भारत में तुलसी के पौधे को देवी का दर्जा दिया जाता है। अधिकांश घरों में पवित्र तुलसी की पूजा की जाती है। इसका जितना महत्व धार्मिक कार्यों में है उतना ही यह औषधीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है | इसका प्रयोग हज़ारों वर्षों से आयुर्वेद में किया जा रहा है। 

तुलसी के फायदे

तुलसी को इंग्लिश में holy basil कहते हैं। इसका वानस्पतिक नाम Ocimum sanctum है। तुलसी का पौधा सामान्यतः 50-60 cm ऊँचा होता है। तुलसी की कई प्रजातियाँ हैं जिनमें से हरे रंग की बड़ी पत्तियों वाली राम तुलसी और छोटी पत्तियों वाली बैंगनी या काले रंग की श्यामा तुलसी/कृष्णा तुलसी प्रमुख है। इनके फूल छोटे – छोटे सफ़ेद और बैंगनी रंग के होते हैं। 

तुलसी की तासीर गर्म होती है। यह कफ और वात दोष को शांत करती है पर पित्त दोष को यह थोड़ा बढ़ा देती है। इसमें विटामिन A ,विटामिन C और विटामिन K होते हैं साथ ही इसमें कैल्शियम ,मैग्नीशियम ,फास्फोरस ,आयरन और पोटेशियम भी होते हैं | इसमें प्रोटीन और फाइबर भी होता है | इसके अतिरिक्त इसमें निम्न प्लांट कंपाउंड्स भी होते हैं –

  • Eugenol – यह लौंग में भी होता है 
  • Ursolic and rosmarinic acid 
  • Lutein – यह आँख के लिए महत्वपूर्ण है। 
  • Ocimumoside A and B -यह एंटी स्ट्रेस एजेंट है तथा यह सेरोटोनिन और डोपामाइन को बैलेंस करता है 
  • Apigenin – यह फ्लेवोनॉयड है 

तुलसी के फायदे / Benefits of Tulsi in Hindi 

1. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए फायदेमंद 

तुलसी के पत्ते का प्रयोग immunity booster की तरह किया जाता है क्योंकि इसमें विटामिन C और जिंक मौजूद हैं। इसमें एंटी वायरल ,एंटी बैक्टीरियल तथा एंटी फंगल गुण है जिस कारण विभिन्न प्रकार के संक्रमण से यह हमें बचाता है। यह TLC /T lymphocytes cell को बढ़ाता है जो प्राकृतिक तरीके से इन्फेक्टेड होस्ट सेल्स को नष्ट करते  हैं  | 

2. तनाव कम करने में फायदेमंद 

तुलसी को एडाप्टोजेन प्लांट कहा जाता है क्योंकि यह तनाव कम करता है। इसे स्ट्रेस रिलीफ औषधि की तरह प्रयोग किया जाता है। इसमें ocimumosides A and B प्लांट कम्पाउंड्स हैं जो तनाव को कम करते हैं और सेरोटोनिन तथा डोपामाइन को बैलेंस करते हैं। दोनों मूड को बढ़िया बनाये रखने के लिए उपयोगी है।  इससे एंग्जायटी में भी आराम मिलता है | 

3. ह्रदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद  

तुलसी में कार्डिओ प्रोटेक्टिव  गुण पाए जाते हैं। यह रक्त में लिपिड को कम करता है तथा ब्लड प्रेशर को भी कम करता है | यह स्ट्रेस रिलीफ करने में भी मदद करता है जिससे ह्रदय रोग का खतरा कम हो जाता है | 

4. डायबिटीज में भी फायदेमंद  

तुलसी में हाइपोग्लिसेमिक गुण होते हैं जिससे यह रक्त में शुगर का लेवल कम करता है। डायबिटिक पेशेंट भी इसका प्रयोग अन्य रोगों से बचाव और इम्यून बूस्ट करने के लिए कर सकते हैं। 

5. किडनी स्टोन और गठिया में उपयोगी 

तुलसी के पत्ते को शहद के साथ लेने से किडनी स्टोन और गठिया दोनों में फायदा होता  है। यह मूत्रवर्धक गुण को दर्शाता है। इसके सेवन से यूरिक एसिड के लेवल में कमी आती है। जो किडनी स्टोन के कारण में से एक कारण हो सकता है। यूरिक एसिड की कमी होने से गठिया में आराम मिलता है। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इससे सूजन में कमी आती है। 

