फैटी एसिड क्या होता है ?
ओमेगा 3 के फायदे जानने से पहले जरूरी है कि हमलोग फैटी एसिड के विषय में जानें। फैटी एसिड फैट का बिल्डिंग ब्लॉक / मूलभूत अंग होता है। पाचन के बाद फैट, फैटी एसिड में ही टूटता है। कुछ फैटी एसिड हमारे शरीर में बनते हैं और कुछ हमें अपने भोजन से लेना होता है। जो फैटी एसिड फ़ूड से मिलता है उन्हें एसेंशियल फैटी एसिड कहते हैं। ओमेगा 3 एसेंशियल फैटी एसिड है।
फैटी एसिड के मोलेक्यूल कार्बन और हाइड्रोजन एटम से बने हुए कार्बोक्सिलिक ( – COOH ) एसिड होते हैं। कार्बन – कार्बन के बीच होने वाले बॉन्ड के आधार पर फैटी एसिड 2 प्रकार के होते हैं –
- सैचुरेटेड फैटी एसिड
सैचुरेटेड फैटी एसिड्स में कार्बन के बीच सिंगल बॉन्ड ( C – C ) होता है। रूम तापमान पर यह ठोस अवस्था ( solid ) में होते हैं। कार्बन चेन के आधार पर सैचुरेटेड फैटी एसिड कई प्रकार के होते हैं। सैचुरेटेड फैटी एसिड से बना हुआ फैट सैचुरेटेड फैट कहलाता है। जैसे – कोकोनट तेल ,मक्खन , चीज़ , घी ,पाम आयल आदि।
- अनसैचुरेटेड फैटी एसिड
अनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स में कार्बन एटम के बीच डबल बॉन्ड ( C = C ) होता है। रूम तापमान पर ये द्रव अवस्था ( liquid ) में होते हैं। जैसे – ऑलिव ऑयल, केनोला ऑयल ,सरसों का तेल ,ओमेगा 3 ,ओमेगा 6 आदि। अनसैचुरेटेड फैटी एसिड के प्रकार –
मोनो अनसैचुरेटेड फैटी एसिड – फैटी एसिड चेन में कार्बन के बीच केवल एक डबल बॉन्ड। जैसे – ओमेगा 9 फैटी एसिड ( ओलिक एसिड )
पॉली अनसैचुरेटेड फैटी एसिड – फैटी एसिड चेन में कार्बन के बीच एक से ज्यादा डबल बॉन्ड।
- ओमेगा 3 फैटी एसिड – इसमें अंतिम डबल बॉन्ड के साथ 3 कार्बन एटम जुड़े होते हैं।
- ओमेगा 6 फैटी एसिड – इसमें अंतिम डबल बॉन्ड के साथ 6 कार्बन एटम जुड़े होते हैं।
- ट्रांस फैटी एसिड – इसमें फैटी एसिड के चेन ट्रांस फॉर्म में जुड़े होते हैं ,इसलिए इसका चेन स्ट्रेट होता है। यह प्राकृतिक रूप से मीट और डेयरी प्रोडक्ट में मिलता है।
हमलोग संक्षेप में फैटी एसिड के विषय में समझ चुके हैं। आगे के लेख में ओमेगा 3 के फायदे ,नुकसान और श्रोत के विषय में जानेंगे।
ओमेगा 3 फैटी एसिड क्या है ? What is omega 3 fatty acid ?
