डायबिटीज में ड्राई फ्रूट्स

डायबिटीज के मरीजों को अपने आहार का विशेष ध्यान देना होता है। उन्हें कई तरह के खाद्य पदार्थ को अपने आहार से बाहर करना होता है। ऐसे में ड्राई फ्रूट्स पोषण प्राप्त करने का एक उत्तम श्रोत है। इसके सेवन से  रक्त में शुगर का स्तर नहीं बढ़ता तथा इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स ,बायोटिक कंपाउंड्स और मौजूद मिनरल्स शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसके सेवन से इन्सुलिन फंक्शन ठीक होता है और इन्सुलिन रेजिस्टेंस में भी कुछ सीमा तक कमी आती है। इसलिए आवश्यक है कि डायबिटीज में ड्राई फ्रूट्स कौन से खाने चाहिए उनको जाने। इस लेख में हम उन ड्राई फ्रूट्स और नट्स की चर्चा करेंगे जो डायबिटीज में ड्राई फ्रूट्स खाये जाने वाले लिस्ट में शामिल  हैं। 

डायबिटीज में ड्राई फ्रूट्स और नट्स कौन से खाने चाहिए ? 

1. डायबिटीज में बादाम / Almond for diabetes in hindi 

डायबिटीज में ड्राई फ्रूट्स

बादाम की तासीर गर्म होती है और इसे पूरी रात पानी में भिगोकर रखने के बाद सुबह उसका छिलका उतारकर खाया जाता है। भिगोने से यह गर्मी नहीं करता , पचने में आसान हो जाता है और फाइटिक एसिड का असर भी कम जाता है। बादाम में प्रोटीन , फैट, जिंक ,कॉपर , मैंगनीज ,मैग्नीशियम , पोटेशियम ,कैल्शियम जैसे मिनरल्स होते हैं। इसमें मौजूद मोनो अनसैचुरेटेड फैट हार्ट को हेल्दी रखता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स कैंसर ,डायबिटीज और हार्ट डिजीज से हमारी  रक्षा करते हैं। 

  • डायबिटीज में ड्राई फ्रूट्स का चुनाव करते समय  बादाम प्रथम स्थान पर आता है। इसमें मौजूद मोनो अनसैचुरेटेड फैट , एमिनो एसिड और फाइबर इसे डायबिटीज के लिए अच्छा नट्स बना देते हैं। 
  • बादाम का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 5 है और 100 ग्राम बादाम का ग्लाइसेमिक लोड 1 होता है। यदि 10 ग्राम बादाम जिसमें 7 – 8 बादाम होंगे , खाया जाये तो GL = 0.1 शरीर को मिलेगा। 
  • बादाम में मौजूद मैग्नीशियम इसे शुगर लेवल कम करने में और भी उपयोगी बना देते हैं। टाइप -2 डायबिटीज के रोगी में मैग्नीशियम की कमी देखी गई है।  मैग्नीशियम की कमी दूर कर ली जाती है तो रक्त में शुगर का स्तर कम हो जाता है। इससे इंसुलिन के फंक्शन में सुधार भी होता है। 

और पढ़ें – बादाम खाने के फायदे  के और नुकसान 

2. डायबिटीज में अखरोट / Walnut for diabetes in Hindi 

डायबिटीज में अखरोट

अखरोट को walnut कहते हैं। इसे इंग्लिश वालनट और पर्शियन वालनट के नाम से जाना जाता है। यह फाइबर ,प्रोटीन और अनसैचुरेटेड फैट का बेहतरीन श्रोत है। इसे दिल और दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इसमें फैट की मात्रा 65 %है। इसे उच्च कैलोरी वाला ड्राई फ्रूट माना जाता है। फिर भी इसे खाने से वजन नहीं बढ़ता। इसमें ओमेगा – 6 फैटी एसिड और ओमेगा – 3 फैटी एसिड भी मौजूद है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स , जरूरी मिनरल्स और विटामिन B complex के सभी विटामिन्स तक़रीबन मौजूद हैं। 

