जामुन के फायदे और नुकसान

जामुन गर्मी के मौसम में आम के साथ आनेवाला फल है। जामुन का स्वाद बिलकुल अनोखा थोड़ा कसैला और थोड़ा मीठा होता है। यह अंडाकार होता है। कच्चा जामुन हरे रंग का और पकने पर जमुनी रंग और काले रंग का होता है। जामुन का फल ,बीज ,पत्ते ,छाल सभी औषधीय होते हैं। इसका पेड़ आम के पेड़ की तरह बड़े बड़े करीब 60 फीट से 100 फीट तक ऊंचाई का होता है। इसमें एक वर्ष में एक बार फल आता है। जामुन के फायदे सालों भर लिए जा सकते हैं। इसके लिए इसके बीज का चूर्ण ,जामुन का सिरका ,पके जामुन को सूखाकर बनाया गया चूर्ण बाजार में उपलब्ध है। इसकी पत्तियों और छाल का प्रयोग वर्ष भर किया जा सकता है। 

जामुन को अंग्रेजी में Indian blackberry कहते हैं। इसका बोटैनिकल नाम Syzygium cumini है। यह Myrtaceae फैमिली का है। जामुन को अनेक नामों से जाना जाता है। 

संस्कृत –   राजजम्बु ,महाफला , जम्बू 

उर्दू    –     जामन 

माराठी  –   जाम्बूल 

गुजराती –   जाम्बु , झम्बूडी 

बंगाली   –   जाम , काला जाम 

तमिल   –    नवल , सम्बल 

तेलुगु    –    जम्बूवू 

जामुन में मौजूद पोषक तत्व / Nutritional value of Jamun 

पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम 
पानी 84 gm 
ऊर्जा 251 kcal
कार्बोहाइड्रेट 14 gm
फाइबर 0.6 gm
फैट 0.23 gm
प्रोटीन 0.995 gm
विटामिन B1 0.019 mg
विटामिन B2 0.009 mg
विटामिन B3 0.245 mg
विटामिन B6 0.038 mg
विटामिन C 11.85 mg
कैल्शियम 11.65 mg
आयरन 1.41 mg
मैग्नीशियम 35 mg
फॉस्फोरस 15.9 mg
पोटैशियम 55 mg
सोडियम 26.2 mg
GI 25
GL 4

जामुन के पोषक तत्वों की मात्रा में काफी अंतर पाया गया है। कुछ स्टडी के अनुसार जो पोषक तत्वों की मात्रा बताई गयी वो 100 ग्राम जामुन के पल्प की बताई गयी है। कुछ स्टडी में 100 ग्राम ( whole jamun with seed )साबुत जामुन में मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा बताई गयी है। यहाँ बीज के पोषक तत्वों की मात्रा को साथ में नहीं लिया गया। कुछ जामुन में पल्प ज्यादा होता है ,कुछ में कम। इसलिए भी पोषक तत्वों की मात्रा में अंतर आ जाता है। 

जामुन के फायदे / Jamun benefits in Hindi

जामुन  के फायदे हीमोग्लोबिन बढ़ाने में 

जामुन में आयरन की मात्रा अच्छी है। 100 ग्राम जामुन से करीब 1.41 mg आयरन मिलता है। इसमें विटामिन C की भी मौजूदगी है। यह आयरन के अब्सॉर्प्शन के लिए आवश्यक तत्व है। इस तरह जामुन खाकर हीमोग्लोबिन बढ़ाया जा सकता है। जामुन के बीज में भी आयरन की अच्छी मात्रा है। जो लोग इसके बीज का चूर्ण खाते हैं ,उनमें भी hb सही रहता है। हीमोग्लोबिन की सही मात्रा रहने से ऑक्सीजन का फ्लो शरीर में सही रहता है। 

जामुन के फायदे हृदयस्वास्थ्य के लिए 

ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिए पोटैशियम ,कैल्शियम और मैग्नीशियम तीनो की आवश्यकता होती है। जामुन में ये तीनो तत्व मौजूद हैं। पोटैशियम ब्लड प्रेशर मेन्टेन करके रखता है। साथ ही जामुन में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल्स को न्यूट्रलाईज़ कर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम करता है। कैल्शियम हार्ट मसल्स को कॉन्ट्रैक्ट करने के लिए स्टिमुलेट करता है तथा मैग्नीशियम उन मसल्स को रिलैक्स करने में मदद करता है। इस तरह कैल्शियम और मैग्नीशियम हार्ट बीट मेन्टेन करके रखते हैं।  