ओमेगा 3 फैटी एसिड को संक्षेप में केवल ओमेगा 3 कहते हैं। यह एक अनसैचुरेटेड फैटी एसिड है। यह पॉली अनसैचुरेटेड फैटी एसिड है क्योंकि इसके मॉलिक्यूल में कार्बन एटम के बीच कई डबल बॉन्ड है। ओमेगा 3 एसेंशियल फैटी एसिड है क्योंकि हमारा शरीर इसे नहीं बनाता। यह हमारे कोशिका झिल्ली के लिए महत्वपूर्ण होता है। हमें यह हमारे भोजन से प्राप्त होता है। ओमेगा 3 मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं –
- Eicosapentaenoic acid / इकोसापेंटानोइक एसिड ( EPA )
- Docosahexaenoic acid / डोकोसाहेक्सानॉइक एसिड ( DHA )
- Alpha linolenic acid / अल्फा लीनोलेनिक एसिड ( ALA )
DHA और EPA मुख्यतः मीट और मछली से प्राप्त होता है। ALA मुख्यतः पौधों से प्राप्त होता है। ओमेगा 3 फैटी एसिड हमारे शरीर की कार्य प्रणाली के लिए बहुत आवश्यक है। ओमेगा 3 के फायदे अनगिनत हैं। आगे इसके कुछ महत्वपूर्ण फायदे देखते हैं।
ओमेगा 3 के फायदे / ओमेगा 3 के लाभ / Omega 3 benefits in Hindi
ओमेगा 3 फैटी एसिड्स हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। शरीर और मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए ओमेगा 3 के फायदे अविश्वसनीय है। आइए विस्तार से ओमेगा 3 के लाभ समझते हैं।
1. ओमेगा 3 के फायदे अवसाद और एंग्जायटी में
अवसाद और एंग्जायटी एक प्रकार का मानसिक विकार है। अवसाद में व्यक्ति हमेशा लो अनुभव करता है। आलस पूर्ण और रुचि हीन जीवन जीने लगता है। एंग्जायटी में हर वक्त घबराहट और चिंता बनी रहती है। एंग्जायटी में कई बार साँस लेने में भी कठिनाई महसूस होती है। जो लोग अपने आहार में ओमेगा 3 शामिल करते हैं ,उनमें ऐसी समस्या कम देखी गई है। अवसाद और चिंता की स्थिति में ओमेगा 3 का सेवन करने से स्थिति में सुधार आती है। विशेषकर इसमें EPA ओमेगा 3 के फायदे ज्यादा हैं। यह एंटी डिप्रेसेंट का काम करता है।
2. ओमेगा 3 के फायदे आँखों के लिए
DHA ओमेगा 3 फैटी एसिड हमारी आँखों की रेटिना का एक संरचनात्मक तत्व है। यदि पर्याप्त मात्रा में DHA नहीं लेते हैं तो आँखों की क्षति होती है। मैक्युलर डिजनरेशन की समस्या आरम्भ हो जाती है। इसमें धुंधला दिखने लगता है और आँखों की रोशनी भी कम जाती है। उम्र के साथ भी यह समस्या बढ़ने लगता है। लेकिन जब DHA की सही मात्रा शरीर को मिलती है तो मैक्युलर डिजनरेशन का खतरा कम हो जाता है।
3. ओमेगा 3 के फायदे गर्भावस्था के दौरान
गर्भावस्था के दौरान तथा बच्चों के प्रारंभिक विकास के दौरान ओमेगा 3 लेने से बच्चों के विकास में निम्नलिखित मदद मिलती है –
- बच्चों का दिमाग तेज होता है
- उनकी आँखों की रोशनी तेज होती है
- बच्चे मिलनसार होते हैं और व्यावहारिक समस्याएं कम आती है
- आटिज्म का खतरा कम होता है। बच्चे समय पर बोलना ,चलना और संवाद करना सीख जाते हैं
- ADHD ( Attention Deficit Hyperactivity Disorder ) की सम्भावना कम हो जाती है। इसमें ध्यान की कमी और बच्चों में अतिसक्रियता होती है
- सेरिब्रल पाल्सी मस्तिष्क संबंधी विकार है ,इसका जोखिम कम हो जाता है।
इस तरह हमने देखा कि बच्चों के मस्तिष्क के विकास के लिए ओमेगा 3 के फायदे बहुत है। इसमें भी सबसे ज्यादा
महत्वपूर्ण DHA है। मस्तिष्क का 40 % और रेटिना का 60 % भाग DHA ही होता है।