  • डायबिटीज में ड्राई फ्रूट्स जो खाने चाहिए उन में अखरोट भी शामिल है। इसमें शुगर लेवल कम करने का गुण है। शोध में पाया गया कि इसके नियमित सेवन से फास्टिंग ब्लड शुगर में 8 % की कमी आयी।
  • इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम है और 100 ग्राम अखरोट का ग्लाइसेमिक लोड 1. 60 होता है। यदि अखरोट की 4 गिरी खायी जाये ,जिसका वजन 20 ग्राम होगा तो शरीर को ग्लाइसेमिक लोड केवल 0. 30 मिलेगा। इसके सेवन से इन्सुलिन रेजिस्टेंस कम होता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम कर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम करता है।  
  • इसे पूरी रात भिगोकर सुबह खाली पेट खानी चाहिए। इसमें मौजूद ओमेगा – 3 और ओमेगा – 6 फैट के कारण प्रोटीन सिंथेसिस में मदद मिलती है, जिससे प्रोटीन की कमी होने का खतरा कम जाता है।  

और पढ़ें – अखरोट के फायदे और नुकसान 

3 . डायबिटीज में ड्राई फ्रूट्स की लिस्ट में काजू / Cashew for diabetes in Hindi 

 काजू को  भी डायबिटीज में ड्राई फ्रूट्स का चयन करते समय शामिल करें।  लोगों को भ्र्म  है कि इसमें फैट ज्यादा है और यह कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है। डायबिटिक पेशेंट इस से ज़्यादा डरते है। जबकि काजू कोलेस्ट्रॉल मुक्त होता है और इसमें मौजूद फैट हार्ट को स्वस्थ रखता है। यह आयरन ,कॉपर ,मैग्नीशियम ,फास्फोरस  , जिंक और सेलेनियम का बढ़िया श्रोत है। काजू में पॉलीफेनोल्स और कैरोटेनॉयड्स एंटी ऑक्सीडेंट्स होते हैं। 

  • डायबिटीज में खाये जाने वाले ड्राई फ्रूट्स में यह इसलिए शामिल है क्योंकि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स केवल 20 है और 100 ग्राम काजू का ग्लाइसेमिक लोड 4.84 है। यदि 20 ग्राम काजू खाते हैं तो शरीर को ग्लाइसेमिक लोड 1 मिलता है। 
  • एक अध्ययन में देखा गया कि जो डायबिटिक पेशेंट प्रतिदिन काजू खा रहे थे ,उनके रक्त में फास्टिंग इन्सुलिन कम था। इसका कारण था इन्सुलिन रेजिस्टेंस का कम हो जाना। यह डायबिटीज के लिए अच्छी बात है।
  • जिन लोगों को डायबिटीज के साथ लो ब्लड प्रेशर और HDL कोलेस्ट्रॉल कम होने की समस्या होती है ,उनके लिए यह बहुत अच्छा ड्राई फ्रूट है।  यह हाई ब्लड प्रेशर में भी कमी लाता है। इस तरह यह ह्रदय स्वास्थ्य के लिए भी उत्तम ड्राई फ्रूट है।
  • काजू को धीमी आंच पर रोस्ट करके खाना चाहिए।  घी , तेल तथा नमक के साथ रोस्ट नहीं करना चाहिए। काजू को पूरी रात पानी में भिगोकर खाना सबसे अच्छा होता है। इससे फाइटिक एसिड का असर कम जाता है और यह आयरन के अब्सॉर्प्शन में रुकावट पैदा नहीं करता। 

और पढ़ें – काजू खाने के फायदे और नुकसान 

4 . डायबिटीज में पिस्ता / Pistachio for diabetes in hindi 

काजू के परिवार का सदस्य पिस्ता भी डायबिटीज  में  ड्राई फ्रूट्स की लिस्ट  में शामिल है। पिस्ता प्रोटीन ,स्वास्थ्यवर्धक अनसैचुरेटेड फैट और फाइबर  का बढ़िया श्रोत है। कॉपर ,पोटेशियम , फास्फोरस और मैग्नीशियम का यह भंडार है। इसके साथ ही इसमें आयरन , मैंगनीज ,कैल्शियम ,विटामिन B1 और विटामिन B6 भी अच्छी मात्रा में है। 

