

काम उत्तेजना को बढाता है  

यह एक विशेष कारण है जिस कारण ashwagandha को मैजिकल हर्ब कहा जाता है | यह तनाव को कम कर मूड को अच्छा करता है | शरीर में खून के बहाव को बढ़ाता  है , जिससे काम उत्तेजना बढ़ती है | 

भूलने की समस्या को डिले करता है 

उम्र बढ़ने के साथ साथ याददाश्त का कम होना आम बात है | ब्रेन सेल के डिजनरेशन के कारण ऐसा होता है | अश्वगंधा का सेवन किया जाये तो याददाश्त से जुड़ी सभी परेशानी दूर हो जाती  है | इसे नर्व सेल का पोटेंशियल हीलर कहते हैं | 

बालों को स्वस्थ रखता है  

तनाव कम होने से बाल भी कम झड़ते हैं | अश्वगंधा का सेवन पाचन को सुधारता है | पोषक तत्वों की कमी को पूरा कर शरीर को स्वस्थ करता है |जिससे बाल भी स्वस्थ हो जाते हैं | इसका सेवन मेलनीन के लॉस से भी बचाता है |यह हेयर फॉलिकल को स्टिमुलेट  कर बाल मजबूत और लम्बा करता है | यह डैंड्रफ को भी दूर करता है | 

एजिंग डिले करता है 

Ashwagandha में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट एजिंग को डिले कर लम्बे समय तक युवा बनाये रखता है | इसमें एंटी बक्ट्रियल तथा एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं जिससे वैजिनल इन्फेक्शन भी ठीक होता है | 

3. अश्वगंधा के फायदे बच्चों के लिए   Ashwagandha for kids  

  • यह बच्चों के लिए भी सेफ है | डॉक्टर की सलाह लेकर इसे बच्चों को भी खिलाया जा सकता है | Teenagers एडल्ट के तरह ही इसे रियेक्ट करते हैं | बच्चों  में निम्न तरीके से यह फायदा पहुँचाता है|
  • Wbc और platelets को बढ़ाकर इम्युनिटी बढ़ाता है | शरीर को एंटीबाडी डेवेलप करने में मदद करता है।
  • न्यूरॉन्स के ग्रोथ को स्टिमुलेट कर मेमोरी को शार्प करता है | लॉन्ग टर्म मेमोरी के लिए भी यह फायदेमंद है 
  • इसमें मौजूद पोषक तत्व खून की कमी पूरी कर बच्चों को ऊर्जावान बनाये रखते हैं | जिन बच्चों का वजन ज्यादा है उनकी भूख को शांत कर वजन कम करता है | 
  • टीनएजर्स में एंग्जायटी की शिकायत बढ़ती जा रही है | यह बच्चों में स्ट्रेस कम करने की क्षमता रखता है | 
  • इसका सेवन बच्चों को अच्छी नींद लेने में भी मदद करता है | 
  • एंटीबैक्टीरियल और एंटी माइक्रोबियल  गुण के कारण यह बच्चों को बीमार होने से बचाता है
  • इसका सेवन बच्चों की लम्बाई बढ़ाने में मदद करता है | 

4. अश्वगंधा मांसपेशी की शक्ति सुधारने में मददगार 

एक अध्ययन में 8 सप्ताह के लिए 300mg ashwagandha root extract supplement दिन में दो बार gym जाने वाले युवकों को दिया गया | 8 सप्ताह बाद बेंच प्रेस और लेग एक्सटेंशन एक्सरसाइज में इम्प्रूवमेंट देखी गयी | एक्सरसाइज के बाद रिकवरी टाइम में भी कमी देखी  गयी | arm  और chest  पर muscle mass भी बढ़ा हुआ पाया गया | इस तरह इसके सेवन से मांसपेशी की संरचना और ताकत में improvement देखने को मिली | 

5. वजन नियंत्रित करने में मदद 

इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो मेटाबोलिज्म को बढ़ा देते हैं | इससे सूजन में कमी आती है तथा शरीर में जमा फैट भी बर्न होता है | यह तनाव और चिंता को कम कर भोजन की तीव्र इच्छा में कमी लाकर वजन कम करता है | वजन नियंत्रित रखने के लिए संतुलित आहार और नियमित व्यायाम भी जरूरी है |  

