लौ ब्लड प्रेशर के लक्षण ,कारण और घरेलु उपचार

लो ब्लड प्रेशर अर्थात निम्न रक्तचाप का अर्थ है रक्तचाप का सामान्य से कम हो जाना। ऐसे में रक्त मस्तिष्क ,किडनी ,आँखों के पास तथा शरीर के अन्य अंगों में पर्याप्त नहीं पहुँच पाता। इस अवस्था में व्यक्ति को चक्कर आते हैं तथा आँखों के सामने अँधेरा छा जाता है। लो ब्लड प्रेशर भी उतना ही खतरनाक है जितना हाई ब्लड प्रेशर। दोनों तरह की परेशानी उम्र बढ़ने के साथ बढ़ती है। लो बीपी का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है। 

लो ब्लड प्रेशर क्या होता है ? लो ब्लड प्रेशर कितना होता है ?

लो ब्लड प्रेशर का अर्थ है ब्लड प्रेशर का सामान्य से कम हो जाना। लो ब्लड प्रेशर को हाइपोटेंशन भी कहा जाता है। वयस्कों में नार्मल ब्लड प्रेशर 120 / 80 mmHg से 90 / 60 mmHg के बीच रहता है। विशेषज्ञों के अनुसार 90 / 60 mmHg से कम ब्लड प्रेशर लो ब्लड प्रेशर कहलाता है। दोनों में से कोई भी संख्या इससे कम हो तो ब्लड प्रेशर लो कहलाता है। यदि किसी का ब्लड प्रेशर 100 / 55 mmHg है तब भी ब्लड प्रेशर लो कहा जायेगा। 

120 / 80 mmHg ( millimeter of mercury )  में 120 सिस्टोलिक प्रेशर होता है और 80 डायास्टोलिक प्रेशर होता है। सिस्टोलिक प्रेशर वह प्रेशर है जिस प्रेशर में  ह्रदय की मांसपेशियां संकुचित होकर धमनियों में रक्त पंप करती है। डायास्टोलिक प्रेशर तब नोट किया जाता है जब ह्रदय की मांसपेशियां संकुचन के बाद शिथिल हो जाती हैं। ब्लड प्रेशर सही होने से रक्त का संचार सभी अंगो तक ढंग से होता है। ब्लड प्रेशर कम होने पर सभी अंगो तक रक्त प्रॉपर नहीं पहुँच पाता। 

एक व्यक्ति के लिए जितना ब्लड प्रेशर कम है, हो सकता है दूसरे व्यक्ति के लिए वह सामान्य हो। ज्यादातर डॉक्टर ब्लड प्रेशर को लो तब मानते हैं जब लक्षण दिखने लगे। ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट खतरनाक साबित होता है। यदि किसी का सिस्टोलिक प्रेशर 110 से 90 mmHg हो जाये तो ब्रेन तक रक्त कम पहुंचेगा फलस्वरूप व्यक्ति को चक्कर आना तथा बेहोश होना संभव है। 

लो ब्लड प्रेशर के प्रकार / Types of low blood pressure 

पोस्चुरल या ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन / Postural or Orthostatic Hypotension 

इसमें पोस्चर बदलने से रक्तचाप कम होता है। यदि कोई लेटा हुआ हो या बैठा हुआ हो और अचानक खड़ा हो जाये तो ब्लड प्रेशर कम हो जाता है। यह नार्मल है। ऐसे में चक्कर आना संभव है। 

पोस्टप्रानडियल  हाइपोटेंशन / Postprandial Hypotension 

भोजन करने के बाद पाचन के लिए रक्त की आवश्यकता होती है। ऐसे में रक्त का बहाव आंत की तरफ ज्यादा होने लगता है तथा शरीर के अन्य अंगों को रक्त कम पहुँच पाता है। ऐसी स्थिति में रक्तचाप में कमी आती है। 

न्यूरली मेडिएटेड हाइपोटेंशन / Neurally Mediated Hypotension 

यह तब होता है जब व्यक्ति लम्बे समय से खड़ा हो। कोई ऐसी बात जिससे व्यक्ति इमोशनली परेशान हो जाए तब भी ब्लड प्रेशर लो हो सकता है। 

