सुबह की शुरुआत चाय के साथ
चाय हर घर में पी जाने वाली पसंदीदा पेय पदार्थ है | बच्चे , बड़े और बूढ़े सभी चाय पीना पसंद करते हैं | भारत की करीब 80% जनता सुबह खाली पेट चाय पीती है | एक दिन में भारतीय लगभग 300 करोड़ रुपये की चाय पी जाते हैं |
सुबह उठते ही लोगों को चाय की तलब परेशान करने लगती है | जब तक उन्हें चाय पीने को न मिले , बेचैनी महसूस करते हैं | उनका सारा ध्यान इसी पर केंद्रित रहता है | इसे स्वादिष्ट बनाने के लिए इलायची , अदरक , तेजपत्ता , दालचीनी आदि मसाले भी इसमें डालते हैं | मसाला चाय पीकर लोग ऐसे तृप्त होते है जैसे कि सुबह सुबह भगवान का प्रसाद मिल गया हो | यह सारी एक्टिविटी बताती है कि चाय पीना आपकी कमज़ोरी बन चुकी है |
चाय की शुरुआत
चाय की खेती हमारे देश में पहले नहीं हुआ करती थी | आसाम में स्थानीय लोग एक झाड़ीनुमा पौधे की पत्तियों को उबाल कर पिया करते थे | अंग्रेज़ों का ध्यान इस ओर गया | उन्होंने देखा कि इसे पीने से उनका ब्लड प्रेशर लो नहीं रहता | अंग्रेज़ ठंडे प्रदेश के लोग थे और उन्हें अपना ब्लड प्रेशर मेन्टेन करने के लिए यह सही लगा | 1835 में पहली बार आसाम में चाय की खेती की गयी | भारतीयों को भी इसका स्वाद भाने लगा | इस तरह धीरे धीरे चाय पीना हमारे खान पान में शामिल हो गया |
चाय क्या है ?
चाय एक झाड़ीनुमा पौधा होता है | इस पौधे का बोटैनिकल नाम Camellia sinensis है | इस पौधे की पत्तियों से तीन प्रकार की चाय मिलती है |
1. White tea – इस चाय की पत्ती को अधिकतर लोगो ने देखा भी नहीं होगा | यह सबसे कम प्रोसेस्ड और बेस्ट क्वालिटी की चाय होती है | यह पौधे की ऊपरी भाग से प्राप्त होता है | इसे विदेशों में एक्सपोर्ट किया जाता है | यह काफी महँगा होता है | स्थानीय बाज़ार में शायद ही यह मिले | ऑनलाइन इसे मंगवाया जा सकता है | यह चाय पीना सेहत के लिए फायदेमंद होता है | इसमें पोलीफेनोल एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर होते हैं |
2. Green tea – ग्रीन टी को सभी पहचानते हैं | यह वाइट टी की नीचे वाली पत्तियां होती हैं | यह भी एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती हैं | ग्रीन टी सेहत के लिए फायदेमंद होती है |
3. Black tea – यह पौधे की सबसे नीचे वाली पत्तियां होती हैं | जो पत्तियां सूख कर ज़मीन पर गिर जाती हैं उन्हें भी इकट्ठा कर के फ़ैक्टरी भेज दिया जाता है | वहां इसकी कटिंग होती है , इसे डाई किया जाता है तथा केमिकल प्रोसेस के द्वारा इसका दानेदार चाय तैयार किया जाता है | इसमें भी एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं पर ग्रीन टी और वाइट टी की अपेक्षा कम मात्रा में | चाय में पॉलीफिनॉल नामक एंटीऑक्सीडेंट होता है | जब यह दूध के कैसीन प्रोटीन के संपर्क में आता है तब यह केमिकली चेंज हो जाता है | यह एंटीऑक्सीडेंट न रहकर नुकसानदायक केमिकल बन जाता है |
सेहतमंद चाय बनाने का तरीका
