फैटी एसिड क्या होता है ?

 ओमेगा 6 फैटी एसिड के विषय में जानने से पहले जरूरी है कि हमलोग फैटी एसिड के विषय में जानें। फैटी एसिड फैट का बिल्डिंग ब्लॉक / मूलभूत अंग होता है। पाचन के बाद फैट, फैटी एसिड में ही टूटता है। कुछ फैटी एसिड हमारे शरीर में बनते हैं और कुछ हमें अपने भोजन से लेना होता है। जो फैटी एसिड फ़ूड से मिलता है उन्हें एसेंशियल फैटी एसिड कहते हैं। ओमेगा 3 और ओमेगा 6 फैटी एसिड एसेंशियल फैटी एसिड है।

फैटी एसिड के मोलेक्यूल कार्बन और हाइड्रोजन एटम से बने हुए कार्बोक्सिलिक ( – COOH ) एसिड होते हैं। कार्बन – कार्बन के बीच होने वाले बॉन्ड के आधार पर फैटी एसिड 2 प्रकार के होते हैं –

  1. सैचुरेटेड फैटी एसिड 

सैचुरेटेड फैटी एसिड्स में कार्बन के बीच सिंगल बॉन्ड ( C – C ) होता है। रूम तापमान पर यह ठोस अवस्था ( solid ) में होते हैं। कार्बन चेन के आधार पर सैचुरेटेड फैटी एसिड कई प्रकार के होते हैं। सैचुरेटेड फैटी एसिड से बना हुआ फैट सैचुरेटेड फैट कहलाता है। जैसे – कोकोनट तेल ,मक्खन , चीज़ , घी ,पाम आयल आदि। 

  1. अनसैचुरेटेड फैटी एसिड 

 अनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स  में कार्बन एटम के बीच डबल बॉन्ड ( C = C ) होता है। रूम तापमान पर ये द्रव अवस्था ( liquid ) में होते हैं। जैसे – ऑलिव ऑयल, केनोला ऑयल ,सरसों का तेल ,ओमेगा 3 ,ओमेगा 6 आदि। अनसैचुरेटेड फैटी एसिड के प्रकार – 

मोनो अनसैचुरेटेड फैटी एसिड – फैटी एसिड चेन में कार्बन के बीच केवल एक डबल बॉन्ड। जैसे – ओमेगा 9 फैटी एसिड ( ओलिक एसिड ) 

पॉली अनसैचुरेटेड फैटी एसिड – फैटी एसिड चेन में कार्बन के बीच एक से ज्यादा डबल बॉन्ड। 

  • ओमेगा 3 फैटी एसिड – इसमें अंतिम डबल बॉन्ड के साथ 3 कार्बन एटम जुड़े होते हैं। 
  • ओमेगा 6 फैटी एसिड – इसमें अंतिम डबल बॉन्ड के साथ 6 कार्बन एटम जुड़े होते हैं। 
  • ट्रांस फैटी एसिड – इसमें फैटी एसिड के चेन ट्रांस फॉर्म में जुड़े होते हैं ,इसलिए इसका चेन स्ट्रेट होता है। यह प्राकृतिक रूप से मीट और डेयरी प्रोडक्ट में मिलता है।  

हमलोग संक्षेप में फैटी एसिड के विषय में समझ चुके हैं। आगे के लेख में ओमेगा 6 फैटी एसिड के फायदे ,नुकसान ,श्रोत और ओमेगा 6 की मात्रा प्रतिदिन कितनी लेनी चाहिए जानेंगे।

ओमेगा 6 फैटी एसिड क्या है ? What is Omega 6 fatty acid ? 

ओमेगा 6 फैटी एसिड

ओमेगा 6 फैटी एसिड को संक्षेप में ओमेगा 6 कहते हैं। यह एक अनसैचुरेटेड फैटी एसिड है क्योंकि इसके मॉलिक्यूल में कार्बन के बीच डबल बॉन्ड है। कई डबल बॉन्ड होने के कारण यह पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड कहलाता है। ओमेगा 6 एसेंशियल फैटी एसिड है क्योंकि हमारा शरीर इसे नहीं बनाता ,हमें यह भोजन से प्राप्त होता है। 

ओमेगा 6 फैटी एसिड के प्रकार –

LA ( Linoleic Acid ) लिनोलेइक एसिड 

ARA ( Arachidonic Acid ) एरकिडोनिक एसिड 

GLA ( Gamma Linoleic Acid ) गामा लिनोलेइक एसिड 

CLA ( Conjugated Linoleic Acid ) कंजुगेटेड लिनोलेइक एसिड 

ओमेगा 6 फैटी एसिड के फायदे / Benefits of Omega 6 fatty acid 

पूर्व किये गए शोध में ओमेगा 6 के कई सकारात्मक प्रभाव बताये गए लेकिन इसके समर्थन में साक्ष्य की कमी है। 