सीवियर हाइपोटेंशन / Severe Hypotension

इसमें अचानक रक्तचाप कम हो जाता है शॉक लगने से ,कोई गंभीर इन्फेक्शन होने से ,डिहाइड्रेशन के कारण ,दिल का दौड़ा पड़ने से ,गंभीर चोट के कारण रक्त की कमी होने से इत्यादि। इसमें जान का खतरा रहता है। इसमें रक्त का बहाव बुरी तरह प्रभावित होता है जिससे मस्तिष्क तक रक्त को पहुँचाना मुश्किल होता है। 

लो ब्लड प्रेशर के लक्षण /लो बी पी के लक्षण / Low Blood Pressure Symptoms in Hindi 

  • चक्कर आना 
  • धुंधला दिखना या आँखों के आगे अँधेरा छाना 
  • उलझन में रहना
  •  थकान होना 
  • कमजोरी महसूस होना 
  • जी मिचलाना 
  • शरीर का ठंढा होना 
  • साँस लेने में दिक्कत होना 
  • एकाग्रता में कमी होना 
  • त्वचा में पीलापन होना 
  • प्यास ज्यादा लगना 
  • अनियमित धड़कन तथा छाती में दर्द रहना 
  • गर्दन का अकड़ना 
  • पल्स रेट का कम होना 

लो ब्लड प्रेशर के कारण / लो बीपी के कारण / Causes of low BP in Hindi 

कभी – कभी लो ब्लड प्रेशर का कारण पता नहीं चल पाता। कुछ लोगों में ब्लड प्रेशर लो होते देखा गया है जब वह गुस्से में होते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि 10 में से 2 लोगों का क्रोध के दौरान बीपी लो हो जाता है। कुछ परिस्थितियाँ हैं जिसमें ब्लड प्रेशर लो रह सकता है –

  • डिहाइड्रेशन जिससे रक्त की मात्रा कम हो जाती है 
  • अंदरूनी रक्तश्राव / internal bleeding 
  • कोई भी ऐसी चोट जिससे रक्त ज्यादा निकल गया हो 
  • गर्भावस्था 
  • हाई बीपी की दवा 
  • डिप्रेशन में ली जानेवाली दवायें ,दर्दनिवारक दवा ,वियाग्रा जैसी यौन क्षमता बढ़ाने वाली दवा 
  • एलर्जी 
  • रक्त सम्बन्धी संक्रमण 
  • हीमोग्लोबिन का कम रहना 
  • हमेशा एसिडिटी रहना 
  • नर्वस सिस्टम डिसऑर्डर 
  • डायबिटीज ,थाइरोइड ,पार्किसंस में भी लो ब्लड प्रेशर संभव है 

लो ब्लड प्रेशर से बचने के उपाय / Prevention from low blood pressure 

यदि किसी का ब्लड प्रेशर लो रहता है तो उन्हें निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए। इससे इसके खतरे से बचा जा सकता है। 

  • बीपी लो रहने की समस्या है तो झटके से खड़े ना हो। धीरे धीरे पोस्चर में बदलाव लाएं 
  • पानी की कमी शरीर में नहीं होने दें 
  • तनाव और क्रोध से बचें 
  • हैवी डाइट लेने से बचे और कार्ब्स की मात्रा भी कम कर दें। हैवी डाइट लेने से पाचन तंत्र की तरफ रक्त प्रवाह तेज़ी से होता है ,फलस्वरूप शरीर के अन्य हिस्सों में रक्त प्रवाह की गति धीमी हो जाती है। 
  • हीमोग्लोबिन की कमी नहीं होने दें। इसके लिए फल ,सब्जी ,ड्राई  फ्रूट्स इत्यादि का सेवन करें 
  • उपवास से बचें ,ज्यादा देर तक भूखे नहीं रहे 
  • पर्याप्त नींद लें क्योंकि नींद पूरी नहीं होने से भी बीपी लो होता है 
  • ज्यादा देर तक खड़े ना रहे 
  • शराब का सेवन नहीं करें 
  • दवाब वाले मोज़े / स्टॉकिंग्स पहनें ताकि पैरों में रक्त इकट्ठा नहीं हो 
  • प्रतिदिन एक्सरसाइज करने की आदत डालनी चाहिए। इससे ब्लड प्रेशर को नार्मल रखने में मदद मिलती है
  • खाने में नमक की मात्रा थोड़ा बढ़ाना चाहिए। 