जामुन के फायदे इनफ्लामेशन में 

इनफ्लामेशन की स्थिति में त्वचा में जलन होती है ,त्वचा लाल रंग का हो जाता है और यह सूज भी जाता है। इसमें दर्द भी रहने लगता है। जामुन में मौजूद विटामिन्स ,मिनरल्स और इसका एंटी इंफ्लैमटरी गुण इसे इस लायक बनाते हैं कि इसके सेवन से इनफ्लामेशन भी कम होता है और अलसर की समस्या हो तो वो भी ठीक हो जाती है। इसके इसी गुण के कारण इसे कैंसर के लिए भी उपयोगी बताया जाता है। 

जामुन के फायदे आँखों और त्वचा के लिए 

जामुन में विटामिन A की अच्छी मात्रा है जो हमारे आँखों के लिए अच्छा होता है। इसमें एंटी इनफ्लामेटरी गुण ,एंटी माइक्रोबियल गुण और विटामिन C होते हैं। इस कारण यह त्वचा के लिए बहुत अच्छा होता है। जिन लोगों को सफ़ेद दाग हैं उनके लिए जामुन बहुत फायदेमंद है। जामुन का पेस्ट सफ़ेद दाग पर लगाने से दाग हलके होने लगते हैं। नियमित तौर पर यह पेस्ट लगाने से थोड़े समय बाद यह दाग पूरी तरह से ठीक भी हो सकता है।

जामुन तथा जामुन की गुठली में एंटीबैक्टीरियल गुण 

जामुन तथा इसके बीज में एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल गुण होते हैं। त्वचा को संक्रमित करने वाले बैक्टीरिया जैसे Escherichia coli ,Staphylococcus aureus ,Bacillus subtilis के ग्रोथ को जामुन रोक देता है। जामुन का एक्सट्रेक्ट कुछ फंगल ग्रोथ को भी रोक देता है। जामुन तथा इसके बीज के सेवन से त्वचा रोग ठीक होता है। इसके पेस्ट को संक्रमित जगह पर लगाने से भी फायदा होता है। 

जामुन तथा जामुन की गुठली के फायदे डायबिटीज में  

जामुन का गुदा तथा जामुन का बीज दोनों ही डायबिटीज में फायदेमंद होते हैं। जामुन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 25 और ग्लाइसेमिक लोड 4 है। इसलिए यह डायबिटीज में खाया जाने वाला फल है। जामुन के पत्ते तथा इसके छाल में भी एंटी डायबिटिक गुण पाए जाते हैं। जामुन के सीजन में इसके फल का सेवन काला नमक या सेंधा नमक के साथ किया जाता है। 

यह रक्त में शुगर लेवल बढ़ने नहीं देता। इसके बीज का चूर्ण खाने से बार -बार प्यास लगना और बार – बार पेशाब आने की समस्या में लाभ मिलता है। जामुन के बीज का चूर्ण एक बार में 3 ग्राम ली जाती है। इसे सुबह और शाम के खाने के बाद लेना ज्यादा अच्छा होता है। यह स्टार्च को शुगर में कन्वर्ट नहीं होने देता बल्कि इसे एनर्जी में कन्वर्ट कर देता है। इस कारण रक्त में शुगर का लेवल नहीं बढ़ पाता। ऐसा इसमें मौजूद अल्कालॉइड्स के कारण होता है। 

यह इन्सुलिन का सेक्रेशन भी बढ़ा देता है। इसका प्रभाव डायबिटीज की दवा से भी ज्यादा अच्छा देखा गया है। जामुन के पत्ते को उबालकर इसका चाय पीने से भी मधुमेह में लाभ मिलता है। जामुन के बीज का चूर्ण विटामिन्स ,मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं। यह डायबिटीज के साथ आनेवाली समस्या जैसे आँखों की समस्या ,इनफ्लामेशन की समस्या में भी लाभ पहुंचाते हैं। 

