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]]>पॉजिटिव मिलेट पांच प्रकार के होते हैं। फॉक्सटेल मिलेट , लिटिल मिलेट , कोदो मिलेट , बार्नयार्ड मिलेट तथा ब्राउनटॉप मिलेट। इस लेख में हमलोग बार्नयार्ड के विषय में जानेंगे। बार्नयार्ड मिलेट को हिंदी में सांवा और सामा कहते हैं और बंगाली में श्यामा कहते हैं।इसी तरह अलग अलग भाषा में इसके अलग अलग नाम है। बार्नयार्ड के नाम से यह ज्यादा प्रचलित है। बार्नयार्ड मिलेट की दो स्पेसीज Echinochloa frumentacea तथा Echinochloa esculenta की खेती की जाती है। यह हमारे खाने के साथ साथ मवेशियों के चारे के काम भी आती है। Echinochloa frumentacea को इंडियन बार्नयार्ड मिलेट भी कहा जाता है। Echinochloa esculenta को जैपनीज बार्नयार्ड मिलेट कहा जाता है। यह poaceae फैमिली के अंतर्गत आते हैं।
बार्नयार्ड गर्म और शीतोष्ण जलवायु में उगाया जाता है। भारत में इसकी खेती उत्तरांचल में सबसे ज्यादा की जाती है। यह चीन ,जापान और कोरिया में भी उगाये जाते हैं | यह कम समय में तैयार होने वाला फसल है। करीब 45 -60 दिन के अंदर यह काटने के लिए तैयार हो जाता है। इसे विपरीत परिस्थितियों में कम मेहनत तथा बिना पेस्टिसाइड के उगाना संभव है। वो किसान जो अपनी जीविका के लिए खेती पर पूरी तरह से निर्भर हैं, उन्हें खराब मानसून में जब वह चावल की खेती नहीं कर पाएं तब बार्नयार्ड की खेती करनी चाहिए। लोगों में पॉजिटिव मिलेट के प्रति जागरूकता बढ़ी है ,जिस कारण सामा की खेती करके किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं। इसका स्वाद बिलकुल टूटे हुए चावल की तरह ही होता है।
Nutrients | Barnyard millet (100 gm ) |
कैलोरीज | 342 |
कार्बोहायड्रेट | 64gm |
डाइटरी फाइबर | 12.6 gm |
क्रूड फाइबर | 8.4 gm |
सॉल्युबल फाइबर | 4.2 gm |
प्रोटीन | 11.2 gm |
आयरन | 16-18 mg |
कैल्शियम | 22 mg |
फैट | 3.6 gm |
विटामिन B1 | 0.33 mg |
विटामिन B2 | 0.10 mg |
विटामिन B3 | 4.2 mg |
ग्लाइसेमिक इंडेक्स | 50 |
ग्लाइसेमिक लोड | 32.5 |
टेबल में हमने देखा कि बार्नयार्ड प्रोटीन कंटेंट में दूसरे अनाज से बेहतर है | इसमें आयरन की मात्रा अन्य अनाज की तुलना में बहुत ज्यादा है। इसमें फाइटेट 3.30 mg /100 gm है जो दूसरे अनाज की तुलना में काफी कम है। इस कारण इसमें मौजूद आयरन का अवशोषण शरीर के द्वारा अच्छी तरह से किया जाता है। इसमें पॉलीफेनोल्स और कैरोटेनॉयड्स की मात्रा रागी से दोगुना है।इसमें मौजूद अल्कलॉइड्स ,स्टेरॉइड्स,ग्लाइकोसाइडस , टैनिन्स , फेनोल्स और फ्लवोनोइड्स के कारण यह औषधीय गुण भी दिखाता है। यह एंटीऑक्सीडेंट्स , एंटीकार्सिनोजेनिक ,एंटी इंफ्लेमेटरी , एंटीडाईबेटिक ,एंटीमाइक्रोबियल गुणों को भी दर्शाता है।
बार्नयार्ड डाइटरी फाइबर और प्रोटीन का बहुत बढ़िया श्रोत है। इसलिए इसे डायबिटीज में खाना चावल और गेहूं से बेहतर माना जाता है। जिस अनाज का कार्बोहायड्रेट और फाइबर का अनुपात कम होता है ,वह अनाज डायबिटीज के लिए अच्छा माना जाता है। यह अनुपात सामा में बहुत कम है। इसमें मौजूद अघुलनशील फाइबर ब्लड में ग्लूकोज को जल्दी रिलीज़ नहीं करने देता। इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी बहुत कम है। इसका ग्लाइसेमिक लोड 32.5 है , जो गेहूं और चावल की तुलना में बहुत कम है। इसके सेवन से डायबिटीज पेशेंट के लिपिड प्रोफाइल में भी सुधार आता है।