लो बीपी के कारण होनेवाली समस्याएं और जटिलताएं / Low blood pressure complication 

  • लो बीपी का असर हार्ट और किडनी पर बहुत ज्यादा होता है। 
  • लो बीपी नर्वस सिस्टम और ब्रेन को भी डैमेज कर सकता है 
  • गर्भावस्था के दौरान लो बीपी का ध्यान नहीं रखा गया तो स्टिल बर्थ ( गर्भ में शिशु की मृत्यु ) की सम्भावना रहती है 
  • चक्कर आकर कहीं भी गिर जाते हैं तो गंभीर चोट लग सकती है 
  • स्ट्रोक ,किडनी फेलियर ,डेमेंशिया ,ब्रेन डिसऑर्डर की सम्भावना रहती है 
  • लो ब्लड प्रेशर के कारण शॉक(सदमा पहुंचना ) भी लग सकता है। शॉक लगने से कई ऑर्गन बुरी तरह डैमेज भी हो सकते हैं। 

 लो ब्लड प्रेशर के घरेलु उपचार / Home remedies for low blood pressure 

लो ब्लड प्रेशर की दवा इसके कारण पर निर्भर करती है। जिस कारण लो बीपी हो रहा है उस कारण को ठीक किया जाता है। लो बीपी में घरेलु उपचार बहुत कारगर है –

  1. चाय और कॉफ़ी 

जब रक्त चाप अचानक कम हो जाये तब चाय और कॉफ़ी दोनों ही रक्त चाप को नार्मल करते हैं। 

  1. दालचीनी 

दालचीनी की चाय भी लो बीपी में फायदेमंद है। गरम पानी के साथ दालचीनी पाउडर भी लिया जा सकता है। 

  1. टमाटर 

टमाटर यदि काली मिर्च और सेंधा नमक के साथ खाया जाये तो निम्न रक्तचाप में लाभ मिलता है। 

  1. गाजर ,चुकंदर ,किशमिश ,छुहारा ,खजूर 

गाजर ,चुकंदर ,किशमिश ,छुहारा ,खजूर जैसी रक्त बढ़ाने वाली फ़ूड आइटम लो बीपी  में फायदेमंद होते हैं। इनका नियमित सेवन करना लो ब्लड प्रेसर को नार्मल रखने में मदद करता है। विटामिन B12 और फोलेट युक्त फ़ूड भी लेना चाहिए। 

  1. आंवला 

आंवले का रास या आंवले का मुरब्बा दोनों ही लो बी पी में लेना अच्छा होता है। 

  1. नमक पानी का घोल 

लो बीपी के लक्षण दीखते ही नमक पानी का घोल देना चाहिए। यह घोल बहुत असरकारी होता है। एक गिलास पानी में आधा चम्मच नमक और आधा चम्मच निम्बू का रस मिलाकर पीने से बीपी तुरंत नार्मल हो जाता है 

  1. तुलसी और निम्बू 

8 – 10 तुलसी की पत्तियों को उबालकर चाय बनायी जाये और उसमें पीते समय 4- 5 बूँद निम्बू का रस मिलाकर पिया जाये तो लो बीपी नार्मल होता है। यह हाई बीपी को भी नार्मल करता है। 

  1. मुलैठी और शहद 

मुलैठी की चाय शहद डालकर पीने से लो बीपी को नार्मल लेवल तक लाने में मदद मिलती है। यह चाय हर्बल चाय की तरह प्रतिदिन पिया जा सकता है। इससे लक्षण में सुधार दिखने लगते हैं। 

  1. पानी 

लो बीपी के लक्षण दीखते ही पानी पीना चाहिए। इससे रक्त की मात्रा में वृद्धि होती है और डिहाइड्रेशन भी दूर होता है। इससे भी लो बीपी नार्मल होता है।

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1 Comment

Margarito Dekort · September 6, 2022 at 10:39 pm

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