4. ओमेगा 3 के फायदे ह्रदय स्वास्थ्य के लिए
यदि ह्रदय स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखा गया तो दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा रहता है। ओमेगा 3 युक्त भोजन करने वाले लोगों में दिल का दौरा कम देखा गया है। ओमेगा 3 के लाभ ह्रदय के उत्तम स्वास्थ्य के लिए भी है। ओमेगा 3 के फायदे ह्रदय स्वास्थ्य में निम्नलिखित तरह से है –
- ओमेगा 3 के सेवन से ट्राइग्लिसराइड में 15 – 30 % तक की कमी आती है
- उच्च रक्तचाप में भी कमी आती है
- इसके सेवन से गुड कोलेस्ट्रॉल HDL में वृद्धि होती है
- यह इंफ्लामेशन कम करने का भी कार्य करता है
- यह धमनियों में प्लाक नहीं बनने देते ,प्लाक के कारण धमनियां सख्त हो जाती हैं
- ओमेगा 3 रक्त में थक्का जमने की प्रक्रिया को कम कर देता है , यह प्लेटलेट्स को एक साथ चिपकने से रोकता है।
यदि ह्रदय अस्वस्थ हो चुका है , ह्रदय सम्बन्धी परेशानियां आरंभ हो चुकी है तो ऐसे में ओमेगा 3 के फायदे कुछ विशेष नहीं देखा गया है। लेकिन शुरुआत से ही ओमेगा 3 का सेवन किया जाये तो ह्रदय स्वस्थ रहता है।
5. ओमेगा 3 के लाभ ऑटो इम्यून डिजीज में
ऑटो इम्यून डिजीज में हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली अपने ही स्वस्थ कोशिकाओं पर आक्रमण कर कोशिकाओं को नष्ट करने लगती है। टाइप 1 डायबिटीज भी एक ऑटो इम्यून डिजीज है। इसमें इम्यून सिस्टम अग्न्याशय की उन कोशिकाओं पर आक्रमण करती हैं जो इन्सुलिन का उत्पादन करते हैं। अध्ययन से पता चला है कि बच्चों को उनके शुरुआती विकास के दौर में ओमेगा 3 दिया जाता है तो ऑटो इम्यून डिजीज का खतरा बहुत कम हो जाता है। कई ऑटो इम्यून डिजीज जैसे – लुपस , रूमेटाइड आर्थराइटिस ,अल्सरेटिव कोलाइटिस ,क्रोन रोग और सोरायसिस के इलाज में ओमेगा 3 के फायदे है। इसके लिए मछली का सेवन सप्ताह में दो बार , नट्स ,सीड्स या ओमेगा 3 सप्लीमेंट लिया जा सकता है।
6. ओमेगा 3 के लाभ इंफ्लामेशन में
कहीं चोट लगने ,कटने या संक्रमण के कारण इंफ्लामेशन /सूजन होना प्राकृतिक प्रतिक्रिया है। कभी – कभी बिना कारण भी शरीर में इंफ्लामेशन हो जाता है। इस तरह का इंफ्लामेशन बहुत लम्बे समय तक भी रह जाता है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। ओमेगा 3 फैटी एसिड इस तरह के सूजन को कम करने में मदद करता है। लेकिन शरीर में ओमेगा 6 की मात्रा ओमेगा 3 से बहुत ज्यादा हो जाये तो ओमेगा 3 इंफ्लामेशन कम नहीं करता।
7. ओमेगा 3 के फायदे अल्ज़ाइमर रोग में
बढ़ती उम्र के साथ याददाश्त कमजोर होने लगती है। अध्ययन में पाया गया कि ओमेगा 3 के सेवन से स्थिति ज्यादा खराब नहीं हो पाती तथा अल्ज़ाइमर रोग का खतरा भी कम हो जाता है। यह मानसिक विकार में बहुत फायदेमंद साबित होता है। पार्किसन्स डिजीज , स्किज़ोफ्रेनिया और बाइपोलर डिसऑर्डर की सम्भावना को भी ओमेगा 3 कम कर देता है।
8. ओमेगा 3 के लाभ कैंसर की रोकथाम में
जो लोग अपनी डाइट में ओमेगा 3 शामिल करते हैं उनमें कैंसर की सम्भावना अपेक्षाकृत कम होती है। कोलोन कैंसर ,ब्रेस्ट कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को कम करने में यह बहुत फायदेमंद है।
9. ओमेगा 3 के फायदे अस्थमा में