6. पेट सम्बंधित परेशानी में फायदेमंद 

यदि भूख नहीं लग रही हो और अपच की समस्या हो तो तुलसी चाय पीने से आराम मिलता है। यह चाय ब्लोटिंग और दस्त में भी राहत दिलाती है। पेट में मरोड़ आ रही हो तो उसमें भी इस चाय को पीने से आराम मिलता है। 

7. श्वसन सम्बन्धी समस्या में उपयोगी 

यदि  साँस लेने में दिक्कत हो रही हो , अस्थमा की समस्या हो ,सर्दी जुकाम हो या फ्लू जैसी किसी वायरस का संक्रमण हो तो तुलसी ,अदरक ,लौंग और काली मिर्च की चाय शहद के साथ लेने से ठीक होता है। इसमें camphene ,cineole और eugenol एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जिस कारण यह गले की खराश और श्वसन सम्बन्धी समस्या को ठीक करता है। 

8. तुलसी कैंसर से बचाव के लिए 

इसमें phytochemicals होते हैं जो प्राकृतिक रूप से त्वचा के कैंसर ,लिवर कैंसर ,मौखिक कैंसर और फेफड़ों के कैंसर को रोकने में मदद करता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स कैंसर सेल के ग्रोथ को रोकता है। 

9. सिरदर्द में आराम 

तुलसी की पत्तियों को पानी में उबालकर चाय की तरह पिएं। यह तनाव को कम कर मूड को ठीक करता है। इससे मांसपेशियां भी रिलैक्स होती हैं और सिरदर्द में आराम मिलने लगता है। 

10. मौखिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद 

तुलसी मौखिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। यह पायरिया और मुंह की दुर्गन्ध को ख़त्म करता है। यह मसूड़ों को मजबूत बनाता है। इसके पाउडर को सरसों तेल में मिलाकर दाँत और मसूड़ों की मालिश करने से मसूड़ें स्वस्थ होती हैं तथा पायरिया भी ठीक होता है | इसमें मरकरी की मौजूदगी होती है जो कीटाणु को ख़त्म करने में सहायता करती है। लेकिन मरकरी दांत के संपर्क में लम्बे समय तक रह जाये तो यह दांत में सड़न कर सकता है। इसलिए तुलसी पत्ते चबाने के बाद अच्छे से कुल्ला कर लें ताकि पारा का अंश न रह जाये। 

11. आँखों के लिए फायदेमंद 

तुलसी की पत्तियों में विटामिन A और lutein एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। दोनों ही आँखों को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। आँखों में सूजन हो या संक्रमण हो गया हो तो इसकी पत्तियों को उबालकर ,उस पानी से आँखों को धोने से आराम मिलता है। गुलाब जल में तुलसी पत्ते के रस को मिलाकर प्रभावित आँख में दो-दो बूँद डालने से भी आराम मिलता है। 

12. मलेरिया और टाइफाइड में फायदेमंद 

तुलसी के पत्ते को उबालकर उसका चाय सुबह शाम पीने से मलेरिया और टाइफाइड दोनों में लाभ मिलता है।इसमें बुखार को भी ठीक करने का गुण होता है। टाइफाइड की स्थिति में तुलसी पत्ता और काली मिर्च का साथ में काढ़ा बनाये और इसका सुबह शाम सेवन करें।  यह बहुत फायदेमंद होता है। 

13. अनियमित पीरियड्स में फायदेमंद  

यदि पीरियड समय पर नहीं आ रहा हो तो तुलसी बीज के सेवन से फायदा होता है। इसके बीज के सेवन से कमजोरी भी ठीक होती है और यह वात दोष को भी दूर करता है। वात दोष के बिगड़ने से पीरियड्स की साइकिल ख़राब हो जाती है। 

