ड्राई फ्रूट्स में बादाम का स्थान सबसे ऊपर है | ऐसे तो बादाम नट्स है पर बोलचाल की भाषा में नट्स को भी ड्राई फ्रूट्स ही कहते हैं | बादाम को अंग्रेज़ी में Almond कहते हैं | Almond का बोटैनिकल नाम Prunus dulcis है | मध्य एशिया को बादाम का नेटिव प्लेस माना जाता है | सबसे ज्यादा इसका उत्पादन संयुक्त राज्य अमेरिका में होता है | कैलिफ़ोर्निया में 20 से ज्यादा प्रकार के almond उगाये जाते हैं | उसके बाद स्पेन और ईरान का नाम आता है | भारत में जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा इसका उत्पादन होता है | 

बादाम के पेड़ पर जनवरी के महीने में गुलाबी रंग का सुन्दर फूल आना शुरू हो जाता है | मार्च और अप्रैल में फल आ जाते हैं | जुलाई तक यह पकना शुरू हो जाता है | बादाम की गिरी एक सख्त कवच के अंदर होती है | उस सख्त कवच को हटाने के बाद भूरे रंग की गिरी निकलती है | इस गिरी को भिंगोने के बाद इसके भूरे रंग के छिलके को हटाने से सफ़ेद रंग की गिरी निकलती है | इस गिरी में पोषक तत्वों का खजाना भरा होता है | इससे दूध ,मक्खन और तेल भी तैयार किया जाता है | 

भिंगोये हुए बादाम को दिखाना
भिंगोया हुआ बादाम

मौजूद पोषक तत्व /Nutrition in Almond 

एक मुट्ठी बादाम  करीब 1 ounce ( 28 gm ) में पाए जाने वाले पोषक तत्व 

कैलोरीज 161 कैलोरीज 

डायजेस्टिबल  कार्ब्स 2.5 ग्राम 

फाइबर 4 ग्राम

फैट 14 ग्राम 

प्रोटीन 6 ग्राम 

विटामिन E 37 % ऑफ़ डेली नीड ( DN )

मैंगनीज 32 % of DN

मैग्नीशियम 20 % of DN 

राइबोफ्लेविन (V B2 ) 20 % of DN 

कैल्शियम 8 % of DN 

पोटैशियम 6 % of DN 

इसमें जिंक ,कॉपर ,विटामिन B6 और फ़ास्फ़रोस भी मौजूद होते हैं | ⅔ फैट मोनो अनसैचुरेटेड फैट हैं जो हार्ट के लिए हैल्दी फैट माना जाता है | इसके छिलके में 20 प्रकार के एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं | इसमें phytic acid  नाम का भी एक एंटीऑक्सिडेंट्स होता है | यह कुछ मिनरल्स के अब्सॉर्प्शन को रोक देता है ,जिससे शरीर में उनकी कमी हो जाती है | यही कारण है कि बादाम को छीलकर खाने की सलाह दी जाती है | 

छिलका रहित बादाम को दिखाना
छिलका रहित बादाम

बादाम खाने के फायदे /Benefits of Almond 

  1. दिमाग को तेज़ करे 

बादाम को दिमाग के लिए सर्वोत्तम आहार माना जाता है | cognitive ability ( संज्ञानात्मक योग्यता ) को बढ़ाने के लिए बादाम में मौजूद विटामिन E को महत्वपूर्ण माना गया है | इसके साथ साथ यह दिमाग की सतर्कता को भी बढ़ाता है तथा याददाश्त कम नहीं होने देता | इसमें मौजूद जिंक दिमाग की कोशिकाओं को हानिकारक प्रभाव से बचाता है | इसमें मौजूद विटामिन B6 दिमाग की क्षति ग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत करने में सहायता करता है | Almond के नियमित सेवन से parkinsons disease का खतरा कम हो जाता है | concentration और memory के लिए आवश्यक केमिकल dopamine तथा adrenaline का भी उत्पादन करने में भी यह मदद करता है | 