अस्थमा की समस्या छोटे बच्चों में भी देखने को मिलती है। इसमें लंग्स में संक्रमण और सूजन हो जाता है जिससे छाती से घरघराहट की आवाज़ आती रहती है। खांसी ,छींक आना तथा सांस लेने में भी दिक्कत होती है। यदि बढ़ती उम्र में ही ओमेगा 3 उनके आहार में शामिल किया जाये तो बच्चों में अस्थमा की समस्या कम हो जाती है। अस्थमा गंभीर रूप लेने से पहले ही ठीक होने लगता है। इसके लिए उनके आहार में मछली ,अंडा ,अलसी ,गाय का घी ,सोयाबीन ,काला चना ,अलसी इत्यादि शामिल करना चाहिए।
10. ओमेगा 3 के फायदे हड्डी एवं जोड़ों के लिए
आर्थराइटिस और गठिया दोनों हड्डी तथा जोड़ों से संबंधित बीमारी है। ओमेगा 3 सूजन और दर्द कम कर गठिया में फायदा पहुंचाता है। यह कैल्शियम के अवशोषण में वृद्धि कर हड्डियां मजबूत बनाता है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस में आराम मिलता है ,साथ ही यह पीठ दर्द तथा जकड़न में भी फायदेमंद है।
11. ओमेगा 3 के लाभ लिवर के लिए
लिवर में फैट का जमा होना आम समस्या है। अत्यधिक चीनी के सेवन ,डेयरी प्रोडक्ट तथा कार्बोहाइड्रेट के अत्यधिक सेवन से लिवर में फैट जमा होने लगता है। चूंकि ओमेगा 3 ट्राइग्लिसराइड का लेवल कम करता है इसलिए इसके फायदे लिवर से फैट कम करने में भी देखे गए हैं।
12. ओमेगा 3 के फायदे मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द में
जो महिलाएं अपने भोजन में ओमेगा 3 शामिल करती हैं , उन्हें मासिक धर्म के दौरान अपेक्षाकृत कम दर्द होता है। यदि मासिक धर्म के दौरान गुनगुने पानी में एक चम्मच गाय का घी मिलाकर पिया जाये तो दर्द में आराम मिलता है। ओमेगा 3 का प्रभाव दर्द निवारक गोलियों की तरह ही देखने को मिलता है। गाय के घी में ओमेगा 3 और ओमेगा 6 का अनुपात बिलकुल सही है। 100 ग्राम गाय के घी में करीब 1.44 ग्राम ओमेगा 3 उपस्थित है।
13. ओमेगा 3 के लाभ अच्छी नींद के लिए
बच्चों में नींद की कमी और वयस्कों में नींद का बार – बार टूट जाना ओमेगा 3 की कमी से भी हो सकता है। अध्ययन में पाया गया कि अच्छी नींद के लिए EPA और DHA ( ओमेगा 3 के प्रकार ) जिम्मेदार होते हैं। DHA का लेवल कम होने से मेलाटोनिन हार्मोन का लेवल भी कम हो जाता है। ओमेगा 3 की कमी को पूरा कर लेने से नींद में सुधार होता है।
14. ओमेगा 3 के फायदे मेटाबोलिक सिंड्रोम में
मेटाबोलिक सिंड्रोम कोई एक बीमारी नहीं जबकि यह एक स्थिति है जिसमें पेट और कमर के पास मोटापे का होना , उच्च रक्तचाप का होना , इन्सुलिन रेजिस्टेंस का बढ़ जाना ,ट्राइग्लिसराइड का लेवल बढ़ जाना तथा HDL का कम होना शामिल है। इसे डायबिटीज और ह्रदय रोग का प्रारंभिक स्टेज कहा जा सकता है। इससे अन्य बीमारियां भी जन्म लेती हैं। ओमेगा 3 के सेवन से मोटापा कम होता है ,इन्सुलिन रेज़िस्टेंस में कमी आती है ,HDL लेवल बढ़ता है , ट्राइग्लिसराइड में कमी आती है और हाई ब्लड प्रेशर में भी कमी आती है। इस तरह ओमेगा 3 मेटाबोलिक सिंड्रोम के लक्षण को कम करने में फायदेमंद साबित होता है।
15. ओमेगा 3 के लाभ त्वचा के लिए
ओमेगा 3 फैटी एसिड DHA हमारी कोशिका झिल्ली का संरचनात्मक तत्व है। स्वस्थ कोशिका झिल्ली /सेल मेम्ब्रेन से कोमल ,लचीला और झुर्रियों से मुक्त त्वचा मिलती है। ओमेगा 3 त्वचा को हाइड्रेट रखता है तथा सूर्य की किरणों से त्वचा की रक्षा करता है। त्वचा को अधिक उम्र तक जवां बना कर रखने में ओमेगा 3 फायदेमंद है।