ओमेगा 6 फैटी एसिड के फायदे ADHD में 

शोध के अनुसार DHA ओमेगा 3 तथा ओमेगा 6 का सही अनुपात  6 महीने तक लगातार बच्चों को दिया जाए तो उनमें ADHD ( Attention Deficit Hyperactivity Disorder ) की समस्या में कमी आती है। यह समस्या गंभीर नहीं बन पाती। लेकिन इसके समर्थन में साक्ष्य की कमी है ,इस पर और शोध की जरूरत है। 

ओमेगा 6 के फायदे आँखों के सूजन में 

शोध में बताया गया कि पलकों में सूजन होने पर तथा आँखों के पास ऑयल ग्लैंड में ब्लॉकेज होने पर ओमेगा 6 फैटी एसिड का प्रयोग फायदेमंद है। इसमें ऐसी दवा प्रयोग में लायी जाती है जिसमें ओमेगा 6 की मौजूदगी होती है। इससे सूजन में भी कमी आती है और ऑयल ग्लैंड की ब्लॉकेज भी ठीक होती है। 

ओमेगा 6 फैटी एसिड के फायदे DCD में 

DCD ( Developmental Coordination Disorder ) एक संचालन कौशल ( motor skill ) विकार है। इसमें बच्चों को चलने ,बोलने ,बैठने ,बातों को समझने ,सामान को पकड़ने आदि में समय लगता है। शोध के अनुसार 3 महीने तक ओमेगा 3 और ओमेगा 6 के सेवन से बोलने, पढ़ने, तथा आदत में सुधार देखने को मिलता है। लेकिन तालमेल बैठाने और  मूवमेंट में सुधार नहीं आता। इसमें भी अभी शोध की और आवश्यकता है। 

ओमेगा 6 फैटी एसिड के फायदे डायबिटीज में 

जिन लोगों में एक विशेष प्रकार की ओमेगा 6 फैटी एसिड होती है उनमें डायबिटीज की सम्भावना कम होती है। लेकिन भोजन में ओमेगा 6 की मात्रा बढ़ाने से या ओमेगा 6 का सप्लीमेंट लेने से डायबिटीज के खतरे में कमी नहीं आती। शोध में बताया गया कि ओमेगा 6 इन्सुलिन सहनशीलता  में सुधार लाकर शुगर लेवल कण्ट्रोल करता है। 

ओमेगा 6 फैटी एसिड का प्रभाव ह्रदय स्वास्थ्य पर 

American Heart Association ( AHA ) के अनुसार कई शोधकर्ता इस बात से सहमत हैं कि ओमेगा 6 हमारे लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित है। यह हमारे ह्रदय और ब्लड सर्कुलेशन के लिए फायदेमंद भी है। ऐसे कई अध्ययन है जिसमें ओमेगा 6 फैटी एसिड को ह्रदय रोग से बचाने में 24 % तक उपयोगी पाया गया। इसके सेवन से हार्ट अटैक और ब्लॉकेज में 24 % तक कमी देखी गई। यह भी कहा जाता है कि इसके सेवन से LDL कोलेस्ट्रॉल तथा हाई ब्लड प्रेशर में कमी आती है। इससे HDL कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि होती है| 

ओमेगा 6 का प्रभाव इन्फ्लामेशन में

ऐसा कहा जाता है कि हमारी बॉडी लिनोलिक एसिड को एराकिडोनिक एसिड में कन्वर्ट कर देती है |  एराकिडोनिक एसिड उस मोलेक्यूल ( eicosanoids ) का बिल्डिंग ब्लॉक है जो इंफ्लामेशन के लिए जिम्मेदार है। जबकि क्लिनिकल परीक्षण में लिनोलिक एसिड की मात्रा शरीर में ज्यादा होने पर भी इंफ्लामेशन को बढ़ते हुए नहीं देखा गया। एराकिडोनिक एसिड पर भी इसका असर नहीं हुआ। लिनोलिक एसिड का परिवर्तन उन मॉलिक्यूल में भी होता है जो इंफ्लामेशन कम करने का कार्य करते हैं। इस क्षेत्र में भी और परीक्षण की आवश्यकता है। यह भी देखा गया कि एराकिडोनिक एसिड उन मॉलिक्यूल में भी परिवर्तित होता है जो इन्फ्लेमेशन कम करते हैं तथा ब्लड को क्लॉटिंग से बचाते हैं।  

ओमेगा 6 फैटी एसिड के फायदे लेज़र आई सर्जरी में 

पहले किये गए शोध यह बताते है कि ओमेगा 6 ,बीटा कैरोटीन तथा विटामिन B साथ में लेने से लेज़र आई सर्जरी में रिकवरी जल्दी होती है। यह आँसू की मात्रा बढ़ाने में भी मदद करता है। 

ओमेगा 6 और ड्राई आई 

ड्राई आई की स्थिति में आँसू बनना कम हो जाते हैं ।आँखों के ऑयल ग्लैंड में ब्लॉकेज हो जाता है ,आँखों में खुजली होती है तथा कभी कभी दृष्टि में भी कमी हो सकती है। शोध में देखा गया कि इस स्थिति में लिनोलिक एसिड और गामा लिनोलिक एसिड के प्रयोग से इंफ्लामेशन में कमी आयी और लक्षण में भी सुधार आए। लेकिन LA और GLA को EPA तथा DHA के साथ देने की बात कही गयी। 