  1. डायबिटीज में फायदेमंद 

बादाम को डायबिटीज के रोगी के लिए फायदेमंद बनाता है उसमें मौजूद हैल्दी फैट ,प्रोटीन और फाइबर | Almond में मैग्नीशियम की मात्रा भरपूर होती है | यह खनिज डायबिटीज के रोगी के लिए बहुत आवश्यक होता है | टाइप -2 डायबिटीज के रोगी में मैग्नीशियम की कमी देखी गयी है | मैग्निसियम की कमी दूर कर ली जाती है तो ब्लड में शुगर का स्तर कम हो जाता है | इससे इन्सुलिन के फंक्शन में सुधार भी देखा गया है | इस तरह कहा जा सकता है कि almond डायबिटीज के बचाव और उपचार दोनों में सहायक है | इसका ग्लिसेमिक इंडेक्स बहुत कम है ,जिस कारण यह डायबिटीज पेशेंट के लिए पोषण पाने का बहुत बढ़िया श्रोत है | 

  1. वजन घटाने में सहायक 

बादाम खाने से पेट भरा हुआ महसूस होता है और कुछ कुछ खाते रहने की इच्छा समाप्त होती है | इसका कारण है almond में प्रोटीन ,फाइबर और अच्छे फैट का संयुक्त रूप से मिल जाना ,जो क्रेविंग्स को कम करता है | जर्नल ऑफ़ अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार दो ग्रुप में लोगो को एक जैसे कैलोरी का मफिन और बादाम दिए गए | दोनों ग्रुप में से किसी का भी वजन नहीं घटा | पर जिस ग्रुप के लोगों ने almond खाये, उनके पेट ,कमर और जांघ पर के फैट कम हो गए थे | इसमें मौजूद जिंक और विटामिन B  के कारण इसे खाने से शुगर खाने की इच्छा कम होती है | यह पाया गया कि जो इसका नियमित सेवन करते है उनमें मोटापे की शिकायत कम होती है | 

  1. ग्लूटिन एलेर्जिक लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प 

जिन लोगों को ग्लूटिन से एलर्जी होती है उनके लिए almond पोषण प्राप्त करने का एक अच्छा विकल्प है | यह प्राकृतिक रूप से ग्लूटिन फ्री है, जबकि पोषक तत्वों का बहुत धनी है | अक्सर जो ग्लूटिन फ्री आहार होते हैं वह प्रोटीन ,फाइबर ,आयरन और विटामिन्स के बढ़िया श्रोत नहीं होते | इसलिए ग्लूटिन एलर्जी लोगों को almond का नियमित सेवन करना चाहिए | 

  1. ऊर्जावान बनाये रखता है 

बादाम का नियमित सेवन हमे एनर्जेटिक बना कर रखता है | शरीर को ऊर्जावान बनाये रखने के लिए मैंगनीज ,कॉपर और राइबोफ्लेविन ( विटामिन B2 ) का संयुक्त रूप से मिलना आवश्यक होता है | राइबोफ्लेविन RBC बनाने में सहायक है | यह हमारे द्वारा लिए गए कार्ब्स से ऊर्जा को रिलीज़ करने का भी काम करता है | National Institute of Health के अनुसार मैंगनीज और कॉपर दोनों माइटोकॉन्ड्रिया को मदद करते हैं एनर्जी रिलीज़ करने में क्योंकि ये दोनों माइटोकॉन्ड्रिया में फ्री रेडिकल्स को बनने से रोकते हैं | इस तरह almond हमारे शरीर की ऊर्जा को बनाये रखता है | 

  1. गॉल ब्लैडर में पथरी बनने से रोकता है 

Almonds में मौजूद फैट और फाइबर गॉल ब्लैडर में पथरी बनने से रोकता है | लिवर और गॉल ब्लैडर को बेहतर ढंग से कार्य करने में यह मदद करता है | American Journal of Epidemiology के अनुसार जो लोग almond का नियमित सेवन कर रहे थे उनमें 30% तक पित्त में पथरी बनने की कमी पायी गयी | 

  1. कोलोन कैंसर से बचाव में सहायक 

American Society of clinical oncology के द्वारा 2017 में 826 कोलोन कैंसर रोगी को ऑब्जर्ब किया गया | यह देखा गया कि जो रोगी almonds और दूसरे नट्स का नियमित रूप से सेवन कर रहे थे ,उनमें 42%तक कैंसर सेल की वृद्धि में कमी देखी गयी | साथ ही 57%तक उनके डेथ रेट में भी कमी देखी गयी | इस तरह यह कहा जा सकता है कि बादाम का नियमित सेवन किया जाये तो कोलोन कैंसर का खतरा कम जाता है | 