  • पिस्ता का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम है। इसमें कार्ब्स की मात्रा उच्च है फिर भी डाइटरी फाइबर के कारण इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम है। 100 ग्राम पिस्ता का ग्लाइसेमिक लोड 3 है। 20 ग्राम पिस्ता से शरीर को केवल 0.60 GL मिलेगा। इसके सेवन से शुगर के स्तर में बढ़ोतरी नहीं होती। 
  • एक अध्ययन में पाया गया कि 12 सप्ताह तक टाइप – 2 डायबिटीज के रोगी को 20 ग्राम पिस्ता दिन में दो बार खिलाया गया तो फास्टिंग शुगर लेवल में 9 % की कमी आयी। 
  • इसमें मौजूद मैग्नीशियम ,एंटीऑक्सीडेंट्स ,कैरोटेनॉयड्स और फेनोलिक कंपाउंड्स ब्लड में शुगर लेवल नियंत्रित करने में मदद करते है। 
  • डायबिटिक पेशेंट में धमनी सख्त होने लगती है। लेकिन पिस्ता खाने से इसमें मौजूद L – arginine एमीनो एसिड धमनी को सख्त होने से बचाता है। यह खून को एक जगह जमने से भी रोकता है। यह LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और HDL कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। इस तरह यह ह्रदय रोग से भी डायबिटिक रोगी को बचाता है।

और पढ़ें – पिस्ता के फायदे और नुकसान 

5 . डायबिटीज में मूंगफली / Peanut for diabetes in Hindi 

डायबिटीज में मूंगफली

डायबिटीज में ड्राई फ्रूट्स की लिस्ट तैयार करते समय मूंगफली को न भूलें। यह नट्स की श्रेणी में आता है , सस्ता होता है पर पौष्टिकता की दृष्टि से यह ड्राई फ्रूट्स से कम नहीं। इसे गरीबों का बादाम कहा जाता है। यह उच्च ऊर्जा प्रदान करने वाला पोषक तत्वों से भरपूर प्रोटीन का बेहतरीन श्रोत है। इसकी तासीर गर्म होती है इसलिए इसे सर्दी में ज्यादा पसंद किया जाता है। गर्मी में इसे पूरी रात भिगोकर खाया जाये तो यह बेहतर स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। 

  • मूंगफली का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 13 है और 100 ग्राम मूंगफली से 2 ग्लाइसेमिक लोड मिलता है। यह रक्त में शुगर का स्तर नियंत्रित करने में मदद करता है। इसका कारण है इसमें मौजूद मैग्नीशियम। शुगर लेवल कंट्रोल करने में मैग्नीशियम की अहम भूमिका होती है। 
  • डायबिटीज में मोटापा और ह्रदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। मूंगफली का नियमित सेवन किया जाये तो हाई ब्लड प्रेशर को कम करने और वजन कम करने में मदद मिलती है। इसमें मौजूद एमीनो एसिड और अनसैचुरेटेड फैट इन्सुलिन लेवल को रेगुलेट करने में सहायता करता है। 
  • मूंगफली बहुत ज्यादा खायी जाये तो गैस बनेगी ,पेट दर्द होगा और इन्फ्लेमेशन की समस्या हो सकती है। जिनका TSH लेवल बढ़ा हुआ हो ,उन्हें मूंगफली नहीं खानी चाहिए।  कच्ची मूंगफली खाने से आयरन की कमी हो जाती है।  

डायबिटीज में ड्राई फ्रूट्स की लिस्ट में नट्स के अलावा अन्य ड्राई फ्रूट्स जैसे -किशमिश ,छुहारा ,अंजीर ,मुनक्का ,खुबानी इत्यादि को शामिल करते हैं ,तो मात्रा 5 से 10 ग्राम ही रखें। इस मात्रा में खाये तो नुकसान नहीं होगा। इससे ज्यादा खायी जाये तो शुगर लेवल बढ़ सकता है | जिन डायबिटिक पेशेंट को एनीमिया की शिकायत है , वे नट्स बिना भिगोये नहीं खाये और कम खाये |


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