लिटिल मिलेट / कुटकी

लिटिल मिलेट क्या होता है ?

लिटिल मिलेट / कुटकी एक पॉजिटिव मिलेट है। अनाज की यह प्रजाति कई मामलों में प्रोसो मिलेट से मिलती जुलती है। यह बहुत ही आसानी से उगाया जाने वाला अनाज है। इसकी खेती सूखा क्षेत्रों में भी की जा सकती है और पानी लगे जगहों पर भी की जा सकती है। इस अनाज को उगाने के लिए न तो ज्यादा गर्मी और न ही ज्यादा सर्दी चाहिए। लिटिल मिलेट / कुटकी 65 – 75 दिन में काटने के लिए तैयार हो जाता है। लिटिल मिलेट का वैज्ञानिक नाम Panicum sumatrense है। यह पोएसी फैमिली के अंतर्गत आता है। 

लिटिल मिलेट / कुटकी की खेती एशिया महादेश में  caucasus /काकेशस के कई एशियाई क्षेत्रों में ,भारत ,चीन ,मलेशिया  ,नेपाल ,म्यांमार तथा श्रीलंका में की जाती है। भारत में उड़ीसा ,मध्य प्रदेश ,छत्तीसगढ़ ,गुजरात ,कर्नाटक ,आंध्र प्रदेश ,महाराष्ट्र  तथा बिहार के कुछ क्षेत्रो में कुटकी की खेती की जाती है। लिटिल मिलेट की हिंदी में कुटकी कहते हैं। 

भारत के अलग अलग क्षेत्रों में इसे विभिन्न नामों से जाना जाता है। 

हिंदी – कुटकी 

बंगाली             – सामा 

मलयालम       –    चामा  

कन्नड़ – सामी 

तेलुगु – समालु  

गुजराती – गजरो  

मराठी – सवा 

पंजाबी – श्वांक 

तमिल – समई 

लिटिल मिलेट में मौजूद पोषक तत्व / Nutritional content of Little Millet 

Nutritional Content Value per 100 gm 
ऊर्जा 341 Kcal
कार्बोहाइड्रेट 67gm
प्रोटीन 9.7gm
फैट 4.7 gm
फाइबर 7.6 gm
आयरन 9.3 mg
कैल्शियम 17 mg
फॉस्फोरस 220 mg
थायमिन /विटामिन B 1 0.3 mg
नियासिन /विटामिन B 3 3.2 mg
राइबोफ्लेविन /विटामिन B 2 0.09 mg 
फोलिक एसिड /विटामिन B 9 9.0 mg
जिंक 3.7 mg
मैग्निसियम 133 mg
पोटासियम 129 mg
कॉपर 1.0 mg

इसके अतिरिक्त लिटिल मिलेट / कुटकी में कई एसेंशियल एमिनो एसिड भी होते हैं जैसे – आर्जिनिन ,लाइसिन ,ट्रीप्टोफैन , फिनाइल एलनिन , मेथिओनीन ,सिस्टीन ,थ्रेओनीन ,लिउसीन , इत्यादि | मसल वृद्धि , इम्युनिटी ,हड्डियों को मजबूत बनाये रखने ,सही दिमागी कार्यक्षमता , उचित मेटाबोलिक प्रक्रिया ,स्ट्रेस रिलीफ ,सही नींद ,सही पाचन इत्यादि सभी कार्यों के लिए एसेंशियल एमिनो एसिड्स की जरुरत होती है। 

लिटिल मिलेट / कुटकी खाने के फायदे / Benefits of Little Millet in Hindi 

लिटिल मिलेट

1. लिटिल मिलेट / कुटकी के फायदे मधुमेह में / Benefits of Little Millet in Diabetes 

अन्य पॉजिटिव मिलेट की तरह लिटिल मिलेट भी डायबिटीज को रिवर्स करने में मदद करता है।  इसमें मौजूद फाइबर ब्लड में शुगर को धीरे धीरे रिलीज करने देता है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स 50 के करीब है और ग्लाइस्मिक लोड 27  है जो गेहूं और चावल की तुलना में बहुत कम है। यदि मधुमेह के रोगी इस अनाज का सेवन करते हैं तो उन्हें भरपूर पोषण प्राप्त होता है और 100  ग्राम लिटिल मिलेट खाकर केवल 27 GL मिलता है। यह मात्रा उन्हें अपने पूरे दिन के शुगर को मेन्टेन करने में मदद करता है। यदि लिटिल मिलेट और अन्य पॉजिटिव मिलेट को डाइट में शामिल किया जाये तो मधुमेह की सम्भावना कम जाती है। 