ओमेगा 6 और शिशु में श्वसन सम्बन्धी परेशानी 

रिसर्च में यह बात सामने आयी कि शिशु को पहले साल में ऐसा फार्मूला फ़ूड खिलाया जाये जिसमें एराकिडोनिक एसिड और DHA ( Omega 3 ) शामिल हो तो श्वसन सम्बन्धी परेशानी कम होती है। 

ओमेगा 6 और डायरिया 

शिशुओं को पहले वर्ष में एराकिडोनिक एसिड और DHA युक्त भोजन दिया जाये तो उन्हें डायरिया का खतरा कम होता है।

ऊपर बताये गए ओमेगा 6 फैटी एसिड के सभी प्रभावों पर और क्लिनिकल परीक्षण तथा शोध की आवश्यकता है। 

ओमेगा 6 फैटी एसिड की मात्रा प्रति दिन / How much Omega 6 per day ?

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ( AHA ) और इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिसीन के अनुसार प्रति दिन लिए जा रहे कैलोरीज़  का 5 % से 10 % ओमेगा 6 से प्राप्त होना सुरक्षित है। यदि कोई 2000 कैलोरीज  ले रहा है तो 11 ग्राम से 22 ग्राम ओमेगा 6 लेना सुरक्षित है। एक ग्राम फैट से 9 कैलोरीज़  मिलता है। 

हमारे भोजन में ओमेगा 6 की मात्रा ओमेगा 3 से बहुत ज्यादा होता है। जबकि इन दोनों का अनुपात    4 : 1 से ज्यादा नहीं होना चाहिए। इनके अनुपात को संतुलन में रखने के लिए ओमेगा 6  कम करने के बजाय ओमेगा 3 का सेवन ज्यादा करना चाहिए। 

पढ़ें – ओमेगा 3 के फायदे और श्रोत 

ओमेगा 6 फैटी एसिड के नुकसान 

  1. गर्भवती महिला तथा दूध पिलाने वाली माताओं को अपने आहार से ही ओमेगा 6 लेनी चाहिए। इसकी मात्रा 11 ग्राम से 14 ग्राम तक रखनी चाहिए। चूँकि इसके समर्थन में कोई साक्ष्य नहीं है इसलिए इसके अधिक उपयोग से इन्हें  बचना चाहिए। 

2 . ओमेगा 6 का नुकसान COPD ( Chronic Obstructive Pulmonary Disease ) में – जिन लोगों में COPD की समस्या होती है उन्हें इसके सेवन में सावधानी रखनी चाहिए। यह साँस लेने में हो रही समस्या को और बढ़ा सकता है। 

3 . जिन लोगों में डायबिटीज की समस्या होती है और वे ओमेगा 6 का सेवन अधिक करते हैं तो उनमें ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा ज्यादा रहता है । 

4 . ओमेगा 6 के अधिक सेवन से ट्राइग्लिसराइड के बढ़ने का खतरा रहता है। जिनका ट्राइग्लिसराइड लेवल बढ़ा हुआ हो वे इसके सेवन में सावधानी रखें। 

ओमेगा 6 फैटी एसिड के श्रोत तथा ओमेगा 6 और ओमेगा 3 का अनुपात / Source of Omega 6 and ratio of Omega 6 to Omega 3 

श्रोतमात्राओमेगा 6 / Omega 6ओमेगा 6 : ओमेगा 3
बादाम 100 gm12 gm2010 : 1 
काजू 100 gm7.8 gm125 : 1
चीया / chia seeds 100 gm5.8 gm1 : 3
अलसी / Flaxseed 100 gm6 gm 1 : 4
हेज़लनट्स / Hezulnuts 100 gm7.9 gm90 : 1
पिस्ता 100 gm13 gm52 : 1
पोस्ता दाना / poppy 100 gm28 gm103 : 1
कद्दू का बीज /  100 gm8 .8 gm113 : 1
तिल / sesame 100 gm21 gm57 : 1
सूरजमुखी का बीज / sunflower seeds 100 gm23 gm311 : 1
अखरोट / walnut 100 gm38 gm4 : 1
एवोकाडो ऑयल One spoon ( 14 gm)1.7 gm13 : 1
मक्खन 14 gm382 mg9 : 1
कैनोला ऑयल 14 gm2.6 gm2 :1
कॉर्न ऑयल 14 gm7.2 gm46 : 1
ओलिव ऑयल 14 gm1.3 gm13 : 1
मूंगफली ऑयल /Peanut oil 14 gm5 gm_
मूंगफली / Peanut 100 gm15 gm_
काबुली चना/ Chickpea 100 gm1.1 gm25 : 1

हमें अपने भोजन से पर्याप्त/ sufficient   ओमेगा 6 प्राप्त हो जाता है। अनाज ,सीड्स ,नट्स ,तेल ये सभी ओमेगा 6 के मुख्य श्रोत हैं।

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