6. ह्रदय रोग में लाभदायक 

अश्वगंधा में एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लैमटरी गुण होते हैं | इसके सेवन से ह्रदय की मांसपेशियाँ मजबूत बनती हैं | बैड कोलेस्टेरोल LDL तथा Triglyceride के लेवल में भी कमी आती है | इस तरह यह ह्रदय से जुड़ी  समस्याओं से बचाकर ह्रदय को स्वस्थ रखता है | 

7. अच्छी नींद लाने में मदद  

जापान की एक यूनिवर्सिटी द्वारा किये गए रिसर्च में पाया गया कि अश्वगंधा के पत्तों में triethylene glycol नामक एक कंपाउंड होता है जो गहरी नींद लाने में मदद करता है | डॉक्टर की सलाह पर नींद के लिए इसका सेवन किया जा सकता है | 

8. तनाव तथा एंग्जायटी को कम करने में मदद 

यह तनाव तथा एंग्जायटी को शांत करने में बहुत मददगार है | खासकर भीड़ वाले जगहों पर होनेवाली एंग्जायटी को शांत करता है | यह कोर्टिसोल हॉर्मोन अर्थात स्ट्रेस हार्मोन में कमी कर एंग्जायटी को शांत करता है |

9. डायबिटीज में लाभदायक 

आयुर्वेद में लम्बे समय से डायबिटीज के उपचार के लिए अश्वगंधा का प्रयोग किया जाता रहा है | इसकी ह्य्पोग्ल्य्सिमिक प्रॉपर्टीज रक्त में ग्लूकोज  के स्तर को कम कर देता है | एक अध्ययन में पाया गया कि चार सप्ताह तक इसका सेवन करने से फास्टिंग और भोजन उपरांत दोनों के शुगर स्तर में कमी आयी | इसके सेवन से इन्सुलिन की मात्रा बढ़ती है तथा माँसपेशियों में इन्सुलिन सेंसिटिविटी भी बढ़ती है | 

10. अश्वगंधा थाइरोइड में फ़ायदेमंद 

थाइरोइड ग्लैंड से थायरोक्सिन हारमोन T4 निकलता है | शरीर में इस हारमोन की कमी होने से TSH का लेवल बढ़ जाता है | TSH का बढ़ना हाइपोथायरायडिज्म  कहलाता है | हाइपोथयरॉइड के रोगी को जब अश्वगंधा का सेवन कराया जाता है तो उनके TSH लेवल में कमी आती है | ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इसके सेवन से थाइरोइड ग्लैंड का फंक्शन सही होने लगता है | जिससे T4 का सेक्रेशन बढ़ जाता है | जीवन शैली में सुधार , परहेज और अश्वगंधा का सेवन पूर्ण रूप से ह्य्पोथयरॉइड को ठीक कर देता है | 

11. आँखों की बीमारी में फ़ायदेमंद  

हैदराबाद के कुछ वैज्ञानिकों ने इसका प्रयोग मोतियाबिन्द के लोगो पर किया | देखा गया कि इसका सेवन मोतियाबिंद को बढ़ने से रोकने में सफल रहा | इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और साइटोप्रोटेक्टिव गुण के कारण ऐसा हुआ | 

12. रूमेटिड आर्थराइटिस में फ़ायदेमंद 

इसमें रोगी को जोड़ों में दर्द तथा सूजन रहता है | इसका प्रभाव शरीर के सभी अंगों पर पड़ता है | अश्वगंधा में एंटी इन्फ्लैमटरी गुण होते हैं | इसके सेवन से सूजन और दर्द दोनों में आराम मिलता है | इस बीमारी की चिकित्सा के लिए डाक्टरी इलाज़ भी जरूरी है | 

13. इन्फेक्शन में लाभदायक 

Ashwagandha का प्रयोग बैक्टीरियल इन्फेक्शन में सफल पाया गया है | एक सफल परीक्षण में इसे आँत सम्बन्धी संक्रमण तथा फेफड़ों से सम्बंधित संक्रमण में सकारात्मक रूप से प्रभावी पाया गया | इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टी के कारण ऐसा हुआ | 