जामुन पेट की समस्या में उपयोगी 

जामुन खाने से पेट की समस्या ठीक होती है। जब जामुन का मौसम नहीं हो तो इसके बीज और छाल का उपयोग करके भी पेट की समस्या दूर की जा सकती है। छाल को उबालकर उसका पानी पीने से पेट दर्द ठीक होता है। गैस की समस्या  में भी यह फायदेमंद है। अपच ,पेचिस ,डायरिया में भी जामुन के बीज तथा छाल का प्रयोग लाभप्रद होता है। 

जामुन पथरी में उपयोगी 

15 दिन भी जामुन खा लिया जाये तो पथरी गल कर बाहर निकल जाती है। जामुन का मौसम नहीं रहने पर इसके बीज के चूर्ण का प्रयोग किया जाता है। किडनी की पथरी तथा किडनी की अन्य समस्या में दही में जामुन के बीज का चूर्ण मिलाकर सेवन किया जाता है। 

मुख स्वास्थ्य में जामुन की पत्तियां उपयोगी 

जामुन की पत्तियों को उबालकर उस पानी से कुल्ला करने पर मुंह की दुर्गन्ध दूर होती है ,मसूड़े स्वस्थ होते हैं तथा सूजन भी ठीक होती है।इस पानी से कुल्ला करने पर मुंह के छाले भी ठीक होते हैं। छालों पर पत्तियों का पेस्ट या जामुन के बीज के चूर्ण का पेस्ट लगाने से भी छाले ठीक होते हैं। पत्तियों को जलाकर उसके राख में नमक मिलाकर मंजन करने से दांत की समस्या और पायरिया ठीक होती है। मसूड़े भी स्वस्थ होते हैं। 

जामुन के फायदे लिवर के लिए 

लिवर की एक समस्या है कोलेस्टेसिस ,जिसमें बाइल जूस /पित्त का प्रवाह कम हो जाता है या रुकावट आ जाती है। इससे पेट में दर्द रहने लगता है। त्वचा का रंग पीला हो जाता है ,आँखों में पीलापन दीखता है ,शरीर में खुजली होती है ,पेशाब का रंग गहरा हो जाता है ,भूख  नहीं लगती तथा मतली भी आती रहती है। इस स्थिति में जामुन तथा जामुन का बीज बहुत प्रभावी होता है। स्टडी में भी इसका प्रभाव देखा गया है। यह संभव हो पाता है जामुन में मौजूद anthocyanin बायोएक्टिव कंपाउंड के कारण। जामुन का सिरका भी लिवर के लिए अच्छा होता है। 

जामुन के फायदे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में 

जामुन में विटामिन A ,विटामिन C ,विटामिन B6 ,आवश्यक मिनरल्स तथा एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। यह एंटीबैक्टीरियल ,ऐंटिफंगल ,एंटी वायरल ,एंटी इनफ्लामेटरी होता है। इस कारण इसका सेवन हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। जामुन के मौसम में जामुन अवश्य खाना चाहिए। यह याददाश्त तेज़ करता है तथा यौन क्षमता बढाने का भी काम करता है। 

जामुन फायदेमंद यदि बच्चे बिस्तर पर पेशाब करते हैं 

यदि बच्चों को बिस्तर पर पेशाब करने की समस्या हो तो जामुन के बीज का चूर्ण 2 ग्राम सुबह और 2 ग्राम शाम में शहद के साथ देने से लाभ मिलता है। बड़ों को भी ऐसी समस्या हो तो वह जामुन के बीज का चूर्ण पानी के साथ ले सकते हैं। 

जामुन खाने का नुकसान 

यदि अधिक मात्रा में जामुन खायी जाये तो पेट की समस्या हो सकती है। शरीर का तापमान भी बढ़ जाता है। अधिक मात्रा में जामुन या जामुन के बीज का चूर्ण लेना फेफड़ों के लिए अच्छा नहीं होता। वैध के अनुसार एक बार में 3 ग्राम जामुन के बीज का चूर्ण लेना सुरक्षित रहता है। ज्यादा लेने से कफ तथा वात सम्बन्धी समस्या बढ़ जाती है। जामुन को नमक के साथ खाना फायदेमंद बताया जाता है। 

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