14. तुलसी त्वचा के संक्रमण में लाभदायक 

त्वचा सम्बन्धी हर प्रकार की समस्या में इसके पत्ते रामबाण की तरह कार्य करते हैं। इसके लिए इसके रस को प्रभावित जगह पर लगाया जाता है | इससे दाद , खुजली और सोरायसिस में भी आराम मिलता है। इसके चाय के सेवन से रक्त शुद्ध होता है तथा त्वचा सम्बन्धी परेशानी दूर होती है।बेसन में तुलसी पाउडर को मिलाकर पेस्ट बनाया जाये और इस पेस्ट को इन्फेक्शन वाली जगह पर लगायी जाये तो संक्रमण सही होता है। इससे मुंहासे भी ठीक होते हैं।   इन पत्तियों में एंटी इंफ्लेमेटरी ,एंटी बैक्टीरियल और एंटी एजिंग गुण होते हैं जिस कारण यह त्वचा को स्वस्थ और कोमल बना कर रखता है। 

तुलसी पत्ते के अन्य फायदे 

तुलसी के उपयोग
  • रोज़ाना सुबह 4-5 पत्तियां खायी जाये तो दिमाग तेज़ होता है तथा दिमाग की कार्यक्षमता भी बढ़ती है। 
  • साइनोसाइटिस / साइनस के रोगी इसकी पत्तियों या मंजरी को मसलकर सूंघे तो आराम मिलता है।
  • कान में दर्द या सूजन हो तो तुलसी के रस को गुनगुना करके डालने से  आराम मिलता है। इन पत्तियों की चाय पीने से भी आराम मिलता है। 
  • सिर में जुएं हो तो पत्तियों को नारियल तेल में धीमी आंच पर 10 मिनट के लिए पकाकर ,उस तेल से स्कैल्प की मालिश करें। इससे जुएं ख़त्म हो जायेंगे। 
  • पीलिया रोग में तुलसी पत्ते की चाय पीने से आराम मिलता है। 
  • इसका रस कुष्ठ रोग में भी लाभकारी है। इसके लिए सुबह – सुबह एक चम्मच तुलसी के पत्तों के रस का सेवन करना चाहिए।
  • इसके पत्ते की चाय पीने से लिवर स्वच्छ होता है। यह चाय लिवर को डिटॉक्सिफाई करता है।  
  • इसके बीज को छाछ के साथ लेने से बवासीर की समस्या ख़त्म होती है। 
  • चोट लग जाने पर तुलसी पत्ते और फिटकरी लगाने से घाव जल्दी भर जाता है तथा इन्फेक्शन भी नहीं होता। 
  • प्रतिदिन तुलसी पौधे के पास बैठने से तनाव कम होता है तथा अस्थमा और सांस की समस्या में राहत मिलती है। 

तुलसी पत्ते का सेवन कैसे करें

  • तुलसी की 4 – 5 पत्तियां सुबह खाली पेट चबा कर खाया जा सकता है। उसके बाद अच्छे से दांत साफ करें। दांत में पत्तियों का अंश नहीं रहना चाहिए क्योंकि इसमें मरकरी होता है और यह दांत को नुकसान पहुंचाता है। 
  • इन पत्तियों के रस को पानी में डालकर पिया जा सकता है। 
  • पत्तियों को पानी में उबालकर चाय की तरह भी पी सकते हैं। 
  • सलाद में भी इन पत्तियों को बारीक़ काटकर खाया जा सकता है। 
  • धनिया पत्ती की तरह ,तुलसी की पत्तियों को भी दाल सब्जी में डाला जा सकता है। 
  • इनकी पत्तियों को सूखाकर चाय या मसाले की तरह भी प्रयोग में लाया जा सकता है। 

तुलसी पत्ते का नुकसान 

  • इसकी तासीर गर्म होती है। यह पित्त दोष को बढ़ाता है। इसके ज्यादा प्रयोग से शरीर में गर्मी हो सकती है। सीने में जलन ,एसिडिटी और पेट में जलन भी संभव है। 
  • यह एंटी फर्टिलिटी प्रभाव को दर्शाता है। पुरुषों में स्पर्म काउंट कम होने की सम्भावना रहती है तथा जिन महिलाओं को गर्भधारण करना है उन्हें भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए। 
  • गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए | इस बात का जिक्र कहीं नहीं है कि इन अवस्था में तुलसी का सेवन सुरक्षित है।  इसलिए इससे परहेज करना ही सही होगा। 
  • यह रक्त को पतला करती है। इसलिए इसे ब्लड थिनर जैसी दवाओं के साथ नहीं लिया जाना चाहिए।
  • जिनका शुगर लेवल कम रहता हो ,वे भी इसका सेवन नहीं करें। 

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