  1. शिशु को जन्म दोष से बचाये 

बादाम का सेवन गर्भवती महिलाओं के लिए भी सुरक्षित और उपयोगी मानी गयी है | इसमें मौजूद फोलिक एसिड गर्भ में पल रहे बच्चे को स्वस्थ बनाता है तथा शिशु में होनेवाले विकारों और जन्म दोष से बचाव करता है | भ्रूण के मस्तिष्क , रीढ़ या रीढ़ की हड्डी से जुड़े जन्म दोष को Neural Tube Defect ( तंत्रिका नली दोष ) कहा जाता है | इसके कारण शिशु मानसिक या शारीरिक रूप से विकलांग हो सकता है | almond में मौजूद पोषक तत्व इस जन्म दोष के होने की सम्भावना को बहुत कम कर देता है | 

  1. कोलेस्ट्रॉल को कम करता है 

नियमित रूप से almond खाया जाये तब bad cholesterol LDL नियंत्रण में रहता है | Good cholesterol HDL के स्तर में भी वृद्धि होती है | Ameican Heart Association द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि almond के सेवन से LDL cholesterol में 15% तक की कमी आयी | यह LDL को ऑक्सीडाइज होने से भी बचाता है | इसके स्किन में मौजूद पोलीफेनोल एंटीऑक्सिडेंट्स इसमें मौजूद विटामिन E  के साथ जब कंबाइन होते हैं तो यह ज्यादा इफेक्टिव होता है | इसके लिए कभी कभी छिलका सहित भी बादाम खा लेनी चाहिए | 

  1. ब्लड प्रेशर को कम करता है 

उच्च रक्त चाप ही किडनी का फेल हो जाना ,स्ट्रोक और हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण होता है | उच्च रक्त चाप के रोगियों में मैग्नीशियम की कमी देखी गयी है | मैग्नीशियम की सही मात्रा इन रोगियों को मिलने लगती है तो उनके रक्तचाप में कमी आ जाती है | बादाम मैग्नीशियम का बहुत अच्छा श्रोत है | इसे अपने आहार में शामिल कर कुछ हद तक मैग्नीशियम की कमी पूरी की जा सकती है |

  1. हार्ट को हेल्दी रखता है  

हार्ट को हेल्दी रखने के लिए बादाम में मैग्नीशियम , पोटैशियम , विटामिन E और अनसैचुरेटेड फैट मौजूद होते हैं | मैग्नीशियम ब्लड सर्कुलेशन को सही करने के साथ – साथ उच्च रक्तचाप में भी कमी लाता है | इसमें मौजूद विटामिन E और अनसैचुरेटेड फैट धमनियों को हानिकारक प्रहार से बचाता है | इसमें मौजूद पोटैशियम vasodilation को प्रोमोट करता है | जिससे रक्त वाहिकाएं चौरी हो जाती हैं और ब्लड आसानी से फ्लो कर पाता है | 

  1. कब्ज़ में आराम 

Almond फाइबर से भरपूर होता है | जिस कारण यह कब्ज़ में आराम दिलाता है और कब्ज़ होने से भी बचाता है | इसमें मौजूद फैट कंटेंट सीने में होने वाली जलन में भी आराम दिलाता है | उचित मात्रा में पानी पीने और बादाम का नियमित सेवन से कब्ज़ नहीं होता | 

  1. हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है 

स्वस्थ और मजबूत हड्डियों के लिए आवश्यक होता है कैल्शियम और फ़ास्फ़रोस का संयुक्त रूप से होना | Almond में दोनों ही अच्छी मात्रा में उपलब्ध हैं | इसमें मैग्नीशियम, मैंगनीज और पोटैशियम भी हैं जो स्वस्थ और मजबूत हड्डियों के लिए महत्वपूर्ण हैं | ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डी की बीमारी से  बचने के लिए बादाम का नियमित सेवन करना चाहिए | छोटे बच्चों को बादाम तेल की मालिश करने से उनकी हड्डियाँ मजबूत बनती हैं | 

  1. त्वचा के लिए भी लाभदायक 

सर्दियों में त्वचा रूखी हो जाए तो इसका तेल लगाने से त्वचा का रूखापन दूर होता है तथा त्वचा कोमल और चमकदार बनती है | भिंगोये हुए बादाम का पेस्ट दूध के साथ मिलाकर बनाया जाये और इसे आधे घंटे के लिए फेसमास्क की तरह लगायी जाये तो त्वचा पर निखार आता है तथा दाग धब्बे भी ख़त्म हो जाते हैं | बादाम को नियमित खाया जाये और इसके तेल की मालिश रात को सोने से पहले की जाये तो इसमें मौजूद विटामिन E और अन्य पोषक तत्वों के कारण त्वचा सुन्दर ,स्वस्थ तथा झुर्रियों से मुक्त बनती  है | इसके तेल की मालिश सन बर्न  में भी आराम पहुँचाता है | रात को सोने से पहले आँखों के नीचे डार्क सर्कल पर इसके तेल की हलकी मालिश नियमित रूप से की जाये तो डार्क सर्कल की समस्या दूर हो जाती है | 