सबसे पहले पानी को गरम करते हैं | खौलते हुए पानी को गैस से उतार कर उसमें white tea , green tea या black tea जो चाय पीना है उसकी पत्ती डाल देते हैं | ढक कर 5 मिनट के लिए छोड़ देते हैं | इस तरह हमारी सेहतमंद चाय तैयार हो जाती है | इसमें नमक ,चीनी ,गुड़ कुछ भी मिलाने की जरूरत नहीं होती | कभी कभी शहद मिलाया जा सकता है | एक दिन में दो कप से ज्यादा चाय नहीं पीनी चाहिए | क्योंकि इन चायो में कैफीन भी होता है |
दूध वाली चाय
चाय का असली अर्थ दूध वाली चाय से होता है | लोगों के जीभ पर इसका ज़ायका चढ़ा हुआ है | जिस तरह सिगरेट , शराब , ड्रग्स हमारे लिए नुकसानदायक है उसी तरह दूध वाली चाय पीना भी हमारे लिए नुकसानदायक है | इसे बनाने का तरीका इसे और भी खराब बना देता है |
पारंपरिक तौर पर पानी ,चाय पत्ती ,चीनी ,दूध सभी को मिलाकर उबालते हैं , जब तक मनचाही रंग न मिल जाए | इसमें तरह तरह के मसाले मिलाकर इसे और भी हानिकारक बना देते हैं | आयुर्वेद में तुलसी और दूध साथ में लेना वर्जित है | लेकिन लोग दूध वाली चाय में तुलसी पत्ता डाल कर पीते हैं |
हमलोगों ने जैसा सिनेमा में देखा है कि चाय केतली में रहती है। चीनी अलग से होती है | गरम दूध अलग रहता है | चाय पीने वाले अपनी इच्छानुसार चाय के कप में चाय पत्ती का पानी , दूध और चीनी मिलाते हैं | यह दूध वाली चाय पीने का सही तरीका है | इससे नुकसान कम होता है |
ग्रीन टी पीने के फायदे
चाय जिसे हम रिफ्रेशमेंट के लिए पीते हैं , वास्तव में यह हमारे स्वास्थ्य को सुधारने का कार्य करता है | जो भी non herbal tea होते हैं वह Camellia sinensis पौधे से प्राप्त होते हैं | ग्रीन टी कम प्रोसेस किया जाता है | इस कारण ग्रीन टी में पोलीफेनोल कंपाउंड catechin भरपूर मात्रा में मिलता है | हमारी सेहत और ताज़गी को बनाये रखने के लिए दिन में एक बार चाय पीना काफी होता है | इससे होने वाले फायदे –
1.गंभीर बीमारियों से बचाव
ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट , इसे हमारे लिए फायदेमंद बना देता है | विशेष कर उन लोगों के लिए यह ज्यादा जरूरी है जो अपने भोजन में फल , कच्ची सब्ज़ियाँ , ड्राई फ्रूट्स , सीड्स तथा स्प्राउट्स शामिल नहीं करते | केवल पका हुआ भोजन करना शरीर में फ्री रेडिकल्स को बढ़ा देता है | चाय में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स हमारे शरीर के फ्री रेडिकल्स से मुकाबला करते हैं तथा बीमारी को पनपने से रोकते हैं | कैंसर जैसी बीमारी का कारण भी यह फ्री रेडिकल्स ही होता है |
2. ऊर्जावान बनाकर रखता है
ग्रीन टी में भी कैफीन होता है | यह कैफीन नर्वस सिस्टम को उत्तेजित कर देता है | इससे थकावट दूर होती है तथा हम ऊर्जावान महसूस करते हैं |
3. हार्ट अटैक के खतरे को कम करता है
इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट के कारण इसे पीने से bad cholesterol LDL के लेवल में कमी आती है | लो ब्लड प्रेशर वाले इसका सेवन करें तो उनका ब्लड प्रेशर मेन्टेन रहता है | ठंडे प्रदेश में रहने वाले लोगों के लिए यह चाय पीना बहुत अच्छा होता है क्योंकि वहाँ के लोगों का ब्लड प्रेशर अधिकतर लो रहता है |
4. वजन कम करने में मदद करता है