14. अश्वगंधा कैंसर में फ़ायदेमंद 

इसका सेवन ट्यूमर सेल को पनपने से रोकता है | यह कीमोथेरेपी से होने वाले साइड इफेक्ट्स से भी बचाता है | यह कैंसर सेल को ख़त्म करने में भी योगदान देता है | इसे कैंसर के इलाज़ के साथ साथ बचाव के लिए भी प्रयोग किया जाता है | 

15. प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार 

इसके सेवन से ब्लड में हीमोग्लोबिन को बढ़ते हुए देख गया है | चूहों पर किये गए शोध में पाया गया कि चूहों में RBC और WBC दोनों में वृद्धि हुई | इस तरह इसका सेवन इम्युनिटी को बढ़ाने में पूर्ण रूप से मददगार साबित होता है | 

16. घाव भरने में उपयोगी 

यदि घाव गहरा न हो तो इसके जड़ के पॉवडर को पानी में मिलाकर लेप तैयार कर इसे घाव पर लगाते हैं | इससे आराम मिलता है तथा घाव भी जल्दी भर जाता है | किसी प्रकार की इन्फेक्शन की सम्भावना भी नहीं रहती | 

अश्वगंधा कब होता है  नुकसानदायक 

1. Ashwagandha की तासीर गर्म होती है | अधिक मात्रा में इसका सेवन पेट में गर्मी कर सकता है | जिससे दस्त, उलटी , गैस , अफ़रा जैसी समस्या हो सकती है | 

2. इसे लेते समय सावधानी रखने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह सामान्य रूप से लिए जा रहे दवाइयों के साथ हस्तक्षेप करता है | यह दवाइयों का असर बढ़ा या घटा सकता है | 

3. गर्भवती महिलाओं को  इसका सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है | इसमें गर्भ गिराने वाले गुण होते हैं |

4. नींद लाने वाली दवाइयों के साथ इसका सेवन वर्जित है क्योंकि यह उन दवाइयों का असर घटा या बढ़ा सकता है | 

5. ऑटो इम्यून डिजीज वाले लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए | अन्यथा WBC के बढ़ने से उनकी समस्या बढ़ जाएगी 

6. डायबिटीज की दवाइयों के साथ इसे लेने से रक्त में शुगर का लेवल सामान्य से कम हो सकता है , इसमें शुगर लेवल कम करने के गुण होते हैं | 

7. हाई ब्लड प्रेशर की दवाइयों के साथ इसका सेवन नुकसानदायक होता है | 

8. थाइरोइड की दवाइयों के साथ भी इसका सेवन नुकसानदायक होता है | यह अपने आप में दवाई है | यदि ह्य्पोथयरॉइड की मेडिसीन के साथ इसे लेते हैं तो मुमकिन है TSH लेवल सामान्य  से नीचे चला जाये |

अश्वगंधा के उपयोग का तरीका 

  1. अश्वगंधा की टेबलेट और कैप्सूल बाजार में उपलब्ध है | उस पर बताये गए डोज़ के अनुसार इसका सेवन किया जा सकता है | 
  1. अश्वगंधा की जड़ और पॉवडर बाजार में आसानी से उपलब्ध है | बढ़िया क्वालिटी चाहिए तो ऑनलाइन मंगवाया जा सकता है | 
  1. इसके पॉवडर को गुनगुने दूध और पानी के साथ लिया जाता है | दूध के साथ लेने से यह पुष्टि वर्धक होता है |एक चम्मच पॉवडर दूध के साथ लेते हैं | एक चम्मच पॉवडर को पानी के साथ गरम करके चाय बनायी जाती है |
  1. जड़ के टुकड़े का गर्म पानी के साथ औषधि तैयार किया जाता है | इसके लिए एक लीटर गर्म पानी को उबालते हैं | पानी को गैस से उतार कर 50ग्राम इसका जड़ इसमें डाल देते हैं | ठंढा होने पर इसे कांच के बर्तन में रखकर फ्रीज में रख देते हैं | अब प्रतिदिन 50 ml इसका पानी पीते हैं | यह औषधि थायरॉइड की दवाइयों से भी ज्यादा असरदार होती है | 


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