2. कैंसर में फायदेमंद / Benefits in cancer 

लिटिल मिलेट एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होते हैं। इसलिए इसे कैंसर के रोगी के लिए अच्छा भोजन माना जाता है।  इसके एंटीऑक्सिडेंट्स के गुण को बनाये रखने के लिए इसे 6 – 8 घंटे  भिंगोकर , मिट्टी के बर्तन में पकाना चाहिए। इसकी अम्बालि/फर्मेन्टेड लिटिल मिलेट  विटामिन B 12 का अच्छा श्रोत है। इसे ही कैंसर के रोगी को खिलाया जाता है।  इसके साथ 4 अन्य पॉजिटिव मिलेट भी एक क्रम में खिलाये जाते हैं। फ्री रेडिकल्स के दुष-प्रभाव से बचने के लिए इसका सेवन अवश्य करें। 

3. पाचन में सहायक / Boosts digestion 

लिटिल मिलेट / कुटकी फाइबर का बढ़िया श्रोत है।  आंत को स्वस्थ बनाये रखने में फाइबर का महत्व पूर्ण योगदान होता है। यह भोजन को आंत में एकत्रित नहीं होने देता ,पाचन के बाद भोजन आसानी से आगे अवशोषण के लिए बढ़ जाता है।  जिससे न गैस की परेशानी होती है और न ही कब्ज की शिकायत होती है। इसे पकाने से पहले 6 – 8 घंटे तक पानी में भिंगो कर रखना जरूरी होता है। जिनको पाचन सम्बन्धी समस्या रहती है वे इसे ज्यादा पानी के साथ पकाये। ऐसे में उनके लिए अम्बालि सबसे अच्छा होता है। यह इतना सुपाच्य होता है की इसे शिशु और गर्भवती महिलाओं को भी खिलाया जा सकता है।  इसके अम्बालि के सेवन से आंत में अच्छे बैक्टीरिया का विकास होता है जो उचित पाचन और अवशोषण में मददगार साबित होते हैं। 

4. लिटिल मिलेट ह्रदय को स्वस्थ बनाता है / Little Millet keeps the heart healthy 

लिटिल मिलेट में कार्बोहाइड्रेट और फैट की मात्रा कम है जो हृदय के लिए बढ़िया है। इसमें मौजूद पोटासियम और मैग्निसियम ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को मेन्टेन कर के रखते हैं। इसके सेवन से गुड कोलेस्ट्रॉल HDL में वृद्धि होती है तथा बैड  कोलेस्ट्रॉल LDL कम होता है। कार्बोहाइड्रेट कम होने , फाइबर ज्यादा होने तथा ग्लाइसेमिक लोड कम होने के कारण यह ट्राइग्लिसराइड के लेवल को भी कम करता है। इस तरह इसका सेवन ह्रदय स्वास्थ्य को बनाये रखता है। 

5. शरीर के उचित विकास में महत्वपूर्ण / Little Millet for good development 

लिटिल मिलेट /कुटकी माइक्रो नुट्रिएंट्स और मैक्रोन्युट्रिएंट्स समृद्ध है। इसमें एसेंशियल एमिनो एसिड्स की भी मात्रा अच्छी है।  इसके सेवन से शरीर को हर प्रकार का पोषण प्राप्त होता है ,जिससे शरीर के वजन में उचित वृद्धि ,मजबूत माँस पेशी का विकास ,हड्डियों का विकास ,उचित मानसिक वृद्धि और उचित मेटाबोलिज्म को प्राप्त किया जाना संभव होता है। 

6. प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है / Little Millet keeps healthy reproductive system  