इसमें ज़ीरो कैलोरी होती है | इसे पीने के बाद ताज़गी महसूस होती है | लोगों का ध्यान खाने से हटता है | जिससे लोग कम कैलोरीज लेते हैं | इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट फैट बर्न करने में भी मदद करता है |
5. अल्ट्रा वायलेट किरणों से रक्षा
ग्रीन टी पीने के बाद धूप में निकलते हैं तो अल्ट्रा वायलेट किरणों का असर हम पर कम होता है | यह खून में थक्का बनने से भी रोकता है|
अन्य फायदे
- ग्रीन टी को ऑक्सीडाइज नहीं किया जाता जिस कारण इसकी पत्तियों में इलेक्ट्रान की संख्या अधिक होती है | इसलिए जब ग्रीन टी की चाय से बाल धोया जाये तो बालों में चमक आती है |
- स्ट्रेस , एलेर्जी तथा हारमोन चेंज के कारण जब आँखों में सूजन आ जाती है तब used ग्रीन टी बैग को आँखों पर रखने से आराम मिलता है |
- सन बर्न से ख़राब हो गयी त्वचा को ठीक करने का इसमें गुण है | ग्रीन टी के पानी से फेस वाश की जाये तो धूप के कारण सांवली पड़ी त्वचा फिर से निखर जाती है |
- ग्रीन टी मुहांसो को ठीक करने में भी उपयोगी है | इसमें एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टी होता है | इसके पानी से फेस वाश किया जाये तो मुहांसे ठीक होते है तथा दाग भी मिट जाते हैं |
- यदि दिन भर बाहर रहने से पसीने के कारण पैरों से बदबू आ रही हो तो यह बदबू से निजात दिलाता है | गरम पानी में ग्रीन टी डाल दें , जब पानी सहने लायक रह जाए तब उसमें पैर रखें | इससे थकावट भी दूर होती है तथा पैरों में बदबू भी नहीं रहती |
एक दिन में 3 -4 कप चाय पीना सही नहीं रहता क्योंकि ज्यादा चाय पीने से इसमें मौजूद कैफीन और टैनिन का दुष्प्रभाव दिखने लगता है |
दूध वाली चाय का नुकसान Harms of Milk Tea
1.चाय पीना दिल की सेहत के लिए नुकसानदायक
दूध वाली चाय पीने से दिल की धड़कन बढ़ी हुई रहती है| इसमें मौजूद कैफीन के कारण ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है | बेचैनी और अधिक पसीना निकलने की परेशानी रहती है | ये सभी लक्षण दिल की सेहत के लिए नुकसानदायक होते हैं |
2. चाय पीना शरीर के तापमान में गिरावट लाता है
चाय गर्मी में पी जाये या सर्दी में , चाय पीने के बाद शरीर का तापमान एक डिग्री तक कम हो जाता है | यह कैफीन के कारण होता है | कैफीन के कारण फैट एनर्जी में बदलता है जिस कारण पसीना आता है और शरीर का तापमान कम हो जाता है | कुछ परिस्थिति में यह हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक होता है |
3. आँतो पर बुरा असर
दूध वाली चाय पीना पाचन तंत्र पर बुरा प्रभाव डालता है | भूख ख़त्म होने लगती है | पेट में गैस बनने की समस्या शुरू हो जाती है | अधिक चाय पीने के कारण सिरदर्द की शिकायत रहने लगती है | कड़क चाय पीने के कारण आँत में अल्सर का खतरा बढ़ जाता है |
4. एसिडिटी होती है
दूध वाली चाय पीना पाचन तंत्र को नुकसान पहुँचाता है | इसके कारण पेट में तेज़ाब बनना शुरू हो जाता है | मुंह में छाले भी हो जाते हैं | एसिडिटी बढ़ने का मतलब है रक्त का एसिडिक होना ,अर्थात शरीर का PH level ख़राब हो जाना | यह कई बीमारियों का कारण बन जाता है | एसिड रिफ्लक्स और छाती में जलन आम बात होती है | चाय में मौजूद कैफीन स्फिंक्टर को रिलैक्स कर देता है | स्फिंक्टर oesophagus और stomach के बीच सेपरेटर का कार्य करता है | इसके रिलैक्स होने से स्टमक का एसिड ओएसोफैगस तक पहुँच जाता है |