  1. बालों के लिए भी फायदेमंद 

Almond में मौजूद विटामिन E ,बायोटिन ,मैंगनीज ,कॉपर और फैटी एसिड बालों को मजबूत बनाते हैं | इसके तेल से बालों की जड़ो में मालिश की जाये तो बाल डैंड्रफ फ्री होते हैं तथा स्वस्थ, घने और चमकदार भी बनते हैं | 

बादाम खाने के नुकसान 

  • अधिक मात्रा में बादाम खाने से कब्ज़ ,गैस ,पेट दर्द और पेट में सूजन भी हो सकता है | इसकी तासीर गर्म होती है ,इसलिए अधिक खाने से यह गर्मी कर देता है | 
  • इसमें फैट और कैलोरी की अच्छी मात्रा होती है | यदि यह ज्यादा खा लिया जाये और शारीरिक कार्य के द्वारा कैलोरी को बर्न नहीं किया जाये तो यह वजन बढ़ा देता है और साथ ही बॉडी में फैट भी इकट्ठा होने लगता है | 
  • Almond विटामिन E का अच्छा श्रोत है | किसी करण वश कहीं और से भी विटामिन E ले रहे हैं तो मुमकिन है कि अतिरिक्त विटामिन E का दुष्प्रभाव दिखे | जिसमें पेट फूलना ,दस्त ,सिर में दर्द ,चक्कर आना ,सुस्ती जैसे लक्षण दिख सकते हैं | 
  • यह मैंगनीज का धनी होता है | यदि कोई ऐसी दवा ली जा रही है जिसमें मैंगनीज भी मौजूद है तो यह उन दवाओं के साथ हस्तक्षेप कर सकता है | 
  • कड़वे बादाम का सेवन हानिकारक होता है | इसमें मौजूद हाइड्रो रासायनिक एसिड नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है | 
  • यदि almond को बिना भिंगोये हुए नियमित रूप से खाया जाये तो इसमें मौजूद phytic acid के कारण शरीर में कई मिनरल्स की कमी हो जाती है , जिनमें से आयरन भी एक मिनरल है | 

बादाम कब और कैसे खाएं 

  • Almond सुबह खाली पेट खाना अच्छा होता है | रात में पानी में भिंगोकर इसे रख दें और सुबह इसका छिलका उतार कर खायें | 
  •  मुख्य भोजन से पहले एक दो बादाम खाया जा सकता है | कभी कभी इसे छिलका के साथ भी खा लेना चाहिए क्योंकि इसके छिलके में विटामिन E और एंटी ओक्सिडेंट होते हैं | Phytic acid के कारण छिलका नहीं खाने की सलाह दी जाती है | 
  • सर्दियों में बिना भिंगोये हुए दो चार बादाम खाया जाये तो अच्छा होता है ,पर यह आदत में शामिल नहीं होनी चाहिए | रोस्ट करने से इसकी पौष्टिकता कम हो जाती है | 
  • खाना खाने के बाद इसे नहीं खाना चाहिए ,इससे गैस बनता है और इसका पोषण भी नहीं मिलता | 
  • दूध के साथ भी इसे नहीं  लेना चाहिए क्योंकि दोनों साथ  में लेने से इन्हें पचाना मुश्किल हो जाता है | दूध के कुछ पोषक तत्व बादाम के नुट्रिएंट्स के अब्सॉर्प्शन को रोक देते हैं | दूध और almond को पचने के लिए अलग अलग तरह के एंजाइम की जरुरत होती है | ऐसे में दोनों ही ढंग से नहीं डाइजेस्ट होता और गैस बन जाता है | 
  • चाय के साथ भी इसे नहीं लेना चाहिए | 

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किशमिश के फायदे और नुकसान /Kishmish Benefits in Hindi - Healthy Sansaar · September 22, 2020 at 11:00 am

[…] संभव है | अन्य ड्राई फ्रूट्स जैसे बादाम ,अखरोट ,काजू की तुलना में यह जेब पर भी […]

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