ओमेगा 3 के श्रोत / Source of Omega 3
अलसी के बीज ( Flax seed )
अलसी में मुख्यतः ALA ओमेगा 3 होता है। 10 ग्राम अलसी से 2300 मिलीग्राम ओमेगा 3 प्राप्त होता है।
चीया के बीज / Chia seeds
28 ग्राम चीया के बीज से 5060 मिलीग्राम ओमेगा 3 मिलता है।
अखरोट / Walnut
28 ग्राम अखरोट / 8 अखरोट के टुकड़े से 2570 मिलीग्राम ओमेगा 3 मिलता है। इसमें ALA ओमेगा 3 मुख्य रूप से होता है।
सोयाबीन / soyabean
100 ग्राम सोयाबीन से 1443 मिलीग्राम ओमेगा 3 प्राप्त होता है। इसमें ओमेगा 6 की भी अधिकता होती है। इस कारण अधिक मात्रा में सोयाबीन खाने से इंफ्लामेशन की समस्या हो जाती है।
मछली के अंडे / Caviar / केवीआर
एक चम्मच / 14.3 ग्राम मछली के अंडे से 1086 मिलीग्राम ओमेगा 3 मिलता है।
मछली / Fish
ओमेगा 3 का मुख्य श्रोत मछली माना जाता है। अलग अलग प्रकार के मछलियों में ओमेगा 3 की मात्रा अलग अलग होती हैं।
100 ग्राम सैलमन मछली से 2260 मिलीग्राम ओमेगा 3 मिलता है
100 ग्राम मैकेरल / Mackerel से 5134 मिलीग्राम ओमेगा 3 मिलता है
100 ग्राम सार्डीन मछली से 1480 मिलीग्राम ओमेगा 3 मिलता है।
मछलियों में मुख्य रूप से EPA और DHA ओमेगा 3 होते हैं।
अंडा / Egg
एक अंडे से करीब 100 -125 मिलीग्राम ओमेगा 3 प्राप्त होता है। EPA और DHA ओमेगा 3 का यह श्रोत है।
फूलगोभी / Cauliflower
100 ग्राम फूलगोभी से 37 मिलीग्राम ओमेगा 3 मिलता है।
दूध /Milk
250 ग्राम से 183 मिलीग्राम ओमेगा 3 मिलता है। इसमें मुख्य रूप से ALA होता है।
गाय का घी / Cow ghee
100 ग्राम गाय के घी से 1447 मिलीग्राम ओमेगा 3 प्राप्त होता है।
इसके अलावा ओमेगा 3 के श्रोत हैं – सरसों के बीज ,काला चना , राजमा ,सहजन की पत्तियां ,ओलिव ,केनोला आयल ,अवोकाडो इत्यादि।
ओमेगा 3 की मात्रा प्रतिदिन / Daily dose of Omega 3
NIH ( National Institute of Health ) के अनुसार ओमेगा 3 की निर्धारित मात्रा
1 वर्ष तक के बच्चे – 500 मिलीग्राम
1 वर्ष से 8 वर्ष तक के बच्चे – 700 मिलीग्राम – 900 मिलीग्राम
9 वर्ष से 13 वर्ष तक के लड़के – 1200 मिलीग्राम
9 वर्ष से 13 वर्ष तक की लड़कियां – 1000 मिलीग्राम
14 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुष – 1600 मिलीग्राम
14 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं – 1100 मिलीग्राम
गर्भवती महिलाएं – 1400 मिलीग्राम
स्तनपान कराने वाली महिलाएं – 1300 मिलीग्राम
ओमेगा 3 के नुकसान / Side effects of Omega 3
अधिक मात्रा में ओमेगा 3 ( 5 ग्राम से ज्यादा ) का सेवन करने से निम्नलिखित परेशानी होती है –
- यह रक्त को पतला करता है। कभी कभी नकसीर की समस्या भी हो जाती है। ऑपरेशन से पहले यदि ओमेगा 3 की ज्यादा मात्रा ली जाए तो रक्तस्राव को रोकना नामुमकिन हो सकता है।
- यह ब्लड प्रेशर लो कर देता है। जिनका ब्लड प्रेशर लो है ,उन्हें इसकी मात्रा का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
- ओमेगा 3 की सप्लीमेंट लेने से जी मिचलाना , एसिडिटी होना , मुंह में खराब स्वाद रह जाना इत्यादि संभव है |
- ओमेगा 3 की हाई डोज़ लेने से रक्त में शुगर का लेवल बढ़ जाता है।
- ओमेगा 3 के ओवर डोज़ से इनसोमनिया ( निन्द नहीं आने की समस्या ) और एंग्जायटी की समस्या उत्पन्न होती है |
और पढ़ें
0 Comments