5.चाय पीना अनिद्रा की समस्या उत्पन्न करता है
नींद के लिए आवश्यक है melatonin की उचित मात्रा | मेलाटोनिन से ब्रेन को सिग्नल मिलता है सोने का | चाय में मौजूद कैफीन के कारण मेलाटोनिन का प्रोडक्शन कम हो जाता है | दूध वाली चाय में टैनिक एसिड की मात्रा भी अधिक होती है | इससे चिड़चिड़ापन और थकावट महसूस होती है | किसी भी काम में अटेंशन ज्यादा समय के लिए नहीं रह पाता | इस तरह दूध वाली चाय पीना अनिद्रा के साथ साथ अनेक समस्या उत्पन्न कर देता है |
6. चाय पीना वजन बढ़ाता है
एक कप चाय में 50 ml दूध -30 calories और एक टी स्पून चीनी 20 calories अर्थात एक छोटी कप चाय में कम से कम 50 कैलोरीज होता है | दिन का तीन कप चाय अधिकतर लोग पी ही लेते हैं | इस तरह 150 कैलोरीज वो दूध वाली चाय से ले लेते हैं | यह एक्स्ट्रा कैलोरीज वजन बढ़ाने का काम करता है | 150 कैलोरीज को बर्न करने के लिए 12 मिनट की रनिंग या 18 मिनट की साइकिलिंग की जरूरत होती है |
7. खून की कमी हो जाती है
चाय में मौजूद टैनिन के कारण आयरन का अब्सॉर्प्शन नहीं हो पाता | विशेष कर प्लांट सोर्स से मिलने वाला आयरन | शरीर में खून बनने के लिए आयरन का होना आवश्यक है | जो लोग खाने के साथ चाय पीना पसंद करते हैं उनमें यह परेशानी ज्यादा होती है |
8. हाथ पैर में दर्द रहना
दूध वाली चाय पीने वाले लोगों में दर्द की शिकायत रहती है | उनके हाथ पैर और हड्डियों में दर्द रहता है | अधिक चाय पीने के कारण यूरिक एसिड का लेवल बढ़ जाता है | चाय कैल्शियम के अब्सॉर्प्शन को भी रोकता है | जिससे हड्डियाँ कमजोर हो जाती है |
9. शरीर में मिनरल्स की कमी
दूध वाली चाय पीना शरीर में मिनरल्स की कमी का कारण बनता है | इसमें diuretic गुण होते हैं | चाय पीने के बाद यूरिन के लिए जाना होता है | बार बार यूरिन जाने के कारण शरीर से जरूरी मिनरल्स बाहर निकल जाते हैं | चाय में मौजूद टैनिक एसिड इन मिनरल्स को अब्सॉर्ब कर बाहर निकाल देता है |
10. डायबिटीज और थायरॉइड का खतरा बढ़ता है
चाय और कॉफ़ी दोनों ही डायबिटीज और थायरॉइड को निमंत्रित करते हैं | चाय के कारण शरीर में शुगर का लेवल बढ़ा रहता है इससे पैंक्रियास पर बुरा प्रभाव पड़ता है | इन्सुलिन और ग्लूकोज के बीच का बैलेंस डिस्टर्ब हो जाता है | ज्यादा मीठा सेवन करना थाइरोइड ग्लैंड को इफ़ेक्ट करता है | इसके कारण वजन बढ़ना और अनिद्रा की समस्या होती है | परिणामस्वरूप डायबिटीज और थाइरोइड दोनों होने का चांस बढ़ जाता है |
दूध वाली चाय का नुकसान जान कर भी लोग चाय पीना नहीं छोड़ पाते क्योंकि चाय ने लोगों को एडिक्ट बना दिया है | पर कोशिश कर के चाय पीना कम जरूर किया जा सकता है | धीरे धीरे दो से तीन साल में अपने आहार से इसे अलग किया जाना बिलकुल संभव है |
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