पुरुष और महिलाओं दोनों के रिप्रोडक्टिव सिस्टम को स्वस्थ बनाने का कार्य यह करता है। हार्मोन के बिगड़ने से कई प्रकार की समस्या उत्पन्न होती है। यह इससे सम्बंधित सभी समस्याओं को दूर करता है। महिलाओं में मासिक धर्म से सम्बंधित समस्याएं , गर्भाशय सम्बन्धी समस्याएं , बाँझपन , ल्यूकोरिया जैसी सभी समस्याएं इसके सेवन से दूर होती हैं।  पुरुषों में नपुंसकता ,स्पर्म की कमी ,शीघ्र पतन ,स्तम्भन दोष जैसी सभी समस्याएं इसके सेवन से दूर होती हैं। इसके लिए लिटिल मिलेट के साथ अन्य पॉजिटिव मिलेट भी एक क्रम में खाया जाता है। 

लिटिल मिलेट / कुटकी को आहार में शामिल कैसे करें – How to add little millet in diet / little millet recipe

लिटिल मिलेट की अम्बलि –अम्बलि बना कर इसे खाये। पहली बार खा रहे हो या कोई स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या हो तो आरम्भ में इसका अम्बलि 2 महीने तक खाये। इस मिलेट के साथ अन्य 4 पॉजिटिव मिलेट ( फॉक्सटेल मिलेट  ,कोदो मिलेट ,बार्नयार्ड मिलेट ,ब्राउनटॉप मिलेट ) भी डाइट में शामिल करें। 

अम्बली
  • अम्बलि /फर्मेन्टेड मिलेट बनाने के लिए एक कप मिलेट को धोकर 10 कप पानी के साथ भिंगोकर 6 – 8 घंटे के लिए रख दें।
  •  इस पानी और मिलेट को मिट्टी के बर्तन में डालकर पकाये। पकाते समय नमक या कुछ भी नहीं मिलाये।
  • मिलेट जब पक जाये तो बर्तन के मुंह को कपड़े से बाँधकर फरमेंट होने के लिए रख दें। इसमें 8 से 12 घंटे लग सकते हैं। खाते समय इसमें नमक मिलाये तथा इसे किसी भी दाल सब्जी के साथ खा सकते हैं | 

लिटिल मिलेट की खीर 

लिटिल मिलेट
  • मिलेट को धोकर 6 – 8 घंटे के लिए भिंगो दें
  •  6 गुना पानी डालकर तथा स्वाद अनुसार गुड़ डालकर पकाये 
  • जब यह पक जाये और गाढ़ा  हो जाये तो गैस बंद कर दें तथा इसमें दूध मिलाये। दूध की मात्रा आप पर निर्भर करती है। इसे बारीक़ कटे हुए ड्राई फ्रूट्स से सजाये। 

लिटिल मिलेट का उपमा 

लिटिल मिलेट
  • मिलेट को धोकर 6 – 8 घंटे के लिए भिंगो दें 
  • मन पसंद सब्जियों को भूनकर ,स्वाद अनुसार नमक और मसाले मिलाएं 
  • इसके बाद इसमें मिलेट मिलाये और तीन गुना पानी के साथ पकाये 
  • 10 – 12 मिनट में यह तैयार हो जाता है 

 लिटिल मिलेट की खिचड़ी 

  • मिलेट को धोकर 6 – 8 घंटा भिंगोये 
  • जीरा का तड़का लगाकर आलू ,गोभी या ब्रोकोली  ,मटर,घीया  जैसी मौसमी सब्जी डालकर भूने। इसमें हल्दी ,मिर्ची और कोई भी हल्का मसाला डालें। इसमें लिटिल मिलेट का चौथाई भाग दाल डालें। 
  • मिलेट  का 10 गुना पानी और स्वाद अनुसार नमक डाल  कर पकाये | मिट्टी के बर्तन में यह 45 मिनट में तैयार हो जाता है।  
लिटिल मिलेट का डोसा, इडली और उत्तपम भी बनाया जा सकता है।  चावल के जगह मिलेट लें और उड़द दाल के साथ इनका बैटर / घोल तैयार करें 

नोट : जिनका TSH लेवल बढ़ा हुआ हो , वे इसका सेवन सप्ताह में 3 से 4 दिन करें। इसमें गोईट्रोजेनिक प्रभाव देखने को मिलता है।  


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