बार्नयार्ड में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और इसका एंटीकार्सिनोजेनिक इफ़ेक्ट इसे कैंसर में खाने लायक अच्छा आहार बनाता है। इसमें मौजूद एसेंशियल एमिनो एसिड्स कैंसर सेल की वृद्धि को रोकते हैं। फ्री रेडिकल्स के इफ़ेक्ट को कम करने में सामा बहुत प्रभावी है। ये फ्री रेडिकल्स ही डायबिटीज ,कैंसर और हार्ट डिजीज के कारण होते हैं। मिलेट मैन डॉ खादर वल्ली बार्नयार्ड मिलेट और अन्य 4 पॉजिटिव मिलेट की अम्बलि से कैंसर के रोगी को ठीक करने का दवा करते हैं। उनके कारण ही लोगो में मिलेट के प्रति जागरूकता आयी है और लोगों ने अम्ब्ली खाना शुरू किया है।
बार्नयार्ड में घुलनशील और अघुलनशील दोनों फाइबर अच्छी मात्रा में होते हैं। आंत को स्वस्थ रखने में अघुलनशील फाइबर का बहुत योगदान होता है। यह हमारे आंत में अच्छे बैक्टीरिया के विकास में मदद करते हैं। यह उन सभी के लिए बहुत अच्छा है जिन्हें कब्ज की शिकायत रहती है। यह आसानी से पचने वाला भोजन है। इसे बनाने से पहले 6 -8 घंटे तक भिंगोया जाये तो यह गर्मी नहीं करता। यह इतना सुपाच्य होता है कि इसे एक वर्ष से छोटे बच्चों को भी खिलाया जा सकता है।
बार्नयार्ड में कार्बोहाइड्रेट और फैट दोनों की मात्रा कम है ,इसलिए इसे अपने आहार में शामिल करने वाले लोगों का ह्रदय स्वस्थ रहता है। शोध में देखा गया कि सामा के चावल खाने से LDL और VLDL में कमी आयी ,साथ ही ट्राइग्लिसराइड के स्तर में भी कमी आयी। HDL में भी मामूली बढ़त देखने को मिली। इससे यह पता चलता है कि इसे अपने आहार का हिस्सा बना लिया जाये तो ह्रदय को स्वस्थ रखना बहुत आसान होगा। यह एक समय अंतराल के बाद ब्लड में कोलेस्ट्रॉल की कमी को भी दिखाता है।
बार्नयार्ड में आयरन की मात्रा 16 – 18 mg प्रति 100 gm पाया जाता है। यह वेल्यू किसी और अनाज ,फ्रूट्स ,सब्जी और ड्राई फ्रूट्स में नहीं मिलता। चुकंदर में 1.5 mg आयरन प्रति 100 ग्राम ,तिल में 15mg आयरन प्रति 100 ग्राम तथा छुहारा में 8 mg आयरन प्रति 100 ग्राम मौजूद होता है। इस तरह हम देखते हैं कि सामा में सबसे ज्यादा आयरन है। एक व्यक्ति एक मील में 40 gm सामा खा सकता है। इस तरह एक मील से ही 6.5 mg आयरन प्राप्त हो जाता है। एनीमिया को दूर करने के लिए सामा का सेवन एक अच्छा ऑप्शन है। इसमें जिंक की भी अच्छी मात्रा मौजूद है। हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए विटामिन C और आयरन के साथ जिंक की भी आवश्यकता होती है।
अन्य मिलेट की तरह बार्नयार्ड भी ग्लूटेन फ्री अनाज है। यह उन सभी के लिए अच्छा विकल्प है जो ग्लूटेन एलर्जी के कारण गेहूं और जौं नहीं खा सकते।
फर्मेन्टेड बार्नयार्ड / अम्बलि विटामिन B12 का अच्छा श्रोत है। यह हमारे शरीर को बहुत कम मात्रा में जरुरत होती है। पर यदि इसकी कमी हो जाये तो रक्त कोशिकाएं ढंग से निर्मित नहीं हो पाती ,DNA सिन्थेसिस भी उचित नहीं होता और न्यूरोलॉजिकल परेशानी भी बढ़ती है। यह हम सभी को ज्ञात है कि एनिमल प्रोटीन से B12 मिलता है। पर एनिमल प्रोटीन को पचाने के लिए ज्यादा मात्रा में एसिड की जरुरत होती है जो आंत के अंदरूनी लाइनिंग को नष्ट करता है साथ ही GIF ( गैस्ट्रिक इन्ट्रिंसिक फैक्टर ) को भी नष्ट करता है। यह GIF ही B12 को अवशोषित करता है। ऐसे में अम्बलि बहुत ही पौष्टिक और हमारे आंत के लिए उचित माइक्रो बैक्टीरिया युक्त आहार है। अम्बलि विटामिन B12 की कमी को दूर करने में समर्थ है।
1 . इसे भिंगोकर नहीं खाया गया तो यह पेट में गर्मी कर देगा , गैस और बदहज़मी भी हो सकती है।
2 . इसे प्रतिदिन खाया जाये तो थाइरोइड सम्बन्धी बीमारी की सम्भावना रहती है। इसमें गोईट्रोजेनिक पदार्थ पाए जाते हैं। यह पदार्थ आयोडीन के अवशोषण को रोकते हैं। इसलिए इसे सप्ताह में 3 – 4 दिन ही खाये। दो तरह के पॉजिटिव मिलेट मिलाकर नहीं खाये। पाचन के बाद प्रत्येक मिलेट केमिकली अलग तरह से टूटता है |
फॉक्सटेल मिलेट के फायदे और नुकसान
इन्सुलिन रेसिस्टेन्स /प्रतिरोध
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